पाकिस्तान क्रिकेट टीम का प्रदर्शन चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में बेहद निराशाजनक रहा, क्योंकि मोहम्मद रिजवान की अगुआई वाली टीम एक मैच पहले ही प्रतियोगिता से बाहर हो गई. पाकिस्तान ने अपने पहले दो मैच न्यूजीलैंड और भारत के खिलाफ गंवा दिए, जिसके बाद खिलाड़ियों और टीम को विशेषज्ञों तथा प्रशंसकों से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा. हालांकि, पाकिस्तान के अंतरिम मुख्य कोच आकिब जावेद ने निराशाजनक प्रदर्शन के लिए बल्लेबाजों को डांटने से इंकार किया.
कोच ने संस्कृति पर सवाल उठाया
आकिब जावेद ने बांग्लादेश के खिलाफ मैच से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वह खिलाड़ियों को डांटने या गालियाँ देने की संस्कृति में विश्वास नहीं करते।.जावेद ने कहा, "हमारी संस्कृति में कोच और शिक्षक खिलाड़ियों को डांटते हैं और गाली देते हैं, लेकिन मैं इस विचारधारा से सहमत नहीं हूं. मैं खिलाड़ियों का सम्मान करता हूं. मुझे विश्वास है कि आप उन्हें मदद कर सकते हैं, उन्हें बेहतर अभ्यास दे सकते हैं, लेकिन मैं उनका अपमान नहीं करूंगा."
टीम की स्कोरिंग दर पर जावेद ने जताई चिंता
आकिब जावेद ने पाकिस्तान टीम की स्कोरिंग दर को लेकर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि यह एक बड़ी समस्या बन गई है. उन्होंने कहा कि टीम कभी भी लक्ष्य को निर्धारित करके नहीं चलती, बल्कि परिस्थितियों के हिसाब से खेल को तय करने की कोशिश करती है. उन्होंने यह भी कहा, "टी20 विश्व कप में, 220 रन का लक्ष्य हमें दूर लगता है, लेकिन हम 120 रन भी नहीं बना पाए। इस तरह के प्रदर्शन से हमें सुधार की जरूरत है और इसके लिए निरंतरता की आवश्यकता है."
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की निरंतरता पर ज़ोर
जावेद ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) में निरंतरता की कमी को भी एक बड़ी समस्या बताया. उन्होंने कहा, "अगर आप पिछले 4-5 सालों को देखें तो क्रिकेट बोर्ड में कई बदलाव आए हैं. जब तक कोई नीति लंबे समय तक लागू नहीं होती, तब तक निरंतरता संभव नहीं है. निरंतरता तभी आएगी जब कोई नीति स्थिरता के साथ लागू हो."
पाकिस्तान टीम के निराशाजनक प्रदर्शन और कोच आकिब जावेद की प्रतिक्रिया ने इस बात को स्पष्ट कर दिया कि पाकिस्तान क्रिकेट को न केवल खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार की आवश्यकता है, बल्कि क्रिकेट बोर्ड की नीतियों में भी स्थिरता और निरंतरता की आवश्यकता है, ताकि टीम भविष्य में बेहतर प्रदर्शन कर सके.