आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
सरकार ने शनिवार को विपक्षी कांग्रेस पार्टी पर सबसे बड़े जीएसटी सुधारों का श्रेय लेने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी उस समय सदन में मौजूद भी नहीं थी, जब ऐतिहासिक 'एक राष्ट्र, एक कर' कानून पारित हुआ था.
शीर्ष सरकारी सूत्रों ने साथ ही कहा कि इस संबंध में कांग्रेस के बयानों से पाखंड की बू आ रही है.
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के इतिहास को याद करते हुए उन्होंने कहा कि 2004 में जब कांग्रेस केंद्र की सत्ता में आई थी, तब अर्थव्यवस्था ''पूरी तरह स्वस्थ'' थी, लेकिन फिर भी वह राज्यों को जीएसटी के लिए एकजुट नहीं कर पाई, क्योंकि उनके नेताओं में ''बड़प्पन'' का अभाव था.
सूत्र ने कहा, ''कांग्रेस पार्टी अब कर दरों और स्लैब में कटौती की हमारी गरीब समर्थक, मध्यम वर्ग समर्थक और एमएसएमई समर्थक योजना का श्रेय लेने के लिए बेताब है। कांग्रेस ऐसा ही करती है, जबकि उसका रवैया बाधा डालने वाला और आम आदमी के खिलाफ है.