मौसम परिवर्तन के दौरान स्वस्थ रहने के उपाय

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 26-10-2025
Tips to stay healthy during the change of seasons
Tips to stay healthy during the change of seasons

 

नई दिल्ली

मौसम बदलते ही अक्सर सर्दी, फ्लू और बुखार के मामलों में अचानक वृद्धि हो जाती है। कुछ लोग बीमार होते हैं, तो कुछ फ्लू से उबर रहे होते हैं। खासकर सर्दियों के आगमन से पहले, शरीर संक्रमण और बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि मौसम के बदलाव हमारे स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करते हैं और स्वस्थ रहने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

मौसम परिवर्तन स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है

मौसम हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालता है। तापमान, आर्द्रता और वायुदाब में अचानक बदलाव शरीर पर दबाव डाल सकते हैं। ठंडा मौसम प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है और अस्थमा या ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों को बढ़ा सकता है। वहीं, गर्म और आर्द्र मौसम से निर्जलीकरण और त्वचा संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं। बरसाती और बादलों वाले दिन मूड और ऊर्जा स्तर को प्रभावित करते हैं।

सर्दियों में वायु प्रदूषण और परागकणों का स्तर बढ़ जाता है, जिससे श्वसन संबंधी समस्याएँ और एलर्जी होने का खतरा बढ़ जाता है।

मौसम परिवर्तन और साइनस समस्याएँ

साइनस चेहरे और खोपड़ी की हड्डियों के बीच की गुहाओं से बने होते हैं। ये नाक के मार्ग से जुड़े होते हैं और बलगम बनाने का काम करते हैं।जब मौसम बदलता है—विशेषकर तापमान या आर्द्रता कम होती है—तो साइनस की झिल्लियाँ सूज सकती हैं या जलन हो सकती है।

ठंडी हवा नाक के मार्ग को सुखा देती है, जबकि नमी वाली हवा में बलगम बढ़ सकता है। वायुदाब में बदलाव से साइनस पर दबाव पड़ता है, जिससे सिरदर्द या चेहरे में दर्द हो सकता है। एलर्जी या साइनसाइटिस से पीड़ित लोगों को इन मौसमों में अधिक परेशानी होती है।

जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न स्वास्थ्य समस्याएँ

  • कम प्रतिरक्षा और वायरल संक्रमण से सर्दी और फ्लू।

  • पराग और धूल के स्तर में बदलाव से मौसमी एलर्जी।

  • तापमान परिवर्तन और प्रदूषित वायु से अस्थमा और श्वसन संबंधी समस्याएँ।

  • बैरोमीटर के दबाव में बदलाव से जोड़ों का दर्द और गठिया।

  • ठंड में त्वचा का सूखना या एक्जिमा, और नमी में फंगल संक्रमण।

मौसम संबंधी बीमारियों से बचने के उपाय

  1. उपयुक्त कपड़े पहनें: शरीर को तापमान में बदलाव के अनुकूल बनाने के लिए मौसम के अनुसार कपड़े पहनें।

  2. हाइड्रेटेड रहें: ठंड के मौसम में भी पर्याप्त पानी पिएँ।

  3. स्वच्छता बनाए रखें: मौसमी वायरस के फैलाव को रोकने के लिए नियमित रूप से हाथ धोएँ।

  4. अचानक संपर्क से बचें: गर्म और ठंडे वातावरण से धीरे-धीरे परिचित हों।

  5. संतुलित आहार लें: विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल और सब्जियाँ खाएँ।

प्रतिरक्षा बढ़ाने के उपाय

  • पर्याप्त नींद लें: नींद प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है।

  • नियमित व्यायाम करें: मध्यम व्यायाम रक्त परिसंचरण और संक्रमण के प्रति प्रतिरोध बढ़ाता है।

  • प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ: खट्टे फल, अदरक, हल्दी, लहसुन और दही खाने से प्रतिरक्षा मज़बूत होती है।

  • विटामिन डी लें: रोज़ाना धूप में बैठें ताकि पर्याप्त विटामिन डी मिले।

  • तनाव कम करें: ध्यान, प्रार्थना या गहरी साँस लेने का अभ्यास प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए लाभकारी है।

मौसम बदलने के समय इन सरल उपायों को अपनाकर आप बीमारियों से बच सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं।