Mothers Day 2025: There is no day for mother, every day is because of mother; Make this Mother's Day special
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
मां एक ऐसा शब्द है, जो सुकून देती है. मां एक ऐसा एहसास, जो आपको जीवन में कभी अकेला नहीं होने देता. इसलिए तो कहा जाता है मां का दिन नहीं होता, बल्कि मां से ही हर दिन होता है.
हर साल मई में मदर्स डे बनाया जाता है. इसी क्रम में इस साल 12 मई को यह खास दिन सेलिब्रेट किया जाएगा. जैसे आपको याद होगा कि हम स्कूल में मां के लिए ग्रीटिंग कार्ड बनाते थे. मां के लिए स्पेशल शायरियां, कहानियां, कविताएं लिखते थे. ठीक वैसे ही आप भी इस बार मां को इन शाहएरियों के जरिए स्पेशल फील करा सकते हैं. आईए यहां पढ़ते हैं कौन सी शायरी से आप मां का दिन स्पेशल बना सकते हैं.
‘मेरी मां मेरी जन्नत है’
सबसे पहले मुनव्वर राना की शायरी
चलती फिरती हुई आंखों से अज़ां देखी है
मैं ने जन्नत तो नहीं देखी है अगर मां जरूर देखी है
क़ैसर-उल जाफ़री ने मां के लिए लिखी ये शायरी
घर लौट के रोएंगे मां बाप अकेले में,
मिट्टी के खिलौने भी सस्ते न थे मेले में
सिराज फ़ैसल ख़ान ने मां के लिए क्या खूब लिखा है
किताबों से निकल कर तितलियां ग़ज़लें सुनाती हैं
टिफ़िन रखती है मेरी माँ तो बस्ता मुस्कुराता है
इक़बाल अशहर ने क्या खूब कहा है
मुद्दतों ब’अद मयस्सर हुआ मां का आंचल
मुद्दतों ब’अद हमें नींद सुहानी आई
ए नींद मुझे मां की तरह अपनी बाहों में ले ले
मैं समंदर की गहराइयों में उतरना चाहता हूं
यह दिन मेरा मां के लिए....