यूपीएसी 2023 में 253 वीं रैंक लाने वाली अरीबा सगीर बोलीं, मा-बाप की मेहनत का नजीता है यह

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 20-04-2024
Ariba Sagir got 253rd rank in UPSC CSE 2023
Ariba Sagir got 253rd rank in UPSC CSE 2023

 

अंदलीब अख्तर / नई दिल्ली

‘‘ मेरी तैयारी के दौरान मेरे माता-पिता का जबरदस्त समर्थन सबसे बड़ी संपत्ति रही. मेरा परिवार पूरी मजबूती से मेरे पीछे खड़ा रहा’’. यह कहना है अरीबा सगीर का, जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023  में 253 वां रैंक प्राप्त किया है.

अरीबा कहती हैं “मेरे पिता मोहम्मद सगीर हुसैन, जो पेशे से लेखक हैं, ने मुझ पर सबसे स्थायी प्रभाव डाला है. वह मेरे आदर्श बने हुए हैं. मेरी मां फिरदौस सगीर ने मुझे सबसे मजबूत प्रेरणा दी है. मेरे भाई, ज़ुहैर बिन सगीर, एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी, प्रेरणा और प्रेरणा के निरंतर स्रोत रहे हैं. वह वर्तमान में यूपी में एक वरिष्ठ सिविल सेवक हैं. मेरी बहनें डॉ. वरदा सगीर और फ़िज़ा सगीर, मेरी तैयारी के दौरान मेरे स्तंभ और सहारा थीं. मेरे दोस्तों और शुभचिंतकों ने मेरी कभी न चूकने वाली सहायता प्रणाली बनाई”. 
 
नई दिल्ली के फादर एग्नेल स्कूल से स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने ग्रेटर नोएडा के गलगोटियास कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. कोडिंग और प्रोग्रामिंग में उनकी रुचि उन्हें वेबसाइट डिजाइनिंग और विकास के क्षेत्र में ले आई.
 
ariba
 
2018 में उन्होंने यूपीपीएससी में सफलता हासिल की और तब से, वह उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य कर अधिकारी के रूप में काम कर रही हैं. अरीबा सगीर के फादर योगी के स्पेशल सेक्रेट्री हैं. अरीबा सगीर का भाई 1996 का टॉपर है. 
 
क्या कहती हैं परिवार के बारे में

 
मेरे शौक में शामिल हैं, उर्दू शायरी पढ़ना और सुनना, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और ओपन सोर्स. मुझे प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण में रुचि है. इन दिनों मैं अपने पिता के मार्गदर्शन में फ़ारसी सीख रहा हूँ.मेरे पिता, मोहम्मद सगीर हुसैन ने मेरे जीवन पर  अमिट छाप छोड़ी है. वह मेरे आदर्श  हैं.
 
मेरी मां फिरदौस सगीर ने मुझे मजबूत प्रेरणा दी है . मुझे मेरे लक्ष्य की ओर अग्रसर किया है. मेरे भाई ज़ुहैर बिन सगीर, एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी, प्रेरणा के निरंतर स्रोत रहे हैं. वह वर्तमान में यूपी में एक वरिष्ठ सिविल सेवक हैं. मेरी बहनें, डॉ. वरदा सगीर और फ़िज़ा सगीर, मेरी तैयारी के दौरान मेरे स्तंभ और सहारा थीं. मेरे दोस्तों और शुभचिंतकों ने मेरी कभी न चूकने वाली सहायता प्रणाली बनाई.मेरे पति, नाजिम अकबर, जो उत्तर प्रदेश में एक सेवारत न्यायाधीश हैं, मेरी पूरी यात्रा में मेरे साथ खड़े रहे.
ariba
महिलाओं के प्रति सोच

मैं जिस समुदाय से हूं वहां कार्यबल की भागीदारी बहुत कम है. मेरा मानना है कि शिक्षा आपको पंख देगी. आपको मुक्ति का एहसास कराएगी. इसके लिए हमें आपके दर्पणों को खिड़कियों में बदलना होगा. सभी धर्मों और जातियों की महिलाओं को अपने आराम क्षेत्र से बाहर आना चाहिए. संघर्ष करना चाहिए. प्रयास करना चाहिए. सर्वश्रेष्ठ हासिल करना चाहिए.
 
माता-पिता को अपने बच्चों, विशेषकर बेटियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करनी चाहिए. यदि आप एक लड़के को शिक्षित करते हैं, तो आप एक व्यक्ति को शिक्षित करते हैं, लेकिन यदि आप एक लड़की को शिक्षित करते हैं, तो आप पूरी पीढ़ी को शिक्षित करते हैं.