अमेरिका में फैलता नफरत का माहौल

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 27-10-2025
The spread of hatred in America
The spread of hatred in America

 

d हरजिंदर

हर साल की तरह इस बार भी दीपावली व्हाइट हाउस में भी मनाई गई. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दीप जलाते हुए तस्वीरें हमने तकरीबन सभी अखबारों में देखीं.लेकिन व्हाइट हाउस के बाहर बाकी अमेरिका में माहौल इतना सौहार्दपूर्ण नहीं था. भारतीय लोग हालांकि अपनी तरह से अपने घरों में या कहीं कहीं सामूहिक तौर पर दीपावली मना रहे थे, लेकिन इस दौरान सोशल मीडिया में जिस तरह का माहौल बनाया गया वह बताता है कि अमेरिका में भी नफरत कितनी गहरी होती जा रही है.

अमेरिका के कुछ भारतवंशी लोगों ने जब सोशल मीडिया पर दीपावली की बधाई दी तो वहां उनकी ट्रोलिंग शुरू हो गई. कुछ ने कहा कि जिसकी पूजा का यह त्योहार है, वह हमारे भगवान नहीं हैं. कुछ ने तो अमेरिका की तुलसी गबार्ड, निकी हेली और कश पटेल जैसी नामी गिरामी भारतीय मूल की हस्तियों को अमेरिका छोड़ देने को कहा. तुलसी गबार्ड और कश पटेल इस समय ट्रंप प्रशासन के महत्वपूर्ण पदों पर हैं.

खुद  डोनाल्ड ट्रंप कईं बार उनकी सार्वजनिक प्रशंसा भी कर चुके हैं.ऐसा नहीं है कि यह सब कुछ आॅनलाइन ही हुआ. न्यू जर्सी में भारतीय समुदाय के लोगों ने एक जगह दिवाली मनाने का फैसला किया. उन्होंने न सिर्फ त्योहार मनाने, बल्कि दीप जलाने और आतिशबाजी करने की भी इजाजत ली. लेकिन जब यह सब शुरू हुआ तो किसी ने शिकायत कर दी. फायर ब्रिगेड के टेंडरों ने वहां पहंुचकर पानी की बौछार शुरू कर दी.

यह सब जो कुछ हो रहा है वह भारतीयों के खिलाफ उसी नफरती अभियान का हिस्सा है जो पिछले काफी समय से अमेरिका में चल रहा है. अमेरिकी संस्था सेंटर फाॅर द स्टडी आॅफ आर्गेनाइज्ड हेट ने भारतीयों के खिलाफ नफरत का जो अध्ययन किया उसके नतीजे काफी चाौकाने वाले हैं.

संस्था का कहना है कि पूरे अमेरिका में अल्पसंख्यकों के खिलाफ जो नफरत अभियान चल रहा है भारतीयों के खिलाफ चलने वाला नफरत अभियान उसी का एक हिस्सा है. यह नफरत उन भारतीयों के खिलाफ भी उतनी ही है जो अमेरिका के नागरिक हैं और कईं पीढ़ियों से यहां रहा रहे हैं.

संस्था ने यह भी पाया कि यह नफरत मेक अमेरिका ग्रेट अगेन यानी मागा के उसी अभियान का हिस्सा है जो पूरे अमेरिका में चलाया जा रहा है. यहां यह बात ध्यान देने की है कि इस अभियान को खुद डोनाल्ड ट्रंप ने ही शुरू किया है.

वे अक्सर इसका गुणगान करने भी दिखाई देते हैं. इसी के तहत पूरे अमेरिका में मुसलमानों के खिलाफ नफरत को भड़काया गया जिसे इस्लामफोबिया का नाम दिया गया. इसी तरह की एक और नफरत जो वहां दिखाई दे रही है जिसे इंडियाफोबिया कहा जा सकता है.

अमेरिकी विमर्श में यह बात लगातार डाली जा रही है कि कम पढ़े-लिखे भारतीय अमेरिका आकर यहां के लोगों की नौकरियां ले रहे हैं. इसे लेकर तमाम तरह के किस्से कहानियां और चुटकले चलाए जा रहे हैं. यह काफी समय से चल रहा है. इसी विमर्श का नतीजा है कि अमेरिकी सरकार ने एचबी1 वीज़ा के प्रावधानों को जरूरत से कहीं ज्यादा कड़ा कर दिया है.

सेंटर फाॅर द स्टडी आॅफ आर्गेनाइज्ड हेट ने भारतीयों के खिलाफ इस नफरत को सोशल मीडिया साइट टिव्टर यानी एक्स से मापने की कोशिश की. उसने पाया कि वहां भारतीयों के खिलाफ ट्वीट्स की भरमार है. एक जुलाई से सात सितंबर के दौरान 680 ऐसे थे जिन्हें हाई एंगेजमेंट नफरती पोस्ट माना गया. इन्हें कुल मिलाकर 28.12 करोड़ लोगों ने देखा. यह बताता है कि समस्या कितनी गहराई तक जा चुकी है। ऐसी कुल पोस्ट की संख्या तो बहुत बड़ी है.

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)

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