आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
आज का दिन दुनियाभर के पालतू प्रेमियों के लिए खास है—विश्व बिल्ली दिवस। हर साल 8 अगस्त को यह दिन उन प्यारी और चंचल बिल्लियों को समर्पित होता है, जो अब दुनिया के सबसे लोकप्रिय पालतू जानवर बन चुकी हैं। यह दिवस पहली बार 2002 में अंतर्राष्ट्रीय पशु कल्याण कोष (IFAW) की पहल पर मनाया गया था।
भारत, बांग्लादेश और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में भी बिल्लियाँ तेजी से लोकप्रिय होती जा रही हैं। कॉलेज छात्र हों या बुज़ुर्ग, हर वर्ग के लोग बिल्लियाँ पालने में रुचि रखते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बिल्लियाँ न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि तनाव भी कम करती हैं और मानसिक शांति प्रदान करती हैं।
हमारे देश में घरेलू, फ़ारसी, बंगाल, साइबेरियन जैसी नस्लों की बिल्लियाँ पालतू जानवरों की दुकानों में आसानी से मिल जाती हैं। लेकिन बिल्ली पालना सिर्फ फैशन या शौक की बात नहीं—इसके साथ आती है ज़िम्मेदारी। जैसे-जैसे बिल्लियाँ बड़ी होती हैं, उन्हें अलग तरह की देखभाल की ज़रूरत होती है।
अचानक भूख कम हो जाना
बहुत अधिक या कम चलना
सुस्त रहना या ज़्यादा सोना
ये लक्षण गंभीर बीमारियों जैसे गठिया, मधुमेह, गुर्दे की समस्या या कैंसर के संकेत हो सकते हैं।
नियमित स्वास्थ्य जांच: दिखने में स्वस्थ लगने वाली बिल्ली भी अंदरूनी बीमारी से पीड़ित हो सकती है। समय-समय पर पशु चिकित्सक से जांच कराते रहें।
संतुलित आहार: प्रोटीन, कैलोरी और पोषक तत्वों का सही संतुलन ज़रूरी है। बिल्ली की उम्र और स्वास्थ्य के अनुसार आहार तय करें।
स्वच्छता व सुविधा: बीमार या उम्रदराज बिल्लियों के लिए रेत दान व आराम करने की जगह आसानी से पहुँच योग्य और साफ़ होनी चाहिए।
मानसिक देखभाल: खेलने की व्यवस्था, बातचीत और स्नेह—बिल्लियों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
पशु चिकित्सा की छात्रा और पशु प्रेमी फातिमा फ़िरदौस कहती हैं कि बिल्लियों में सबसे आम बीमारी फ्लू है। इससे बचाव के लिए:
ढाई महीने की उम्र से फ्लू का टीका लगवाएँ
तीन महीने से रेबीज़ का टीका आवश्यक है
फ्लू टीके के एक महीने बाद बूस्टर डोज़ देना न भूलें
फातिमा ने यह भी कहा कि बिल्ली के खेलने और व्यायाम की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति अच्छी बनी रहे।
जहाँ दुनिया भर में कोरोना महामारी के दौरान बिल्लियों को अपनाने की दर में 40% तक वृद्धि हुई (खासकर अमेरिका में), वहीं कुछ देशों में भ्रम फैला कि बिल्लियाँ वायरस फैला सकती हैं। इस गलतफहमी के चलते कई पालतू बिल्लियों को छोड़ दिया गया।
हालाँकि, विशेषज्ञ बताते हैं कि बिल्लियाँ कुछ वायरस ले जा सकती हैं, लेकिन ज़्यादातर मानवों के लिए हानिकारक नहीं होते। रेबीज़ एकमात्र गंभीर वायरस है, जो संक्रमित बिल्ली से फैल सकता है—लेकिन इसका समाधान है।
नियमित टीकाकरण सुनिश्चित करें
असामान्य व्यवहार दिखने पर तुरंत पशु चिकित्सक से मिलें
यदि बिल्ली काटे या खरोंच दे, तो तुरंत डॉक्टर से उपचार लें
बिल्लियों को जंगली जानवरों के संपर्क में आने से रोकें
बिल्लियाँ सिर्फ पालतू जानवर नहीं, परिवार का हिस्सा होती हैं। उनकी देखभाल भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी हमारी अपनी। इस विश्व बिल्ली दिवस, आइए एक वादा करें—हम अपने प्यारे नन्हे साथी की पूरी ज़िम्मेदारी निभाएँगे, ताकि वे भी स्वस्थ, सुरक्षित और खुश रह सकें।
क्या आप अपनी बिल्ली का सही तरह से ख्याल रख रहे हैं?
अगर आपको सलाह, चेकलिस्ट या टीकाकरण शेड्यूल चाहिए, तो बताइए—मैं आपकी मदद कर सकता हूँ।