Government should soon release 'official discussion paper' on 'GST 2.0': Congress
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
कांग्रेस ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की संशोधित व्यवस्था में पांच प्रतिशत एवं 18 प्रतिशत वाली सिर्फ दो कर दरों के प्रस्ताव को लेकर शनिवार को कहा कि ‘जीएसटी 2.0’ पर जल्द ही एक ‘आधिकारिक चर्चा पत्र’ जारी किया जाए, ताकि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर व्यापक विचार विमर्श हो सके.
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि जीएसटी में सुधार हो, लेकिन इसे इस तरह से किया जाना चाहिए कि राज्यों के लिए राजस्व संबंधी अनिश्चितता कम से कम हो.
रमेश ने एक बयान में कहा, ‘‘डेढ़ साल से भी ज़्यादा समय से कांग्रेस आमूलचूल परिवर्तन के साथ जीएसटी 2.0 की मांग कर रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए जारी कांग्रेस के घोषणापत्र में यह एक प्रमुख वादा था। कल, प्रधानमंत्री को आखिरकार इस बात का एहसास हुआ कि जब तक यह परिवर्तन नहीं होगा और निजी उपभोग व निजी निवेश में वृद्धि नहीं होगी, आर्थिक विकास में तेज़ी नहीं आएगी.
उन्होंने दावा किया, ‘‘पिछले सात वर्षों में जीएसटी की भावना बढ़ती दरों और कई छूटों के कारण दूषित हुई है. ऐसा लगता है कि इस ढांचे ने कर चोरी को भी बढ़ावा दिया है.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि जीएसटी की दरों की संख्या में भारी कमी होनी चाहिए और दर ढांचे का सरलीकरण आवश्यक है, लेकिन इसे इस तरह से किया जाना चाहिए कि राज्यों के लिए राजस्व अनिश्चितता कम से कम हो और वो वर्गीकरण विवाद भी समाप्त हो जाएं, जो अब आम हो गए हैं.
रमेश ने कहा, ‘‘जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर 31 मार्च, 2026 को समाप्त हो रहा है. दर ढांचे के युक्तीकरण से उत्पन्न किसी भी राजस्व अनिश्चितता को दूर करने के लिए इसकी अवधि बढ़ाई जानी चाहिए.
कांग्रेस नेता के अनुसार, अर्थव्यवस्था में प्रमुख रोज़गार सृजक एमएसएमई की व्यापक चिंताओं का सार्थक समाधान किया जाना चाहिए.