सेंट्रल वक्फ कौंसिल :भारतीय मुस्लिमों की तरक्की का अनूठा संस्थान

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 27-07-2023
सेंट्रल वक्फ कौंसिल :भारतीय मुस्लिमों की तरक्की का अनूठा संस्थान
सेंट्रल वक्फ कौंसिल :भारतीय मुस्लिमों की तरक्की का अनूठा संस्थान

 

 डॉक्टर शुजाअत अली क़ादरी 

भारत में वक्फ बोर्डोंके तहत मुसलमानों की धर्मार्थ संपत्ति की रक्षा के लिए प्रयोजन किए गए हैं. केंद्रीय वक्फ परिषद अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय केप्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक वैधानिक निकाय है ,जिसकी स्थापनावक्फ अधिनियम, 1954 में दिए गएप्रावधान के अनुसार वक्फ बोर्डों के कामकाज से संबंधित मामलों पर केंद्र सरकार केसलाहकार निकाय के रूप में 1964 में की गई थी.

पहले से प्रचलित मुसलमान वक्फ वैधता अधिनियम 1913 में सुधार के साथ ‘सेंट्रल वक्फ परिषद’ वजूदमें आई. आज इस कौंसिल ने अपनी कार्यप्रणाली के साथ हीबहुत विशिष्ट प्रयोग किए हैं. देश में वक्फ केसमुचित प्रशासन से सम्बन्धित मुद्दों के बारे में परामर्श देने के लिए केन्द्रीयवक्फ परिषद की स्थापना एक स्थाई इकाई के रूप में की गई.

औकाफ का उचित प्रशासनकरना केन्द्रीय वक्फ कौंसिल का मुख्य कर्म है. बाद में वक्फ(संशोधन) अधिनियम, 2013 के प्रावधानोंके तहत परिषद की भूमिका का काफी विस्तार किया गया. परिषद को केंद्रसरकार, राज्य सरकार और राज्यवक्फ बोर्डों को सलाह देने का अधिकार दिया गया है.

यह कौंसिलबोर्ड/राज्य सरकार को धारा 9(4) के तहत बोर्ड केप्रदर्शन, विशेष रूप से उनकेवित्तीय प्रदर्शन, सर्वेक्षण,राजस्व रिकॉर्ड, वक्फ संपत्तियों के अतिक्रमण, वार्षिक और लेखा परीक्षा रिपोर्ट आदि पर जानकारी देने काकार्य करता है.

 वक्फ के प्रभारी केंद्रीयमंत्री कौंसिल के अध्यक्ष होते हैं. कुल 20 तक इसके सदस्य हो सकते हैं जिन्हें भारत सरकारद्वारा नियुक्त किया जा सकता है. वर्तमान मेंकेंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी केंद्रीय वक्फ परिषद की पदेनअध्यक्ष हैं.

इस बार की 12वीं परिषद का गठन 4 फरवरी, 2019 को वक्फ अधिनियम,1995 की धारा 9 की उपधारा (1) और (2) में दिए गए प्रावधान केअनुसार किया गया था. सेंट्रल वक्फ काउंसिल काकार्यालय सेंट्रल वक्फ भवन, साकेत, नई दिल्ली में स्थित है. 

औकाफ की सुरक्षा, पुनर्प्राप्ति और ई-निगरानी आज केन्द्रीयवक्फ कौंसिल के मुख्य कार्य है. इसका उद्देश्यऔकाफ के संरक्षण, विकास में सक्रियभूमिका और उनके कामकाज में सुधार के लिए राज्य वक्फ बोर्डों के साथ मिलकर काम करना है.

केंद्र सरकार, राज्य सरकार और राज्य वक्फ बोर्डों को सलाह देना भीकौंसिल का प्रमुख काम है.  राज्यों और केंद्र शासितप्रदेशों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के कार्यान्वयन की निगरानी करना, वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और पुनर्प्राप्ति और अतिक्रमणआदि को हटाने के लिए कानूनी सलाह देना, राष्ट्रीय वक्फ विकास निगम लिमिटेड द्वारा शहरी वक्फ संपत्तियों के विकास औरतरक्की के लिए संभावित वक्फ भूमि की पहचान के लिए योजना को लागू करने कीजिम्मेदारी भी केन्द्रीय वक्फ कौंसिल की ही है.

कौशल विकास के लिएशैक्षिक और महिला कल्याण योजनाओं को लागू करने और गरीबों, विशेष रूप से महिलाओं को सशक्त बनाने में केन्द्रीय वक्फकौंसिल ने बहुत महती भूमिका निभाई है. इस दौरान कईलाभार्थियों ने केन्द्रीय वक्फ कौंसिल की योजनाओं का लाभ उठाया है. 

राज्य वक्फ बोर्ड केरिकॉर्ड के कम्प्यूटरीकरण की योजना को लागू करने के लिए, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की एक केंद्रीय क्षेत्र कीयोजना को भी कौंसिल ने तैयार किया है. वक्फ (संशोधन)अधिनियम, 2013 में दिए गए प्रावधान केअनुसार राज्य वक्फ बोर्डों के प्रदर्शन पर राज्य सरकार/बोर्डों से आवश्यक जानकारीप्राप्त करने का अधिकार भी केन्द्रीय वक्फ कौंसिल के पास है.

वक्फ मामलों को केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्नविभागों जैसे एएसआई, रेलवे, राजस्व और वन आदि के साथ उठाने की शक्ति भीकेन्द्रीय वक्फ कौंसिल के पास निहित है.  परिषद के हितों को बढ़ावादेने और वक्फ संस्थाओं को उनकी नई भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूककरने के लिए जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने की भी कौंसिल से आशा की जाती है.

कौंसिल ‘शहरी वक्फसम्पत्ति विकास योजना’ चला रही है जिसके तहत औकाफ और वक्फ बोर्डों की वित्तीयस्थिति में सुधार लाने और उन्हें अपने कल्याण कार्यों के क्षेत्र को बढ़ाने मेंसक्षम बनाने के लिए यह योजना खाली वक्फ भूमि को अतिक्रमणकारियों से बचाने औरआर्थिक रूप से व्यवहार्य परियोजनाओं को विकसित करने की दृष्टि से तैयार की गई है.

इन संपत्तियों को अधिक आय उत्पन्न करने और/या कल्याणकारीगतिविधियों को व्यापक बनाने के लिए तैयार किया गया है. इस योजना के तहत, वक्फ भूमि पर आर्थिक रूप से व्यवहार्य भवन, जैसे वाणिज्यिक परिसर, मैरिज हॉल, अस्पताल, कोल्ड स्टोरेज आदि के निर्माण के लिए देश मेंविभिन्न वक्फ बोर्डों और वक्फ संस्थानों को ब्याज मुक्त ऋण दिया जाता है.