नई दिल्ली
हममें से अधिकतर लोग मानते हैं कि अच्छा और पौष्टिक भोजन हमेशा शरीर के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ, जिन्हें हम स्वास्थ्यवर्धक समझकर रोज़मर्रा की डाइट में शामिल करते हैं, वे गुर्दों (किडनी) पर अतिरिक्त दबाव डाल सकते हैं। गुर्दे शरीर के फ़िल्टर की तरह काम करते हैं—वे खून को साफ़ करते हैं, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं, खनिजों का संतुलन बनाए रखते हैं और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
लेकिन जब भोजन के जरिए अधिक प्रोटीन, पोटैशियम या फॉस्फोरस शरीर में पहुँचता है, तो गुर्दों का बोझ बढ़ने लगता है, और समय के साथ यह स्थिति नुकसानदेह बन सकती है।
कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो संतुलन न बिगाड़ें तो लाभकारी हैं, लेकिन लगातार या अधिक मात्रा में सेवन गुर्दों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। आइए समझते हैं—
1. दुबला मांस और प्रोटीन सप्लीमेंट
आजकल फिटनेस ट्रेंड ने प्रोटीन को हर भोजन का अनिवार्य हिस्सा बना दिया है—शेक, बार, चिकन, अंडे, मछली आदि।प्रोटीन मांसपेशियों के लिए ज़रूरी है, लेकिन इसके टूटने पर बनने वाले अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने के लिए किडनी को ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है।स्वस्थ लोगों के लिए मध्यम मात्रा ठीक है, लेकिन किडनी रोग वाले व्यक्तियों के लिए अधिक प्रोटीन नुकसानदायक हो सकता है।
2. पालक, चुकंदर और शकरकंद
ये एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन से भरपूर सुपरफूड माने जाते हैं, लेकिन इनमें ऑक्सालेट की मात्रा अधिक होती है।ऑक्सालेट किडनी स्टोन बनने की संभावना बढ़ाता है।रोज़ाना पालक की स्मूदी या चुकंदर सलाद खाना सेहतमंद लगता है, लेकिन स्टोन की प्रवृत्ति वाले लोगों के लिए यह जोखिमपूर्ण हो सकता है।
3. केले, संतरे और अन्य उच्च-पोटैशियम वाले फल
फल पौष्टिक हैं, लेकिन अधिक सेवन से पोटैशियम बढ़ सकता है।केले, संतरे, कीवी, एवोकाडो, किशमिश, खुबानी आदि में पोटैशियम बहुत अधिक होता है।यदि गुर्दे कमजोर हों, तो पोटैशियम शरीर में जमा होने लगता है और दिल की धड़कन को प्रभावित कर सकता है।
4. नारियल पानी
नारियल पानी हाइड्रेशन के लिए अच्छा है, लेकिन इसमें पोटैशियम की मात्रा भी काफी होती है।कभी-कभार सेवन ठीक है, लेकिन रोज़ाना पीना किडनी पर दबाव डाल सकता है, खासकर यदि पहले से डायबिटीज़, बीपी या किडनी रोग हो।
5. दूध, पनीर और दही
डेयरी उत्पाद कैल्शियम और प्रोटीन देते हैं, लेकिन इनमें फॉस्फोरस भी अधिक होता है।
अगर किडनी इसे फिल्टर न कर पाए, तो शरीर में फॉस्फोरस बढ़ने लगता है, जिससे हड्डियाँ कमजोर होती हैं और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुँच सकता है।
6. दाने और बीज
मेवे और बीज हृदय के लिए अच्छे हैं, लेकिन इनमें ऑक्सालेट और फॉस्फोरस की मात्रा अधिक होती है।किडनी की पथरी की प्रवृत्ति वाले लोगों के लिए यह जोखिम पैदा कर सकता है।सूरजमुखी के बीज, कद्दू के बीज और अखरोट अपेक्षाकृत सुरक्षित माने जाते हैं, लेकिन फिर भी मात्रा संतुलित होनी चाहिए।
7. अचार, किमची और किण्वित खाद्य पदार्थ
ये आंतों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं, लेकिन इनमें नमक की मात्रा बेहद ज्यादा होती है।अधिक नमक से किडनी पर दबाव बढ़ता है और रक्तचाप भी ऊपर जाता है।थोड़ा-बहुत सेवन ठीक है, लेकिन नियमित रूप से अत्यधिक मात्रा नुकसान पहुँचा सकती है।