त्वरित टिप्पणीः पीएम मोदी के ठहाकों में ‘भारत पर दबाव’ हुआ धुआं-धुआं

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 27-06-2022
त्वरित टिप्पणीः पीएम मोदी के ठहाकों में ‘भारत पर दबाव’ हुआ धुआं-धुआं
त्वरित टिप्पणीः पीएम मोदी के ठहाकों में ‘भारत पर दबाव’ हुआ धुआं-धुआं

 

राकेश चौरासिया / नई दिल्ली

भारत के अंदर और बाहर कई परिजीवियों और विघ्नसंतोषियों की नस्ल है, जो जी-7 बैठक के लिए जर्मनी यात्रा में व्यस्त पीएम नरेंद्र मोदी पर ‘भारत पर दबाव’ की अटकलों की फायरिंग कर रहे थे. मोदी ने अपने कौशल्य, चातुर्य और देहभाषा से उन अटकलजीवियों की अकाल-कल्पनाओं को धुआं-धुआं कर दिया. मोदी ने अमेरिकी प्रेसीडेंट जो बाइडेन संग ठहाके लगाए, तो फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ बैठकर चाय की चुस्कियों के मध्य चर्चा की.

 

 PM Narendra Modi कनाडा के PM Justin Trudeau का हाथ पकड़कर जैसे ही निकलने की तैयारी करते हैं, पीछे से अमेरिका प्रेसिडेंट Joe Biden आकर मोदी के कंधे पर हाथ रखकर संकेत करते है, 'कहां चले, हमसे भी तो हाथ मिला लो.' मोदी तपाक से हाथ मिलाते हुए बाइडेन के इस अंदाज पर ठहाका लगाते हैं.


पीएम मोदी के म्युनिख दौरे को लेकर कुछ समूहों द्वारा पालित-पोषित कथित विशेषज्ञों द्वारा कहा जा रहा था कि जी-7 ब्रिक्स में पुतिन और शिनपिंग संग स्क्रीन साझा करने पर ‘खबर’ लेगा. मोदी पर दबाव बनाया जाएगा कि यूक्रेन-रूस युद्ध के लिए वे मुखर हों. पश्चिम के रूस-प्रतिबंधों में शामिल हों. 

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ पीएम नरेंद्र मोदी 


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जर्मनी के श्लॉस एलमाऊ में पीएम नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बातचीत की. समझा जाता है कि उनके बीच फ्रांस और भारत के बीच आर्थिक और रणनीतिक संबंधों की विस्तार योजनाओं पर चर्चा हुई. 


मोदी-2.0 में जिस तरह विदेशी राजनय ने सुदृढ़ रीढ़ के बूते पर प्रदर्शन किया है, वह बदलते भारत और विश्व फलक पर मजबूत भारत की तस्वीर पेश करता है.

जहां, तक यूक्रेन-रूस युद्ध पर भारत की प्रतिक्रिया प्रश्न है, उस पर भारत ने कई स्तरों पर स्पष्ट किया है कि वह किसी भी युद्ध, अशांति और आतंकवाद के विरुद्ध है. ऐसी किसी भी स्थिति में कूटनीति और वार्ता के महत्व का समर्थन करता है.

यूएनएससी में भारत ने तमाम पश्चिमी दबावों को खारिज करते हुए रूस के विरुद्ध प्रस्तावों पर अनुपस्थित होकर अपना रुख स्पष्ट किया.

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जर्मनी के संघीय गणराज्य के संघीय चांसलर बी. ओलाफ शोल्स के साथ बेहतरीन मुलाकात की और मोदी ने जी7 बैठक में गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. पीएम मोदी ने कहा, ‘‘हमने वाणिज्य और ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की. हमने अपने ग्रह के लिए पर्यावरण के अनुकूल विकास को आगे बढ़ाने पर भी विचार-विमर्श किया था.’’


पश्चिम और अमेरिकी मित्रों को समझ में आ गया कि क्वॉड और हिंद-प्रशांति स्थिरता के लिए भारत प्रतिबद्ध है, लेकिन उसे मोहरों की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. भारत अपनी नीतियां देश के हितों के संरेखण में निर्धारित करता है. साथ ही भारत रिश्तों को कपड़ों की तरह नहीं बदलता है. भारत की रूस से दशकों पुरानी साझेदारी है और वह उसे यूं ही नहीं छोड़ सकता. विदेश मंत्री एस. जयशंकर का बयान ध्यान देने योग्य है कि ‘हमें किसी अन्य युद्ध में फायदा मिलेगा, इसलिए हमें किसी और युद्ध में साथ देना चाहिए. यह भारत की नीति नहीं है.’

पश्चिम यह बखूबी जानता है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए भारत का सहयोग नितांत आवश्यक है. इसके अलावा भारत मैन्युफैक्चरिंग का इंजन भी बन चुका है, उसकी अनदेखी नहीं की जा सकती.

जलवायु, स्वच्छ ऊर्जा, रिसर्च, इनोवेशन और मैन्युफैक्चरिंग पर बोले मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-7 में कहा कि जलवायु प्रतिबद्धताओं के प्रति भारत का समर्पण उसके प्रदर्शन से स्पष्ट है. पीएम मोदी ने सोमवार को आशा व्यक्त की कि जी-7 के समृद्ध देश जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत के प्रयासों का समर्थन करेंगे और उन्हें देश में उभर रही स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिए विशाल बाजार का दोहन करने के लिए आमंत्रित किया.

जी7 शिखर सम्मेलन में ‘बेहतर भविष्य में निवेशः जलवायु, ऊर्जा, स्वास्थ्य’ सत्र में अपनी टिप्पणी में, मोदी ने भारत के ट्रैक रिकॉर्ड पर प्रकाश डाला और कहा कि उसने गैर-जीवाश्म स्रोतों से 40 प्रतिशत ऊर्जा-क्षमता का लक्ष्य समय से नौ साल पहले हासिल कर लिया है.

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पीएम मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने द्विपक्षीय वार्ता की. पीएम ने कहा, ‘‘हमने वाणिज्य और ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की. हमने अपने ग्रह के लिए पर्यावरण के अनुकूल विकास को आगे बढ़ाने पर भी विचार-विमर्श किया.’’ 


उन्होंने कहा, ‘‘पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल-मिश्रण का लक्ष्य समय से 5 महीने पहले हासिल किया गया है. भारत के पास दुनिया का पहला पूर्ण सौर ऊर्जा संचालित हवाई अड्डा है. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब भारत जैसा बड़ा देश ऐसी महत्वाकांक्षा दिखाता है, तो अन्य विकासशील देशों को भी प्रेरणा मिलती है. हमें उम्मीद है कि जी-7 के समृद्ध देश भारत के प्रयासों का समर्थन करेंगे. आज, भारत में स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों का एक बड़ा बाजार उभर रहा है.’’

उन्होंने कहा कि जी-7 देश इस क्षेत्र में रिसर्च, इनोवेशन और मैन्युफैक्चरिंग में निवेश कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि भारत हर नई तकनीक के लिए जो पैमाना प्रदान कर सकता है, वह उस तकनीक को पूरी दुनिया के लिए वहनीय बना सकता है.

मोदी ने कहा कि चक्रीय अर्थव्यवस्था के मूल सिद्धांत भारतीय संस्कृति और जीवन शैली का अभिन्न अंग रहे हैं.