Telangana government directs to create awareness among people about 'Coldrif' cough syrup
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
तेलंगाना सरकार ने सभी जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (डीएम और एचओ) को ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप को लेकर जारी ‘अलर्ट’ के बारे में जनता को जागरूक करने का निर्देश दिया है। इस कफ सिरप में एक जहरीले पदार्थ कथित तौर पर पाया गया है।
डीएम और एचओ को भेजे गए एक पत्र में तेलंगाना सरकार के जन स्वास्थ्य निदेशक ने अधिकारियों को राज्य औषध नियंत्रण प्रशासन द्वारा चार सितंबर को जारी किए गए अलर्ट के बारे में जनता में जागरूकता बढ़ाने का निर्देश दिया है, जिसमें बैच संख्या एसआर-13 के ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप का उपयोग बंद करने के लिए कहा गया है। ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप के इस बैच की दवाओं में कथित तौर पर एक ज़हरीले पदार्थ डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) की मिलावट पाई गई है।
मीडिया के साथ सोमवार को साझा किए गए पत्र (पांच अक्टूबर को जारी) में कहा गया है कि अगर लोगों के पास यह सिरप है, तो उन्हें तुरंत स्थानीय औषध नियंत्रण प्राधिकरण के टोल-फ्री नंबर पर इसकी सूचना देनी चाहिए।
लोक स्वास्थ्य निदेशक ने जिला एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (डीएम एवं एचओ) को बच्चों के लिए कफ सिरप के विवेकपूर्ण निर्धारण और वितरण के संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) द्वारा जारी परामर्श को सख्ती से लागू करने और प्रसारित करने के लिए भी कहा।
डीजीएचएस ने परामर्श में कहा कि बच्चों में होने वाली अधिकांश तीव्र खांसी की बीमारियाँ स्वतः ही ठीक हो जाती हैं और अक्सर औषधीय हस्तक्षेप के बिना ही ठीक हो जाती हैं।
इसमें कहा गया है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी और जुकाम के लिए दवा देने का न तो परामर्श देना चाहिए और न ही उन्हें ये दवाएं दी जानी चाहिए। आमतौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए इनकी सिफारिश नहीं की जाती है और इससे अधिक उम्र के बच्चों को दवा देते समय सावधानी बरतनी चाहिए, दवा का नैदानिक मूल्यांकन करना चाहिए और उचित खुराक एवं अन्य प्रासंगिक सावधानियों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।
मध्य प्रदेश सरकार ने सात सितंबर से छिंदवाड़ा जिले में गुर्दे के संदिग्ध संक्रमण के कारण नौ बच्चों की मौत के बाद चार अक्टूबर को ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया।