बातुमी (जॉर्जिया)
भारत की युवा अंतरराष्ट्रीय मास्टर दिव्या देशमुख ने फिडे महिला विश्व शतरंज कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए इतिहास रच दिया। उन्होंने बुधवार को सेमीफाइनल के दूसरे गेम में चीन की पूर्व विश्व चैंपियन झोंगयी टैन को पराजित कर मिनी मैच 1.5-0.5 से अपने नाम किया और पहली बार टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बना ली।
इस जीत के साथ ही दिव्या देशमुख महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। यह वही टूर्नामेंट है जो मौजूदा विश्व चैंपियन वेनजुन जू के खिलाफ अगले चुनौतीकर्ता का निर्धारण करेगा।
सेमीफाइनल मुकाबले में दिव्या की जीत 101 चालों में आई, जो उनके रणनीतिक कौशल और आत्मविश्वास का प्रतीक थी। इससे पहले उन्होंने क्वार्टर फाइनल में चीन की दूसरी वरीयता प्राप्त झू झोंर और हमवतन डी. हरिका जैसी अनुभवी ग्रैंडमास्टर्स को मात देकर अपना दबदबा कायम रखा था।
दूसरी ओर, सेमीफाइनल के एक अन्य मुकाबले में भारत की अनुभवी खिलाड़ी कोनेरू हम्पी ने चीन की शीर्ष वरीयता प्राप्त टिंगजी लेई से 75 चालों में ड्रॉ खेला। अब हम्पी को फाइनल में जगह बनाने के लिए टाई-ब्रेकर मैच में लेई का सामना करना होगा।
भारतीय शतरंज के लिए यह पल गौरवशाली है, जहां दो भारतीय महिलाएं एक साथ विश्व कप के अंतिम चरण में दमदार मौजूदगी दर्ज करा रही हैं।