समाजिक बुराईयां दूर करने के लिए आगे आएं उलमाः मौलाना अरशद मदनी

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 01-10-2022
समाजिक बुराईयां दूर करने के लिए आगे आएं उलमाः मौलाना अरशद मदनी
समाजिक बुराईयां दूर करने के लिए आगे आएं उलमाः मौलाना अरशद मदनी

 

नई दिल्ली. जमीयत उलेमा हिन्द के सदर मौलाना अरशद मदनी ने वर्तमान समाज की कुरीतियों और बुराईयों को खत्म करने पर जोर देते हुए कहा कि आज के समाज में जो नई बुराइयां पैदा हो रही हैं. यह आवश्यक है कि विशेष रूप से उलमा और आलिम अपनी अनिवार्य जिम्मेदारी को पूरा करें और अच्छाई की आज्ञा और बुराई के निषेध का पालन करें.

मौलाना मदनी ने आज यहां एक इजलास को संबोधित करते हुए कहा कि इसका अर्थ केवल उलमा ही समझते हैं. इस समय उम्मत, खासकर युवा पीढ़ी की चिंता की सख्त जरूरत है. हजरत दाऊद के राष्ट्र की घटना के संदर्भ में, उन्होंने कहा कि तीन वर्ग के लोग थे, एक वर्ग वे थे, जो पाप और बुराई करते थे. दूसरे वे थे, जो इसे बुरा मानते थे. बुराई करने वालों को बुराई करने से रोके, और तीसरा वर्ग वह था, जिसने बुराई करने वालों को बुराई करने से रोका, इसलिए जब अल्लाह की सजा आई, तो पहले दो वर्ग इसकी चपेट में आ गए.

उन्होंने कहा कि जो वर्ग बुराई से रोकता था, वह सुरक्षित रहता था. इसलिए बुराई को होते देख उन्हें न केवल इसे बुरा मानना चाहिए, बल्कि इसे जितना हो सके, रोकने की कोशिश करनी चाहिए और जमीयत के मंच से उम्मत के सुधार को एक कर्तव्य मानते हुए उलेमा को मस्जिद-दर-मस्जिद समाज सुधार कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए. यदि ऐसा नहीं किया जाता है और बुराइयों को रोकने के प्रयास नहीं किए जाते हैं और इसे अनिवार्य नहीं माना जाता है, तो आप अपनी जिम्मेदारी से इस्तीफा नहीं दे सकते.

बैठक को संबोधित करते हुए जमीयत उलेमा हिंद के संचालक मौलाना सैयद अजहर मदनी ने कहा कि आज हम अपनी आंखों से देख रहे हैं कि हमारे युवा नशे की लत, धंधे और हर तरह की बुराइयों के दलदल में फंस गए हैं. अपनी आंखों से तबाही मचा रहे हैं, इसलिए जरूरी है कि जमीयत उलेमा हिंद के कार्यकर्ता समाज के सुधार को एक आंदोलन के रूप में लें और समितियों द्वारा पड़ोस बनाएं.

उन्होंने कहा कि युवक-युवती, स्त्री-पुरुषों को एकत्रित कर समाज में कुरीतियों को फैलने से रोकने के उपाय किए जाएं, अन्यथा समाज के अन्य सदस्यों की तरह समाज के सुधार को अनावश्यक समझकर समाज भी बर्बाद और नष्ट हो जाएगा. और जरूरी है इसमें शामिल हों और हर मस्जिद में कार्यक्रम आयोजित करें.

इससे पहले दिल्ली प्रांत के जमीयत उलमा के प्रमुख नाजिम मुफ्ती अब्दुल रजाक मजाहिरी ने निजामत के कर्तव्यों का पालन करते हुए बैठक के उद्देश्य पर प्रकाश डाला और कहा कि आज की बैठक का उद्देश्य विभिन्न प्रकार की घटनाओं की रोकथाम के लिए एक कार्य योजना तैयार करना है. समाज और परिस्थितियों में फैली बुराइयों को वर्तमान की समीक्षा करके विभिन्न कारणों से उत्पन्न भय और दहशत के माहौल को दूर करना और साहस पैदा करना है.

जमीयत उलमा दिल्ली प्रांत के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद कासमी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि उम्मा के प्रत्येक सदस्य को विशेष रूप से उलमा और इमामों को अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए. स्थानीय इकाइयों की देखरेख में उप-समितियां बनाई जाएंगी और उनकी जिम्मेदारी को पूरा करने का प्रयास करेगी.

बैठक को मौलाना मुहम्मद फुरकान कासमी खजान, मौलाना अब्दुल हनान कासमी, मौलाना मुहम्मद उमर कासमी, मुफ्ती निजामुद्दीन कासमी, कारी दिलशाद कमर मजाहिरी उपाध्यक्ष, मुफ्ती शमीम अहमद कासमी, मुफ्ती कासिम कासमी, मौलाना जमील अहमद कासमी ने भी संबोधित किया. बैठक में बड़ी संख्या में दिल्ली की मस्जिदों के इमामों और मदरसा नेताओं और अन्य प्रतिष्ठित विद्वानों ने भाग लिया. इनमें मुफ्ती मुहम्मद अयाज मजाहेरी शास्त्री पार्क, अल्हज सलीम रहमानी, मौलाना जमील अख्तर कासमी मुस्तफाबाद, मुफ्ती तसीम अहमद ओखला, मौलाना अब्दुल रज्जाक खानपुर, मुफ्ती असरारुल हक मजाहिरी, मौलाना अब्दुल्ला ओखला, मौलाना मुहम्मद इरफान कासमी लक्ष्मी नगर, कारी हक कासमी, फतेह मुहम्मद ओखला पुरी, इस्लाम लक्ष्मी नगर, मौलाना अब्दुल रशीद आरके पुरम, हाफिज मुहम्मद यासीन नरेला, मौलाना मुहम्मद रशीद होजरानी, मौलाना मुहम्मद याह्या अरसलानी सागरपुर, मौलाना महमूदुल हसन गोविंद पुरी, डॉ मुहम्मद जुबैर ओखला, डॉ रजाउद्दीन शम्स कर्दमपुरी, कारी मुहम्मद खुर्शीद कर्दम पुरी, कारी मुहम्मद सादिक, कारी अब्दुल मनन, कारी आफताब आलम ओखला, मौलाना अखलाक हुसैन होजरानी, मौलाना हुफ्जुर रहमान, मौलाना शहजाद ओखला आदि के नाम उल्लेखनीय हैं.