आवाज द वाॅयस/ पटना/ नई दिल्ली
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम सामने आ चुके हैं, और इन नतीजों ने एक बार फिर राज्य की राजनीतिक तस्वीर को स्पष्ट कर दिया है। सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 243 सदस्यीय विधानसभा में दो-तिहाई बहुमत हासिल करते हुए एक प्रचंड जीत दर्ज की है। चुनाव आयोग के अनुसार, एनडीए ने कुल 168 सीटें जीती हैं, जो उसकी शक्ति और जनता के विश्वास को दर्शाता है।

एनडीए की ऐतिहासिक विजय
इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। बीजेपी ने अकेले 79 सीटों पर जीत हासिल की और 10 अन्य सीटों पर आगे रही। उसके प्रमुख सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) यानी जद (यू) ने भी 66 सीटें जीतकर 19 अन्य सीटों पर बढ़त बनाए रखी।
एनडीए में शामिल अन्य घटक दलों का प्रदर्शन भी दमदार रहा। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) यानी लोजपा (रा.वि.) ने 16 सीटें जीतीं और तीन पर आगे रही। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) यानी हम (से.) ने चार सीटें जीतीं और एक पर आगे रही, जबकि राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने तीन सीटें जीतकर एक अन्य पर बढ़त हासिल की।
शुरुआती दौर के अन्य रुझानों में भी एनडीए ने कुल 125 सीटें जीती थीं, जिसमें बीजेपी 64 और जद (यू) 47 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी थी, जबकि लोजपा (रा.वि.) 11 सीटों पर विजय प्राप्त कर चुकी थी। यह दिखाता है कि सत्ताधारी गठबंधन ने शुरू से ही चुनावों में अपनी मज़बूत पकड़ बनाए रखी।
इंडिया ब्लॉक का निराशाजनक प्रदर्शन
विपक्षी इंडिया ब्लॉक के लिए यह चुनाव बेहद निराशाजनक रहा। इस गठबंधन को अब तक केवल 26 सीटें ही मिल पाई हैं। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने 20 सीटों पर जीत हासिल की और पाँच अन्य पर आगे रही, जबकि कांग्रेस पार्टी केवल तीन सीटें जीत सकी और तीन अन्य सीटों पर बढ़त बनाए रखी। वाम दलों में, सीपीआई(एमएल) लिबरेशन ने दो सीटें और सीपीआई(एम) ने एक सीट जीती।
विपक्ष गठबंधन को शुरूआती रुझानों में केवल 17 सीटों पर ही जीत मिली थी, जिसमें आरजेडी 14 सीटों पर और कांग्रेस केवल एक सीट पर जीत दर्ज कर पाई थी। विपक्ष का यह प्रदर्शन बिहार की राजनीति में एक बड़े बदलाव का संकेत देता है, जहाँ उनकी सीटें 2020 के मुकाबले भारी गिरावट दर्ज कर रही हैं।
ओवैसी की पार्टी ने दर्ज की महत्वपूर्ण उपस्थिति
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने इस चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए पाँच सीटें जीती हैं: बहादुरगंज, बैसी, जोकीहाट, कोचाधामन और अमौर। इन सीटों पर उनकी जीत राजनीतिक विश्लेषकों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।
बिहार विधान सभा चुनाव-2025 में राज्यवासियों ने हमें भारी बहुमत देकर हमारी सरकार के प्रति विश्वास जताया है। इसके लिए राज्य के सभी सम्मानित मतदाताओं को मेरा नमन, हृदय से आभार एवं धन्यवाद।
— Nitish Kumar (@NitishKumar) November 14, 2025
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को उनसे मिले सहयोग के लिए उनका नमन करते हुए हृदय…
नीतीश कुमार का आभार और एनडीए का एकजुटता प्रदर्शन
बिहार के मुख्यमंत्री और जद (यू) सुप्रीमो नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ एनडीए को "जबरदस्त जीत" देने के लिए राज्य के लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन ने "पूर्ण एकता प्रदर्शित करके" चुनावों में भारी बहुमत हासिल किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, कुमार ने लिखा, "राज्य की जनता ने हमें प्रचंड जनादेश देकर हमारी सरकार में अपना विश्वास व्यक्त किया है। इसके लिए मैं राज्य के सभी सम्मानित मतदाताओं के समक्ष नतमस्तक हूँ और हार्दिक आभार व धन्यवाद व्यक्त करता हूँ।"
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी धन्यवाद किया और कहा कि एनडीए के सभी सहयोगियों – चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा – के सहयोग से बिहार और आगे बढ़ेगा और देश के सबसे विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल होगा।

चिराग पासवान का विश्वास और विपक्ष की हार का कारण
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने दृढ़ विश्वास व्यक्त किया कि नीतीश कुमार ही राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। पासवान ने तेजस्वी यादव और राहुल गांधी के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन की हार का कारण उनके "अहंकार" को बताया और कहा कि एनडीए सहयोगियों की "एकजुटता में जनता का विश्वास" ही उनकी निर्णायक जीत का कारण बना।
पासवान ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी (लोजपा-रा.वि.) ने 29 सीटों में से 17 सीटें जीतकर एनडीए की स्थिति को मज़बूत किया, जिनमें से कई सीटें पिछले 2020 के चुनावों में महागठबंधन के पास थीं। उनकी पार्टी ने 17 सीटों पर बढ़त हासिल करके गठबंधन को 200 सीटों के आँकड़े को पार करने में मदद की।
प्रमुख विजेताओं का जलवा
उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने तारापुर विधानसभा सीट 45,843 वोटों के बड़े अंतर से जीती। बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार ने गया टाउन सीट पर अपनी अविजित दौड़ जारी रखी, जिसे वह 1990 से जीतते आ रहे हैं। जद (यू) नेता श्रवण कुमार ने कल्याणपुर की अपनी आरक्षित सीट चौथी बार जीती। बीजेपी नेता संजय सरावगी ने लगातार पाँचवीं बार दरभंगा सीट पर जीत दर्ज की।
पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह (बीजेपी), पूर्व मंत्री राणा रणधीर सिंह (बीजेपी), और लोजपा (रा.वि.) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी (गोविंदगंज) भी प्रमुख विजेताओं में शामिल रहे।
दानिश-से-नेता बने अनंत सिंह ने मोकामा सीट जीती, जो पहले उनकी पत्नी के पास थी, जो यूएपीए मामले में उनकी अयोग्यता के बाद इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रही थीं। उन्होंने जन सुराज पार्टी के समर्थक दुलार चंद्र यादव की हत्या के संबंध में जेल में होने के बावजूद जीत हासिल की।
दूसरी ओर, राजद नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद का चेहरा तेजस्वी यादव ने राघोपुर विधानसभा क्षेत्र 11,000 वोटों के अंतर से जीता। यह सीट लालू परिवार का गढ़ मानी जाती है।
दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को हुए 243 सदस्यीय विधानसभा के चुनावों में, बिहार ने 67.13 प्रतिशत की ऐतिहासिक मतदाता भागीदारी दर्ज की थी, जिसमें 2,616 उम्मीदवारों का चुनावी भविष्य तय होना था।