कम वैक्सीनेशन का ‘कलंक’ मिटाने मैदान में उतरे उलेमा

Story by  यूनुस अल्वी | Published by  [email protected] | Date 03-12-2021
कम वैक्सीनेशन का ‘कलंक’ मिटाने मैदान में उतरे उलेमा
कम वैक्सीनेशन का ‘कलंक’ मिटाने मैदान में उतरे उलेमा

 

यूनुस अल्वी /  नूंह   ( हरियाणा )

सर्वाधिक कम टीकारण वाले देश के 50 जिलों में हरियाणा का मुस्लिम बहुल नूह भी शामिल है. आरोप है कि कोविड 19की वैक्सीन के प्रति गलत धारणाओं के चलते यहां के लोग टीका लगाने से बच रहे हैं. अब इन गलत धारणाओं को धोने और वैक्सीनेशन का प्रतिशत बढ़ाने का बीड़ा उठाया है मेवात के ही मदरसों एवं उलेमा ने.

इनके अचानक सक्रिय होने से वैक्सीनेशन का प्रतिशत बढ़ रहा है. ताजा स्थिति है कि 68गांवों में 100 प्रतिशत टीकाकरण का हो चुका है. यहां तक कि जिले में टीकारण का प्रतिशत 37से बढ़कर अब 58तक पहुंच गया है. नूंह को जब 50फिसड्डी जिलों में शामिल किया गया था तब दोनों वैक्सीन लेने वालों का फीसदी मात्र 8 प्रतिशत था.

देश के 50 जिलों में कम वैक्सीनेशन लगाए जाने के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चिंता प्रकट कर चुके हैं. उन्होंने उन प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक भी की थी और इसका प्रतिशत बढ़ाने के लिए धार्मिक गुरूओं की सहायता लेने का सुझाव भी दिया था.

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प्रोत्साहित करने के लिए नूंह के जिला उपायुक्त शक्ति सिंह


पीएम के चिंता जाहिर करने और रास्ता सुझाने के बाद हरियाणा सरकार और नूंह जिला प्रशासन नए सिरे से सक्रिय हुआ है. वैक्सीनेशन का प्रतिशत बढ़ाने का जिम्मे उन लोगों को सौंप दिया गया जिनपर अक्सर वैैक्सीन को लेकर भ्रांतियां फैलाने के आरोप लगते रहे है .

नूंह जिले के पुन्हाना उपमंडल की मस्जिदों के इमामों और उलमा ने 100 फीसदी वेक्सिनेशन कराने का बीड़ा उठाया है. जिले के उलेमा की ओर से एकजुट होकर लोगों को कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए वैक्सीन लगाने को कहा जा रहा है. मस्जिदों से ऐलान हो रहा है. बगैर दोनों वैक्सीन लगाए महामारी से छुटकारा संभव नहीं.

वैक्सीन के प्रतिशत जागरूकता बढ़ाने को प्रशासनिक अधिकारी, उलेमा और मदरस के लोग सामूहिक रूप से घूम रहे हैं. जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इस क्रम में गांव हथनगांव की मक्का मस्जिद में हजरत मौलाना याहया करीमी, अध्यक्ष जमीअत उलमा-ए-हिंद हरियाणा, पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश के नेतृत्व में इमामों व अन्य उलमा की मीटिंग हुई.

इस दौरान मौलाना यहिया करीमी ने उन्हें कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी के बचाव के लिए 18 साल से अधिक आयु के लोगों को दोनों टीके लगाने को प्रेरित करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि लोगों को बताएं कि इस बीमारी की वजह से दुनिया ही नहीं काबा शरीफ और मदीना की मस्जिद भी वीरान हो गई थीं. कोरोना के चलते हज करने पर पाबंदी लगानी पड़ी थी.

आज भी हालात कुछ ठीक नहीं हैं. हज के लिए सऊदी अरब वही जा सकता है जिसने दोनों टीके लगाए हैं. ऐसे में मेवात के लोगों को टीका लगवाने से भागने की बजाए वैक्सीनेशन में भरपूर दिलचस्पी दिखानी चाहिए.

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उन्होंने प्लेग, चेचक और पोलियो जैसी अन्य बीमारियां की मिसाल देकर लोगों को समझान की कोशिश की. इस दौरान मौलाना याहया करीमी के अलावा कपिल शर्मा प्रवर चिकित्सा अधिकारी पुन्हाना, कंवरलाल नायब तहसीलदार पुन्हाना, दिगंबर सिंह खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी पुन्हाना भी मौजूद थे.

देश भर में वैक्सीनेशन के मामले में नूंह जिले के पिछड़ने के बाद झिमरावट गांव के इस्लामी मदरसा के संचालक मौलाना मोहम्मद इलियास, उस्ताद मोहम्मद हसन, अब्दुल लतीफ, मौलाना जाकिर हुसेन, मौलाना वसीम ,छात्र मोहम्मद असीम, इस्लामुद्दीन, मोहम्मद हुजेदा और मोहम्मद यूसुफ लोगों को जागरूक करने के लिए मैदान में आ गए हैं.

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पुन्हाना उपमंडल की मस्जिदों के इमामों और उलमा ने 100 फीसदी वेक्सिनेशन कराने का बीड़ा उठाया

उनके जज्बे को प्रोत्साहित करने के लिए नूंह के जिला उपायुक्त शक्ति सिंह ने उन्हें सम्मानित किया है. डीसी वैक्सीनेशन के लिए रोल मॉडल बनकर सामने आने पर झिमरावट इस्लामी मदरसा की तारीफ की है.

उलेमा के सकारात्मक पहल को देखते हुए अगले 15 दिनों में नूंह जिला में 100 फीसदी वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा गया है. डीसी स्वीकारते हैं कि उलेमा और मदरसों के रूचि दिखाने से प्रतिदिन जिले में 15 से 17 हजार वैक्सीन लगाई जा रही है. डीसी की माने तो जिले के करीब 60 गांव शतप-प्रतिशत वैक्सीनेशन के करीब पहुंच गया है.