आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने पर डॉ. यूनुस ने कहा,"हम मुक्त हो गए हैं और अब हम एक आजाद देश हैं. जब तक वो यहां थीं, हम कब्जे में थे. वो एक कब्जा करने वाली शक्ति, एक तानाशाह, एक सेनापति की तरह व्यवहार कर रही थीं, वो सब कुछ नियंत्रित कर रही थीं."
बांग्लादेश में सरकार विरोधी व्यापक प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना के अचानक इस्तीफा देने और देश छोड़कर चले जाने के एक दिन बाद ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के नेताओं ने मंगलवार को कहा कि वे नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मुहम्मद यूनुस को देश की अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाना चाहते हैं.
आंदोलन के प्रमुख समन्वयकों में से एक नाहिद इस्लाम ने मंगलवार सुबह सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में कहा कि उन्होंने यूनुस (84) से पहले ही बात कर ली है और वह बांग्लादेश को बचाने की खातिर यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हो गए हैं.
नाहिद इस्लाम ने कहा, ‘‘हमने निर्णय लिया है कि अंतरिम सरकार बनाई जाएगी, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मुहम्मद यूनुस मुख्य सलाहकार होंगे. उनकी व्यापक स्वीकार्यता है.’’
गरीब लोगों के लिए बैंकिंग सुविधा संबंधी यूनुस के प्रयोग ने बांग्लादेश को लघु ऋण का केंद्र होने की पहचान दिलाई. यूनुस फिलहाल देश से बाहर हैं, लेकिन उन्होंने हसीना के अपदस्थ होने का स्वागत किया और इस घटनाक्रम को देश की ‘‘दूसरी मुक्ति’’ करार दिया.
गरीबों की जिंदगी बनाई बेहतर
यूनुस को ग्रामीण बैंक के माध्यम से गरीबी उन्मूलन अभियान चलाने के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उनके इस तरीके को विभिन्न महाद्वीपों में अपनाया गया.
यूनुस और हसीना सरकार के बीच अस्पष्ट कारणों से लंबे समय से विवाद है. हसीना के 2008 में सत्ता में आने के बाद अधिकारियों ने यूनुस के खिलाफ कई जांच शुरू की थीं.
बांग्लादेश के प्राधिकारियों ने 2011 में वैधानिक ग्रामीण बैंक की गतिविधियों की समीक्षा शुरू की थी और सरकारी सेवानिवृत्ति विनियमन का उल्लंघन करने के आरोप में यूनुस को इसके संस्थापक प्रबंध निदेशक पद से हटा दिया था.
मुहम्मद यूनुस पर लगे हैं कई आरोप
यूनुस के खिलाफ दर्जनों मामलों में आरोप लगाए गए हैं. जनवरी में यूनुस को श्रम कानून उल्लंघन के आरोप में अदालत ने छह महीने कारावास की सजा सुनाई थी.
कई लोगों का मानना है कि यूनुस ने 2007 में उस समय राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की थी, जब देश में सैन्य समर्थित सरकार थी और हसीना जेल में थीं. हसीना, यूनुस की इस घोषणा से नाराज हो गई थीं. हालांकि, यूनुस ने अपनी योजना पर अमल नहीं किया था, लेकिन उस समय उन्होंने बांग्लादेशी नेताओं की आलोचना करते हुए आरोप लगाया था कि उनकी रुचि केवल पैसे में है.
शेख हसीना की खिलाफत करते आए हैं मुहम्मद युनूस
यूनुस ने एक साक्षात्कार में देश वापस लौटने और अपना काम जारी रखने की इच्छा जताई थी. उन्होंने साथ मिलकर ‘‘बांग्लादेश को आजाद कराने’’ के लिए छात्रों की प्रशंसा की थी और हसीना पर अपने पिता एवं बांग्लादेश के संस्थापक ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान की विरासत को नष्ट करने का आरोप लगाया था.
बांग्लादेश में सोमवार को उस समय अराजकता फैल गई, जब शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से अचानक इस्तीफा दे दिया और वह सैन्य विमान से देश छोड़कर चली गईं.
हसीना के देश छोड़कर जाने की खबर फैलते ही सैकड़ों लोगों ने उनके आवास में घुसकर तोड़फोड़ और लूटपाट की. देश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में पिछले 15 दिन में 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
पूर्व पीएम खालिदा जिया को रिहा करने का दिया गया आदेश
शहाबुद्दीन ने सोमवार देर रात टेलीविजन पर प्रसारित राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री पद से शेख हसीना का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया है, जो कई मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद से घर में नजरबंद हैं.
नाहिद ने कहा कि समूह ने अंतरिम प्रशासन की रूपरेखा की घोषणा करने के लिए पहले 24 घंटे का समय लिया था, लेकिन अराजक स्थिति के कारण उन्हें नाम की घोषणा तुरंत करनी पड़ी. नाहिद ने राष्ट्रपति से यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने का आग्रह किया.
मुहम्मद यूनुस कौन हैं?
