अमेरिका में जोहरान ममदानी की नई राजनीति

Story by  हरजिंदर साहनी | Published by  [email protected] | Date 03-11-2025
Zohran Mamdani's New Politics in America
Zohran Mamdani's New Politics in America

 

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हालांकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कभी उन्हें कम्युनिस्ट कहते हैं तो कभी सनकी. इसके बावजूद न्यूयार्क से मेयर पद का चुनाव लड़ रहे डेमोक्रेट जोहरान ममदानी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है.बहुत से लोग और खासकर उनके विरोधी उनके मुसलमान होने को चुनाव का मुद्दा बना रहे हैं.

 कोशिश यह भी हो रही है कि अमेरिका में जिस तरह से गाहे-बगाहे इस्लाम का खौफ या इस्लामफोबिया दिखाया जाता है उसका राजनीतिक इस्तेमाल ममदानी के खिलाफ किया जाए.अब जब मेयर पद का चुनाव कुछ ही दिन दूर है, इन्हीं सब वजहों से यह उम्मीद की जा रही थी कि धर्म के नाम पर चुप्पी साध जाएंगे और चुनाव को मूल रूप से उन्हीं आर्थिक मुद्दों पर लड़ेंगे जिन का जिक्र वे अक्सर अपने भाषणों में करते रहते हैं.

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 इन्हीं भाषणों की वजह से वे लोकप्रिय भी हुए हैं. लेकिन उन्हें यह भी समझा आ रहा होगा कि सिर्फ इतने से ही उनके मुसलमान होने का मुद्दा चुनाव से गायब नहीं होने वाला. शायद इसी वजह से उन्होंने इस मसले से किनारा काटने के बजाए इसे भी अपना मुद्दा बनाने का फैसला किया.

अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में उन्होंने अपने एक भाषण में इस मुद्दे से सीधी टक्कर ली. यह भाषण अब तक काफी चर्चित हो चुका है. इस भाषण के लिए जगह भी बहुत सोच कर चुनी गई. यह जगह थी न्यूयार्क का इस्लामिक कल्चरल सेंटर. सेंटर के बाहर उन्होंने जो भाषण दिया उसमें सारा फोकस इस्लामफोबिया पर था.

भाषण की शुरुआत में ही उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस मौके पर में न्यूयार्क के मुसलमानों से बात करना चाहता हूं.‘‘आगे उन्होंने अपने और अपने आस-पास के लोगों के अनुभव से उन्होंने यह बताने की कोशिश की कि आज के अमेरिका में मुसलमान होने का क्या अर्थ है और 11 सितंबर की आतंकवादी वारदात के बाद अमेरिका में स्थितियां कैसे बदली हैं.

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यह एक भावुक भाषण था जिसमें कईं बार यह लगा कि वे रो पड़ेंगे. ममदानी एक अच्छे वक्ता है. उन्होंने अपने इस भाषण को पटरी से उतरने नहीं दिया. और अमेरिका में बदलाव के अपने धर्मनिरपेक्ष सपने को भी लोगों के सामने रखा. यह बात अलग है कि खबरों में इस बात का ही जिक्र सबसे कम हुआ.

जोहरान ममदानी के इस भाषण की तुलना 2008 में बराक ओबामा द्वारा दिए उस भाषण से की जा रही है जिसमें उन्होंने रेस, असमानता और अमेरिकी राजनीति में एकता की जरूरत की बात की थी. उस भाषण को अमेरिका की आधुनिक राजनीति का एक मील का पत्थर माना जाता है. इस भाषण ने बराक ओबामा की लोकप्रियता अमेरिका के सभी समुदायो में बढ़ा दी थी.

क्या ममदानी के भाषण का भी ऐसा ही असर होगा? अभी यह कहना थोड़ा मुश्किल है. इसलिए भी कि ममदानी के विरोधी यह मान रहे हैं कि इस भाषण से उनके लिए मजहबी ध्रुवीकरण में आसानी होगी. इसे लेकर उन्हें काफी बड़े स्तर पर ट्रोल भी किया जा रहा है.लेकिन यह भाषण लोकप्रिय भी खूब हो रहा है. यह भाषण जब यू-ट्यूब पर अपलोड हुआ तो पांच दिन के भीतर ही इसे 2.5 करोड़ से ज्यादा बार देखा जा चुका था.

इसकी खुलकर आलोचना करने वालों में अमेरिका की उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस भी हैं. उनकी इस आलोचना को भी यू-टूयब पर 2.2 करोड़ लोग देख चुके हैं. सोशल मीडिया पर इसके लिए दक्षिणपंथियों ने जेडी वेंस की काफी तारीफ भी की.

लेकिन जल्द ही एक विडंबना भी दिखाई दी. जेडी वेंस ने बाद में एक माौके पर जब यह बयान दिया उनकी पत्नी हिंदू हैं और उनका धर्म परिवर्तन का फिलहाल कोई इरादा नहीं है तो वही सारे दक्षिणपंथी लोग जो पहले उनकी तारीफ में कसीदे काढ़ रहे थे अब उन्हें ट्रोल करने लग पड़े. 

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)

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