आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्य सरकार को पूर्व सूचना दिए बिना दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने 65,000 क्यूसेक पानी छोड़ दिया। इसके साथ ही उन्होने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम डीवीसी पर विजयादशमी समारोह के दौरान दक्षिण बंगाल के जिलों में जानबूझकर बाढ़ जैसी स्थिति पैदा करने का आरोप लगाया.
सोशल मीडिया पर तीखे शब्दों में लिखे एक पोस्ट में ममता बनर्जी ने पानी के छोड़े जाने को ‘‘लापरवाह और शर्मनाक’’ बताया और कहा कि इसने ‘‘बंगाल में लाखों लोगों के जीवन को खतरे में डाल दिया.
उन्होंने कहा, ‘‘विजयादशमी दुर्गा पूजा के समापन का प्रतीक है - जो आनंद, उल्लास और नयी उम्मीदों का समय होता है। फिर भी, पश्चिम बंगाल के लोगों को त्योहार शांति से मनाने देने के बजाय, डीवीसी ने राज्य को बिना किसी पूर्व सूचना के 65,000 क्यूसेक पानी छोड़ दिया। यह लापरवाही हमारे पवित्र उत्सवों के दौरान परेशान करने की कोशिश से कम नहीं है.
इसके करीब दो घंटे बाद, उन्होंने एक अन्य पोस्ट में दावा किया कि डीवीसी ने शुक्रवार शाम तक 1,50,000 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा है।
ममता ने इसे ‘‘पूरी तरह अस्वीकार्य’’ बताते हुए आरोप लगाया कि यह प्राकृतिक आपदा के बजाय ‘‘डीवीसी द्वारा निर्मित आपदा’’ है।
उन्होंने सख्त लहजे में कहा, ‘‘मैं साफ कर दूं: मैं किसी को भी बंगाल का विसर्जन नहीं करने दूंगी। हमारे लोगों के खिलाफ हर साजिश का पूरी ताकत से विरोध किया जाएगा। छल पर सत्य की जीत होगी और बुराई पर अच्छाई की विजय होगी। जय मां दुर्गा!’’
बाद में, ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि छोड़े गए पानी की मात्रा बढ़ गई है। उन्होंने डीवीसी पर संकट को और बढ़ाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि डीवीसी द्वारा जानबूझकर पानी छोड़े जाने के बारे में नवीनतम जानकारी यह है कि उन्होंने आज शाम तक मैथन और पंचेत बांधों आदि से 1,50,000 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ दिया है ताकि त्योहारों के मौसम में पश्चिम बंगाल में बाढ़ आ जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘यह लाखों लोगों को पीड़ा पहुंचाने की चाल है...। शर्मनाक, असहनीय, अस्वीकार्य! हम इसका विरोध करते हैं!!"
राज्य सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि शुक्रवार तक मैथन और पंचेत जलाशयों से छोड़ा गया पानी बढ़कर 70,000 क्यूसेक हो गया है। इसके अलावा दुर्गापुर बैराज से 59,075 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ा गया है।