28 जून, 1940 को चटगाँव, बांग्लादेश में जन्मे मुहम्मद यूनुस एक प्रतिष्ठित सामाजिक उद्यमी, बैंकर, अर्थशास्त्री और नागरिक समाज के नेता हैं. 2006 में वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तब प्रसिद्ध हुए जब उन्हें और ग्रामीण बैंक को माइक्रोक्रेडिट और माइक्रोफाइनेंस में उनके अग्रणी कार्य के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिला. ये पहल वंचित उद्यमियों को छोटे ऋण प्रदान करती हैं, जिससे उन्हें पारंपरिक बैंकिंग सेवाओं तक सीमित पहुँच के बावजूद आर्थिक और सामाजिक विकास हासिल करने में मदद मिलती है. नोबेल पुरस्कार के अलावा, यूनुस को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिसमें 2009 में यूनाइटेड स्टेट्स प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ़ फ़्रीडम और 2010 में कांग्रेसनल गोल्ड मेडल शामिल हैं.
उन्होंने 2011 में यूनुस सोशल बिज़नेस - ग्लोबल इनिशिएटिव्स (YSB) की सह-स्थापना की, जो दुनिया भर में सामाजिक व्यवसायों को बढ़ावा देने पर केंद्रित है. YSB इनक्यूबेटर फ़ंड और सलाहकार सेवाओं के माध्यम से इन उद्यमों का समर्थन करता है, जो कंपनियों, सरकारों, फ़ाउंडेशन और NGO जैसे विभिन्न संगठनों के साथ काम करता है. यूनुस ने 2012 से 2018 तक स्कॉटलैंड में ग्लासगो कैलेडोनियन विश्वविद्यालय के चांसलर के रूप में कार्य किया और इससे पहले चटगांव विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर थे. उन्होंने ग्रामीण अमेरिका और ग्रामीण फाउंडेशन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो माइक्रोक्रेडिट में उनके प्रयासों को जारी रखते हैं.
1998 से 2021 तक, वह संयुक्त राष्ट्र फाउंडेशन के बोर्ड सदस्य थे, और संयुक्त राष्ट्र की कई पहलों में योगदान दिया. प्रोफेसर यूनुस की एक व्यापक शैक्षिक पृष्ठभूमि है, उन्होंने बांग्लादेश में ढाका विश्वविद्यालय में अध्ययन किया था, इससे पहले कि वे वेंडरबिल्ट विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र का अध्ययन करने के लिए फुलब्राइट छात्रवृत्ति प्राप्त करते, जहाँ उन्होंने 1969 में अपनी पीएच.डी. अर्जित की. उन्होंने अपने शैक्षणिक जीवन की शुरुआत मिडिल टेनेसी स्टेट यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के सहायक प्रोफेसर के रूप में की और बाद में चटगांव विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग का नेतृत्व करने के लिए बांग्लादेश लौट आए.
अपने पूरे करियर के दौरान, यूनुस ने कई प्रभावशाली पदों पर कार्य किया है, जिसमें महिलाओं पर चौथे विश्व सम्मेलन (1993-1995) के लिए अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार समूह, महिला स्वास्थ्य पर वैश्विक आयोग और महिलाओं और वित्त पर संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ समूह में सेवा करना शामिल है. उनके योगदान को विश्व स्तर पर मान्यता मिली है, जिसमें विज्ञान के लिए मोहम्मद शबदीन पुरस्कार, विश्व खाद्य पुरस्कार, किंग हुसैन मानवतावादी नेतृत्व पुरस्कार, वोल्वो पर्यावरण पुरस्कार, क्षेत्रीय विकास के लिए निक्केई एशिया पुरस्कार, फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट स्वतंत्रता पुरस्कार और सियोल शांति पुरस्कार जैसे पुरस्कार शामिल हैं.
1974 में बांग्लादेश में अकाल के जवाब में, यूनुस ने गरीबों के लिए एक ठोस बदलाव लाने की कोशिश की. उन्होंने व्यक्तियों को अपना छोटा व्यवसाय शुरू करने में मदद करने के लिए दीर्घकालिक ऋण शुरू किया, जिसके कारण ग्रामीण बैंक की स्थापना हुई और माइक्रोफाइनेंस का व्यापक आंदोलन शुरू हुआ. इस अभिनव दृष्टिकोण ने अनगिनत लोगों को गरीबी से बाहर निकलने और अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद की है.
इस साल जनवरी में श्रम कानूनों का उल्लंघन करने के लिए यूनुस को एक अदालत ने छह महीने जेल की सजा सुनाई थी, लेकिन बाद में मार्च में उन्हें जमानत दे दी गई.
उन्हें 2.3 मिलियन अमरीकी डॉलर के गबन के मामले में भी जेल भेजा गया था. गबन का मामला ग्रामीण टेलीकॉम के श्रमिक कल्याण कोष से जुड़ा है, जिसके पास देश की सबसे बड़ी मोबाइल फोन कंपनी ग्रामीणफोन का 34.2 प्रतिशत हिस्सा है, जो नॉर्वे की दूरसंचार दिग्गज टेलीनॉर की सहायक कंपनी है. आरोपों में 250 मिलियन से अधिक टका के गबन और मनी लॉन्ड्रिंग शामिल है. आरोपियों ने यह पैसा श्रमिकों के बजाय ट्रेड यूनियन नेताओं को दे दिया. इस तरह उन्होंने आम श्रमिकों को उनकी सही कमाई से वंचित कर दिया.