भारत से अमेरिका तक: दीपावली बनी वैश्विक संस्कृति का प्रतीक

Story by  अनिल निगम | Published by  [email protected] | Date 12-10-2025
From India to America: Diwali becomes a symbol of global culture
From India to America: Diwali becomes a symbol of global culture

 

dडॉ. अनिल कुमार निगम

भारत में दीपावली केवल एक पर्व नहीं, बल्कि एक भावना है. यह अंधकार पर प्रकाश की, असत्य पर सत्य की और निराशा पर आशा की विजय का उत्सव। सदियों से यह त्योहार भारतीय संस्कृति की आत्मा का प्रतिनिधित्व करता रहा है. किंतु अब इसकी रोशनी केवल भारत तक सीमित नहीं रही, यह भारतीय सीमाओं को पार कर विश्व के कोने-कोने में फैल चुकी है.

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हाल ही में अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य ने दीपावली के अवसर पर राजकीय अवकाश घोषित किया है. इससे पहले पेंसिल्वेनिया ने भी अक्टूबर 2024 में दीपावली को सार्वजनिक अवकाश के रूप में मान्यता दी थी.

यह न केवल भारतीय प्रवासियों के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि यह इस बात का संकेत भी है कि भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक शक्ति अब वैश्विक मंच पर स्वीकार की जा रही है. दीपावली का मूल भारतीय संस्कृति में है. किंतु इसका संदेश सार्वभौमिक है. यही कारण है कि अब यह त्योहार न केवल हिंदुओं, बल्कि विश्व के विभिन्न समुदायों द्वारा भी उत्साहपूर्वक मनाया जा रहा है.

संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, मलेशिया, मॉरीशस, फिजी, त्रिनिदाद, सूरीनाम, नेपाल और श्रीलंका जैसे देशों में दीपोत्‍सव आज एक सांस्कृतिक उत्सव बन चुका है.

न्यूयॉर्क से लेकर लंदन और सिडनी तक भारतीय प्रवासियों के साथ-साथ स्थानीय नागरिक भी दीपावली के दीयों की चमक में सहभागी बनते हैं. ब्रिटेन के 10 डाउनिंग स्ट्रीट (प्रधानमंत्री कार्यालय) में हर वर्ष दीपावली के अवसर पर विशेष आयोजन होते हैं. सिंगापुर और मलेशिया में तो दीपावली राष्ट्रीय अवकाश के रूप में पहले से ही मनाई जाती है.

टाइम्स स्क्वायर, न्यूयॉर्क में ‘दीवाली एट टाइम्स स्क्वायर’ नामक उत्सव में हज़ारों लोग भारतीय संगीत, नृत्य और भोजन का आनंद लेते हैं.यह दिखाता है कि दीपावली केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक ब्रांड बन चुकी है. यह भारतीयता, विविधता और एकता का दूत है.

अमेरिका में लगभग 50 लाख से अधिक भारतीय मूल के लोग रहते हैं. वे न केवल तकनीकी और आर्थिक क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं, बल्कि सांस्कृतिक पहचान को भी सशक्त बना रहे हैं. 2023 में जब न्यूयॉर्क सिटी एजुकेशन डिपार्टमेंट ने दीपावली को स्कूल छुट्टी के रूप में मान्यता दी, तो यह प्रवासी भारतीयों के लिए गर्व का क्षण था.

अब 2025 में कैलिफोर्निया द्वारा दीपावली को राजकीय अवकाश घोषित किया जाना, उस पहचान को और मजबूती देता है.दरअसल, कैलिफोर्निया जैसे राज्य में भारतीय मूल के लोगों की संख्या और प्रभाव लगातार बढ़ रहा है. वे टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर, शिक्षा, राजनीति और मीडिया जैसे क्षेत्रों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं.

A circular table covered in a tablecloth and decorated for Diwali with yellow lights, a decorative platter, three sets of teacups and saucers, several candles and a bowl of bananas.

