सर्दियों में फेफड़ों को स्वस्थ रखेगा यह आसान घरेलू पेय

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 14-11-2025
This easy homemade drink will keep your lungs healthy this winter.
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नई दिल्ली

सर्दियों के साथ ही हवा में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ जाता है। हवा में मौजूद सूक्ष्म कण (PM 2.5) और नाइट्रोजन ऑक्साइड फेफड़ों के भीतर तक पहुँच जाते हैं, जिससे खांसी, सांस लेने में दिक्कत और लंबे समय तक फेफड़ों को नुकसान जैसी समस्याएँ बढ़ जाती हैं। ऐसे में बहुत से लोग फिर से उन पारंपरिक घरेलू नुस्खों की ओर लौट रहे हैं, जो फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माने जाते हैं। इन्हीं में से एक है – गुनगुने पानी में गुड़ मिलाकर पीना। यह पेय शरीर की प्राकृतिक सफाई प्रक्रिया में मदद करता है और फेफड़ों को प्रदूषण के असर से बचाने में सहायक होता है।

गुड़ फेफड़ों के लिए कैसे फायदेमंद है?

गुड़ गन्ने के रस से तैयार की जाने वाली एक प्राकृतिक, अपरिष्कृत चीनी है। इसमें आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे कई खनिज और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। पारंपरिक रूप से गुड़ का इस्तेमाल खून को साफ करने, गले की खराश को शांत करने और श्वसन तंत्र से विषैले तत्वों को बाहर निकालने के लिए किया जाता रहा है।

जब गुड़ को गुनगुने पानी में मिलाकर पिया जाता है, तो यह एक हल्के कफ निस्सारक (expectorant) की तरह काम करता है। यह बलगम को ढीला कर बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे सांस लेना आसान होता है। खासतौर पर उन लोगों के लिए यह उपयोगी है जो प्रदूषण या धुएं के संपर्क में अधिक रहते हैं। नियमित रूप से इसका सेवन करने पर इसके सकारात्मक प्रभाव खुद महसूस किए जा सकते हैं।

आधुनिक शोध क्या बताते हैं

आधुनिक पोषण विज्ञान के अनुसार, गुड़ म्यूकोसिलरी क्लीयरेंस प्रक्रिया में सहायक होता है — यह फेफड़ों की एक प्राकृतिक रक्षा प्रणाली है जो हवा के साथ अंदर आए धूल, प्रदूषक और एलर्जी के कणों को पकड़कर बाहर निकालती है। गुड़ बलगम के उत्पादन को बढ़ाकर और लसीका प्रणाली की सफाई प्रक्रिया को तेज़ करके शरीर की इन अशुद्धियों को निकालने की क्षमता को बेहतर बनाता है।

हालाँकि गुड़ का पानी किसी चिकित्सकीय उपचार का विकल्प नहीं है, लेकिन इसके जैवसक्रिय (bioactive) गुण प्रदूषित वातावरण में श्वसन स्वास्थ्य को बनाए रखने का एक प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका हो सकते हैं। यदि सांस की समस्या बढ़े या बनी रहे, तो डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।

शोध से मिले साक्ष्य

लखनऊ स्थित औद्योगिक विषविज्ञान अनुसंधान केंद्र के एक अध्ययन में पाया गया कि धूल और धुएँ के बीच काम करने वाले औद्योगिक श्रमिकों को यदि नियमित रूप से गुड़ दिया जाए, तो उनकी सांस लेने में तकलीफ कम होती है। इस निष्कर्ष की पुष्टि करने के लिए किए गए पशु-प्रयोगों में भी पाया गया कि जिन चूहों को गुड़ दिया गया, उनके फेफड़ों और लसीका ग्रंथियों से कोयले की धूल अधिक प्रभावी ढंग से साफ हुई, जबकि जिन चूहों को गुड़ नहीं दिया गया, उनमें ऐसा असर नहीं दिखा।

अध्ययन में यह भी सामने आया कि गुड़ फेफड़ों के ऊतकों में होने वाली सूजन और फाइब्रोसिस को कम करता है, जिससे फेफड़ों की प्राकृतिक लोच बनी रहती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, गुड़ बलगम में सियालिक एसिड की मात्रा बढ़ाता है, जो प्रदूषक कणों को पकड़कर उन्हें वायुमार्ग से बाहर निकालने की प्रक्रिया को तेज़ करता है। यह यौगिक ऋणात्मक आवेश लिए होता है, जो धनात्मक आवेश वाले धूल और धुएँ के कणों को आकर्षित करके फेफड़ों की सफाई में मदद करता है।

संक्षेप में, सर्दियों के मौसम में रोज़ाना गुनगुने पानी में थोड़ा-सा गुड़ मिलाकर पीना एक सरल, सस्ता और असरदार तरीका हो सकता है अपने फेफड़ों को प्रदूषण के नुकसान से बचाने का।