ओनिका माहेश्वरी / नई दिल्ली
भारत में शादियों का सीजन शुरू होते ही वेडिंग इंडस्ट्री फिर से चर्चा में है। लाखों परिवार अपने सपनों की शादियों को खास बनाने के लिए वेडिंग प्लानर्स की मदद लेते हैं। इसी विषय पर “आवाज़ द वॉइस” ने बातचीत की मशहूर वेडिंग प्लानर मोहसिन खान से, जो वेवा लग्ज़री वेडिंग्स के फाउंडर हैं। मोहसिन ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि आज वेडिंग प्लानिंग एक जादुई और उभरता हुआ करियर बन चुका है।

वेडिंग प्लानर वो व्यक्ति होता है जो किसी के सपनों की शादी को हकीकत में बदलता है। हम क्लाइंट के लिए शुरुआत से लेकर आखिरी फेरे तक हर चीज़ प्लान करते हैं — वेन्यू, थीम, डेकोरेशन, एंटरटेनमेंट, मेकअप आर्टिस्ट, घोड़ी, बग्गी, साफ़ा, यहाँ तक कि ड्राइवर और फल तक। हमारा काम “वन टेक” होता है — शादी में कोई रिटेक नहीं होता, इसलिए परफेक्शन बहुत जरूरी है।
शादी का बजट पूरी तरह क्लाइंट पर निर्भर करता है। लग्ज़री सेगमेंट में शादियाँ पाँच करोड़ से लेकर पचास करोड़ तक की होती हैं। वहीं 20 से 25 लाख रुपये के बजट में होने वाली मिड-लेवल शादियों की डिमांड सबसे ज्यादा है। हर व्यक्ति चाहता है कि उसकी शादी एक यादगार कहानी बने — और हम उसी को संभव बनाते हैं।
आज की ब्राइड्स सोशल मीडिया से काफी इंस्पायर होती हैं — इंस्टाग्राम या बॉलीवुड वेडिंग्स देखकर थीम्स तय करती हैं। हम उनके लिए एक फिल्म डायरेक्टर की तरह काम करते हैं — हर पल को प्लान करते हैं।
डेस्टिनेशन वेडिंग्स का चलन कोविड के बाद तेज़ी से बढ़ा। पहले लोग 1000 मेहमान बुलाते थे, अब 150–200 लोगों में भी भव्य शादियाँ हो रही हैं। लोग अपने शहर से किसी खूबसूरत जगह जाकर शादी करना पसंद करते हैं — जैसे गोवा की बीच वेडिंग, राजस्थान की पैलेस वेडिंग, या मसूरी और जिम कॉर्बेट की नेचर वेडिंग्स। भारत के जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, जैसलमेर और गोवा अब हॉट डेस्टिनेशन बन चुके हैं।

यह अब 50 बिलियन डॉलर की इंडस्ट्री है और हर साल 25–30% की दर से बढ़ रही है। सिर्फ दिल्ली–एनसीआर में करीब 47,000 शादियाँ हर साल होती हैं। देशभर में करीब एक करोड़ से अधिक शादियाँ होती हैं।यानी कि वेडिंग इंडस्ट्री सिर्फ क्रिएटिव नहीं, बल्कि एक बहुत बड़ा बिज़नेस सेक्टर भी है।
2011 में जब हमने शुरुआत की थी, तब लोग हमें “टेंट वाला” समझते थे। कोई हमारी फीस देने को तैयार नहीं था। लेकिन अब लोगों की सोच बदली है — वेडिंग प्लानर को शादी का डायरेक्टर माना जाता है। बॉलीवुड और स्पोर्ट्स स्टार्स की डेस्टिनेशन वेडिंग्स ने भी इस प्रोफेशन को नई पहचान दी है — विराट-अनुष्का, सिद्धार्थ-कियारा जैसी शादियों ने हमारे लिए मार्केट और रिस्पेक्ट दोनों बनाई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी कहा है कि भारतीय शादियाँ विदेशों के बजाय भारत में ही हों। उत्तराखंड सरकार ने भी हमें बुलाकर कहा कि “राज्य में डेस्टिनेशन वेडिंग्स को प्रमोट करें।” इससे लोकल बिजनेस और टूरिज्म दोनों को फायदा होता है। अब शादियाँ सिर्फ सीजनल बिजनेस नहीं रहीं — एनिवर्सरी, बर्थडे, और कॉर्पोरेट इवेंट्स भी अब डेस्टिनेशन पर होते हैं। हमारा काम सालभर चलता है।

अगर आप क्रिएटिव हैं, टीमवर्क पसंद करते हैं और लोगों के सपनों को साकार करने का जुनून रखते हैं, तो यह करियर आपके लिए है। यह ग्लैमर और इमोशन से भरा प्रोफेशन है — पर इसके पीछे बहुत मेहनत और डिटेलिंग छिपी होती है। यह इंडस्ट्री बहुत कुछ देती है, बस धैर्य और लगन जरूरी है।
मोहसिन खान की कहानी यह बताती है कि आज वेडिंग प्लानिंग सिर्फ एक सर्विस नहीं, बल्कि एक कला है। यह इंडस्ट्री न केवल लोगों के सपनों को हकीकत में बदलती है, बल्कि युवाओं के लिए एक सुनहरा करियर अवसर भी बन चुकी है। “वेडिंग प्लानर अब टेंट वाला नहीं, बल्कि सपनों का डायरेक्टर है” — मोहसिन खान की यह बात वाकई इस प्रोफेशन का सही परिचय देती है।