दीपावली को राजकीय अवकाश बनाना न केवल सांस्कृतिक सम्मान है, बल्कि यह इस समुदाय के सामाजिक और आर्थिक योगदान की स्वीकारोक्ति भी है.आज की दुनिया में केवल आर्थिक या सैन्य शक्ति ही किसी राष्ट्र की पहचान नहीं बनाती, बल्कि संस्कृति, कला, मूल्य और विचारों का प्रभाव, अधिक महत्वपूर्ण होता जा रहा है. योग, आयुर्वेद, भारतीय भोजन, संगीत, बॉलीवुड, और अब दीपावली, ये सभी भारत की सॉफ्ट पावर के स्तंभ हैं.

भारतीय प्रवासी समुदाय भारत की सांस्कृतिक पहचान का सबसे बड़ा दूत है. विश्व के लगभग हर प्रमुख देश में भारतीय मूल के लोग न केवल आर्थिक रूप से सफल हैं, बल्कि स्थानीय समाज में भी अपनी प्रतिष्ठा बना चुके हैं.

उनकी पहल पर ही कई देशों में दीपावली जैसे भारतीय पर्वों को मान्यता मिली है. उदाहरण के लिए कनाडा में संसद भवन को दीपावली पर रोशनी से सजाया जाता है. ऑस्ट्रेलिया में ‘दीवाली डाउन अंडर’ के नाम से आयोजन होता है. फिजी और मॉरीशस में दीपावली राष्ट्रीय पर्व के रूप में घोषित है. भारतीय समुदाय केवल आर्थिक योगदान नहीं दे रहा, बल्कि भारत की संस्कृति और सभ्यता के दूत के रूप में कार्य कर रहा है.

दीपावली का संदेश केवल पूजा या उत्सव तक सीमित नहीं है. यह विश्वबंधुत्व, सद्भावना और साझी खुशियों का प्रतीक है. जब विभिन्न देशों में दीपावली मनाई जाती है, तो यह केवल भारतीय संस्कृति का उत्सव नहीं होता, बल्कि यह एक वैश्विक मानवीय मूल्य बन जाता है.

संयुक्त राष्ट्र में भारत की भूमिका, विश्व राजनीति में बढ़ता प्रभाव और डिजिटल क्रांति ने भारत की छवि को और सशक्त बनाया है. आज जब कैलिफोर्निया या पेंसिल्वेनिया जैसे अमेरिकी राज्य दीपावली को मान्यता देते हैं, तो यह केवल एक पर्व का सम्मान नहीं, बल्कि भारत की सभ्यता, संस्कृति और मूल्यों की वैश्विक स्वीकृति है। भारत की सांस्कृतिक यात्रा अब स्थानीय नहीं, वैश्विक बन चुकी है.

दीपावली का प्रकाश आज हर उस व्यक्ति के जीवन को छू रहा है, जो सकारात्मकता, सहयोग और सद्भाव में विश्वास रखता है.आज की यह स्थिति इस बात का प्रमाण है कि भारतीय संस्कृति केवल भारत की नहीं, बल्कि विश्व की धरोहर बन चुकी है. दीपावली का वैश्विक उत्सव इसी सच्चाई का प्रतीक है. अब दुनिया भारत को केवल एक राष्ट्र के रूप में नहीं, बल्कि एक सभ्यता, एक विचार और एक प्रेरणा के रूप में पहचानने लगी है.

कैलिफोर्निया और पेंसिल्वेनिया में दीपावली को राजकीय अवकाश के रूप में मान्यता मिलना भारत के लिए गौरव का विषय है.यह न केवल प्रवासी भारतीयों की उपलब्धियों का प्रमाण है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक शक्ति और वैश्विक प्रभाव का परिचायक भी है.दीपावली की यह रोशनी अब केवल घरों और मंदिरों में नहीं, बल्कि विश्व के मानचित्र पर भी चमक रही है.

(लेखक स्‍वतंत्र टिप्‍पणीकार हैं।)