फाइलों से फ़िनिश लाइन तक: अनीसा नबी की अनोखी दौड़

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 28-06-2025
From files to the finish line: Anisa Nabi's unique race
From files to the finish line: Anisa Nabi's unique race

 

ssनीसा नबी की फिटनेस यात्रा न सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि यह प्रशासन, खेल और सामाजिक परिवर्तन के बीच की सीमाओं को भी चुनौती देती है. जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा की 2012-2 बैच की अधिकारी अनीसा वर्तमान में युवा सेवा और खेल विभाग के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर खेल परिषद में मुख्य खेल अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं. लेकिन उनकी पहचान केवल एक सिविल सेवक तक सीमित नहीं है. उन्होंने पारंपरिक नौकरशाही छवि को तोड़ते हुए अपने भीतर के एथलीट, मार्गदर्शक और समाज-निर्माता को भी समान रूप से जीवित रखा है.द चेंजमेकर्स के तहत यहां प्रस्तुत है दानिश अली की अनीसा नबी पर विस्तृत रिपोर्ट.

राजस्व, राज्य कर, ग्रामीण विकास और सचिवालय जैसे विभिन्न अहम विभागों में कार्य कर चुकी अनीसा ने जहां एक ओर प्रशासनिक दक्षता का परिचय दिया, वहीं दूसरी ओर अपने एथलेटिक जुनून को भी कभी पीछे नहीं छोड़ा. अक्सर वह दफ्तर जाने से पहले तड़के सुबह दौड़ लगाने निकल जाती थीं.

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उनके शब्दों में, यह कभी किसी एक को चुनने का सवाल नहीं था, बल्कि यह अनुशासन को दोनों क्षेत्रों में लाने और सेवा तथा खेल को एक-दूसरे से जोड़ने की बात थी. एक अनुभवी धावक के रूप में उन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अनेक छोटी व लंबी दूरी की दौड़ों में भाग लिया है और कई पदक हासिल किए हैं.

स्टेट मास्टर्स एथलेटिक चैंपियनशिप में 100 और 200 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक और ऑल इंडिया मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 800 मीटर में रजत पदक उनके समर्पण का प्रमाण हैं.

दिल्ली, मुंबई और दुबई जैसे शहरों की प्रतिष्ठित हाफ मैराथनों को सफलतापूर्वक पूरा कर चुकी अनीसा, प्रतिस्पर्धी खेलों से परे सामाजिक अभियानों में भी सक्रिय रही हैं.

उन्होंने महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और सशक्तिकरण पर केंद्रित अनेक जागरूकता दौड़ों में प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया है.

उन्हें आधिकारिक रूप से ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ की एंबेसडर के रूप में मान्यता भी प्राप्त है – यह भूमिका उनके फिटनेस और कल्याण के प्रति गहरे जुड़ाव को दर्शाती है.

एक ऐसे समाज में जहाँ खेलों में महिलाओं की भागीदारी अब भी कई सांस्कृतिक और सामाजिक बंदिशों से बंधी है, अनीसा ने बदलाव की बागडोर अपने हाथों में ली है. उन्होंने भाषणों से अधिक अपने उदाहरण से नेतृत्व किया.

उनकी सबसे उल्लेखनीय पहलों में ‘वंडरस वूमेन कम्युनिटी’ है – एक ऐसा फिटनेस आंदोलन जिसकी स्थापना उन्होंने महिलाओं को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, मानसिक रूप से मजबूत बनने और फिटनेस के ज़रिए आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाने के लिए की थी.

यह मंच न केवल शारीरिक स्वास्थ्य का मार्गदर्शन देता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य, प्रेरणादायक कहानियों और आपसी समर्थन से एक सशक्त महिला समुदाय का निर्माण करता है. अनीसा के अनुसार, वंडरस वूमेन एक साधारण ग्रुप नहीं, बल्कि एक ऐसा सुरक्षित स्थान है जहाँ महिलाएँ एक-दूसरे को संबल देती हैं, अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानती हैं और आधुनिक समाज में फिट रहने की परिभाषा को नए सिरे से गढ़ती हैं.

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इसके अलावा, अनीसा ने जम्मू-कश्मीर में पिकलबॉल जैसे रैकेट खेल को लोकप्रिय बनाने में भी अग्रणी भूमिका निभाई है और वह क्षेत्र की पिकलबॉल एंबेसडर भी हैं. उनका योगदान जमीनी स्तर के खेल विकास से लेकर अंतरराष्ट्रीय खेल विमर्श तक फैला हुआ है. उनके कार्य केवल आयोजन तक सीमित नहीं, वे एडवेंचर स्पोर्ट्स, ट्रेकिंग और सामुदायिक मैराथनों में सक्रिय भागीदारी के ज़रिए युवाओं को प्रेरित करती हैं.

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मुख्य खेल अधिकारी के रूप में उनकी वर्तमान भूमिका उन्हें राज्य के खेल भविष्य को नई दिशा देने का अवसर प्रदान करती है. प्रशासन और खेल दोनों क्षेत्रों में अनुभव होने के कारण अनीसा उन पहलों में सहानुभूति और समझ के साथ नेतृत्व कर रही हैं जो खेल के बुनियादी ढांचे को सुधारने, एथलीट कल्याण को प्राथमिकता देने और विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने की दिशा में काम कर रही हैं.

विभिन्न मुद्राओं में अनीसा नबी. कश्मीर में खेल को दे रही हैं बढ़ावा

उनकी कहानी केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों की गाथा नहीं, बल्कि यह पारंपरिक सीमाओं को तोड़ने, साहसिक निर्णय लेने और समाज में नई सोच को जन्म देने की मिसाल है. चाहे वह सरकारी दफ्तरों की फाइलें हों या दौड़ का ट्रैक, अनीसा नबी हर जगह यह दिखा रही हैं कि फिटनेस, नेतृत्व और सेवा केवल अलग-अलग रास्ते नहीं, बल्कि एक ही प्रेरणादायक यात्रा के हिस्से हैं – जो यह सिखाती है कि हर साहसिक कदम, असंभव को संभव बना सकता है.