सावरकर मानहानि मामला: राहुल गांधी के वकील ने ‘खतरे’ संबंधी याचिका वापस ली

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 14-08-2025
Savarkar defamation case: Rahul Gandhi's lawyer withdraws plea on 'threat'
Savarkar defamation case: Rahul Gandhi's lawyer withdraws plea on 'threat'

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के वकील मिलिंद पवार ने गुरुवार को पुणे की एक अदालत से वह याचिका वापस ले ली, जिसमें दावा किया गया था कि हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर के अनुयायियों से उन्हें खतरा है. अदालत ने याचिका वापसी को स्वीकार कर लिया.
 
बुधवार को यह याचिका दायर होने के कुछ ही घंटों बाद पवार ने कहा था कि यह राहुल गांधी की सहमति के बिना दाखिल की गई थी और इसे वापस लिया जाएगा. देर रात जारी प्रेस विज्ञप्ति में पवार ने बताया कि उन्होंने बिना परामर्श के यह आवेदन तैयार किया था और राहुल गांधी ने इसके मजमून से असहमति जताई है.
 
पवार, सावरकर के प्रपौत्र सत्यकी सावरकर द्वारा दायर मानहानि मामले में राहुल गांधी का पक्ष रख रहे हैं. यह मामला कांग्रेस नेता के उन बयानों को लेकर है, जिनमें उन्होंने दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी और हिंदुत्व विचारक वी. डी. सावरकर पर टिप्पणी की थी.
 
बुधवार को दाखिल की गई याचिका में कहा गया था कि सत्यकी सावरकर ने स्वीकार किया है कि वे नाथूराम गोडसे और गोपाल गोडसे, जो महात्मा गांधी की हत्या के मुख्य आरोपी थे की मातृपक्षीय वंशावली से भी प्रत्यक्ष संबंध रखते हैं. इसमें यह भी उल्लेख था कि हाल में राहुल गांधी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर धांधली के सबूत पेश किए थे, और संसद में हिंदुत्व विषय पर प्रधानमंत्री के साथ उनका तीखा वाद-विवाद हुआ था.
 
याचिका में आरोप लगाया गया था कि इस पृष्ठभूमि में, सावरकर के विचारों से जुड़े लोग, जिनमें सत्ता में मौजूद कुछ अनुयायी भी शामिल हैं, राहुल गांधी के प्रति शत्रुता रख सकते हैं. साथ ही, राजनीतिक माहौल और शिकायतकर्ता की पारिवारिक पृष्ठभूमि को देखते हुए, गांधी को नुकसान पहुंचाने या गलत तरीके से फंसाने का खतरा है.
 
इस मामले में अदालत पहले ही राहुल गांधी को जमानत दे चुकी है, जबकि ट्रायल शुरू होना बाकी है। सत्यकी सावरकर का आरोप है कि मार्च 2023 में लंदन में दिए गए एक भाषण में राहुल गांधी ने दावा किया था कि वी. डी. सावरकर ने अपनी किसी किताब में लिखा है कि वे और उनके पांच-छह दोस्तों ने एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी और उन्हें इसमें खुशी हुई थी. शिकायत में कहा गया है कि ऐसा कोई वाकया कभी हुआ ही नहीं और न ही सावरकर ने इस तरह का कोई उल्लेख किया था.