‘कबूतरखानों’ को बंद करने के विवाद को सुलझाने के लिए सरकार की नई रणनीति

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 07-08-2025
Government's new strategy to resolve the dispute over closing 'pigeon houses'
Government's new strategy to resolve the dispute over closing 'pigeon houses'

 

मुंबई

: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अब भले ही यह कहा हो कि ‘कबूतरखानों’ को अचानक बंद करना उचित नहीं है और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) को पक्षियों को नियंत्रित तरीके से दाना डालने की व्यवस्था करनी चाहिए, लेकिन उनकी ही सरकार ने एक महीने पहले इन्हें बंद करने का आदेश दिया था।

राज्य सरकार ने यह कार्रवाई बॉम्बे हाईकोर्ट के 30 जुलाई के उस आदेश से पहले शुरू कर दी थी, जिसमें कहा गया था कि पैकेट में कबूतरों को एक जगह इकट्ठा करके दाना डालना "सार्वजनिक उपद्रव" है और इससे लोगों के स्वास्थ्य को खतरा है। कोर्ट ने BMC को निर्देश दिया कि ऐसा करने वालों पर FIR दर्ज की जाए।

विवाद बढ़ने के बाद रुख में नरमी

जैसे-जैसे सार्वजनिक स्थानों और विरासत स्थलों पर कबूतरों को दाना डालने पर प्रतिबंध बड़ा विवाद बनता गया, मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस मुद्दे पर चुनावों से पहले विवाद टालने की नीयत से नरम रुख अपनाया और कहा कि पूरी तरह से बंद करने के बजाय नियंत्रित दाना डालने की व्यवस्था की जानी चाहिए।

BMC की सख्ती और विरोध प्रदर्शन

3 अगस्त को BMC ने मुंबई के सबसे प्रसिद्ध कबूतरखाने दादर कबूतरखाना (ग्रेड II विरासत स्थल) को तिरपाल से ढक दिया, जिससे लोग वहां कबूतरों को दाना न डाल सकें।

13 जुलाई से 3 अगस्त के बीच BMC ने 142 लोगों पर कार्रवाई की और उनसे कुल ₹68,700 का जुर्माना वसूला गया।लेकिन बुधवार को स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई जब जैन समुदाय के कुछ लोगों ने मिलकर दादर कबूतरखाने पर डाली गई तिरपाल को जबरन हटा दिया, जिससे पुलिस से झड़प की स्थिति बन गई।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाया और इसके बाद मुंबई उपनगरीय जिले के संरक्षक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा वहां पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शन की निंदा की और कहा कि पुलिस इस मामले में उचित कार्रवाई करेगी।

विधान परिषद में उठाया गया था मुद्दा

यह मामला पहली बार 3 जुलाई को महाराष्ट्र विधान परिषद के मानसून सत्र में शिवसेना नेता मनीषा कायंदे द्वारा उठाया गया था। उन्होंने कहा कि कबूतरखानों से निकलने वाला कचरा और पंख आसपास रहने वाले लोगों के लिए सांस संबंधी गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं।

भाजपा नेता चित्रा वाघ ने भी इस बहस में भाग लेते हुए कहा कि कबूतरों के कारण हुए फेफड़ों के संक्रमण से उनकी मौसी का निधन हो गया था।

सरकार ने 51 कबूतरखानों को माना और बंदी की घोषणा की

उद्योग मंत्री उदय सामंत ने उपनगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से जवाब देते हुए बताया कि मुंबई में कुल 51 कबूतरखाने हैं। उन्होंने सदन को बताया:“BMC को एक महीने के भीतर कबूतरखानों के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया जाएगा और कबूतरखानों को बंद करने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाएगी।”

शिंदे का लिखित उत्तर

कायंदे के लिखित प्रश्न के उत्तर में उपमुख्यमंत्री शिंदे ने बताया कि सांताक्रुज़ (पूर्व), दौलत नगर और सांताक्रुज़ (पश्चिम) में स्थित अनधिकृत कबूतरखानों को पहले ही बंद किया जा चुका है।

सरकार अब पूरी तरह से बंदी के बजाय नियंत्रण और जागरूकता के जरिए इस संवेदनशील मुद्दे को संभालने की दिशा में बढ़ती दिख रही है, ताकि जनता के स्वास्थ्य के साथ-साथ सांस्कृतिक भावनाओं का भी सम्मान किया जा सके।