ईरान में चमका भारत का सितारा: मोहम्मद लुकमान अली की शानदार उपलब्धि

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 16-10-2025
India's star shines in Iran: Lukman's remarkable achievement
India's star shines in Iran: Lukman's remarkable achievement

 

आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली

जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के पूर्व छात्र और वर्तमान कर्मचारी मोहम्मद लुकमान अली ने ईरान के उरुमिह में आयोजित 7वीं एशियाई ज़ुर्कानेह स्पोर्ट्स एंड कोश्ती पहलवानी चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पांचवां स्थान प्राप्त किया. इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में 20 देशों के पहलवानों ने भाग लिया था. लुकमान न केवल एक उत्कृष्ट पहलवान हैं, बल्कि एक मेधावी छात्र भी हैं जिन्होंने जामिया से हिंदी में बीए (ऑनर्स) और समाज कार्य में एमए की पढ़ाई की है.

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उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के छोटे से गांव मुहारका पट्टी से निकलकर उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक का सफर तय किया है. उनके पिता छज्जो अली रेलवे में कार्यरत थे और कुश्ती के शौकीन थे, जिनसे लुकमान को शुरुआती प्रेरणा मिली.

lukmanमां जायदा ने उन्हें नैतिकता और अनुशासन का पाठ पढ़ाया. बचपन में गांव के मिट्टी के अखाड़ों से शुरुआत करने वाले लुकमान ने अपनी मेहनत, लगन और दृढ़ निश्चय से छत्रसाल स्टेडियम जैसे प्रतिष्ठित संस्थान तक पहुंच बनाई। 2018 में उन्हें पहली बड़ी सफलता मिली और तब से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

s2022 में नंदिनी नगर में आयोजित राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप में उन्होंने रजत पदक जीता, जबकि 2023 में थाईलैंड में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए छठा स्थान हासिल किया. लुकमान का मानना है कि शिक्षा और खेल एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं, बशर्ते उन्हें सही दिशा और समय मिले.

जामिया में पढ़ाई करते हुए उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में सफलता प्राप्त कर यह सिद्ध किया है कि समय प्रबंधन, अनुशासन और आत्मसमर्पण के बल पर हर लक्ष्य संभव है. सुबह 4 बजे उठकर अखाड़े में अभ्यास, सख्त दिनचर्या और आत्मविश्वास ही उनकी सफलता की कुंजी हैं.

वह मानते हैं कि कठिनाइयों से डरने की बजाय उनका सामना करना ही असली जीत है. खेल में सफलता के लिए अनुशासन और टीम भावना आवश्यक है. लुकमान न केवल अपने खेल से, बल्कि अपने सामाजिक सरोकारों से भी प्रेरणा देते हैं.

मास्टर ऑफ सोशल वर्क के छात्र के रूप में वे खेल के जरिए समाज में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं. वे आज उन युवा खिलाड़ियों के आदर्श बन चुके हैं जो पढ़ाई और खेल दोनों में संतुलन रखते हुए आगे बढ़ना चाहते हैं.

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ, रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिज़वी और मानद खेल निदेशक प्रो. नफीस अहमद ने उनके समर्पण, मेहनत और उपलब्धियों की सराहना करते हुए उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं.

लुकमान वर्तमान में खेलो इंडिया कुश्ती चैंपियनशिप और आगामी एशियाई इंडोर चैंपियनशिप की तैयारियों में जुटे हैं, उनका अगला सपना 2028 ओलंपिक में देश के लिए पदक जीतना है. उनका जीवन इस बात का उदाहरण है कि प्रतिभा, अनुशासन और सकारात्मक सोच के साथ किसी भी मुकाम तक पहुंचा जा सकता है.

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लुकमान अली सिर्फ एक पहलवान नहीं, बल्कि प्रेरणा के प्रतीक हैं—गांव की मिट्टी से निकला एक सितारा, जो देश का नाम रोशन कर रहा है.

 लुकमान ने जेएमआई से हिंदी में बी.ए. (ऑनर्स) और समाज कार्य में एम.ए. किया है. वह एक असाधारण एथलीट हैं जिन्होंने कई राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिताओं में जेएमआई का प्रतिनिधित्व किया है और कई पदक जीते हैं.

जामिया के  कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ़ ने लुकमान को बधाई दी और इस महत्वपूर्ण सम्मान को प्राप्त करने तथा अंतर्राष्ट्रीय खेल जगत में जामिया का नाम रोशन करने के लिए उनके समर्पण की सराहना की.

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जामिया के रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिज़वी ने ईरान में आयोजित चैंपियनशिप में  अली के असाधारण प्रदर्शन की प्रशंसा की और भविष्य के टूर्नामेंटों के लिए उन्हें शुभकामनाएं दीं.

जामिया के मानद खेल निदेशक प्रो. नफीस अहमद ने विश्वविद्यालय के लिए यह सम्मान प्राप्त करने में  लुकमान की प्रतिबद्धता और परिश्रम की सराहना की. उन्होंने उन्हें अपने दृढ़ संकल्प और ईमानदार प्रयासों से जामिया को गौरवान्वित करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया.