विश्व शांति महोत्सव में शायरों ने बांधा समां

Story by  सेराज अनवर | Published by  [email protected] • 1 Years ago
 विश्व शांति महोत्सव में  शायरों ने बांधा समां
विश्व शांति महोत्सव में शायरों ने बांधा समां

 

सेराज अनवर/पटना
 
शांति केलिए शायरी भी ज़रूरी है.दिलों को जोड़ने वाली शायरी.गया (BIHAR)  में इनदिनों विश्व शांति महोत्सव चल रहा है.जहां विभिन्न धार्मिक गुरुओं से लेकर दुनिया में मुशायरा के लिए मशहूर अंदाज़ ए बयां और में अपनी शायरी से महफ़िल लूटने वाले शायरों ने गया गांधी मैदान के खुले मंच पर प्रेम,एकता,मानवता भरी शायरी से समां बांध दिया.

इस महफ़िल की ख़ासियत यह रही कि हिन्दू-मुसलमानों,जैन,बौद्धिस्ट सभी दिल खोल कर दाद देते नज़र आये.शायरी में देश के मौजूदा हालात पर शिकवा-शिकायत का दौर भी चला और भाईचारा की डोर को बांधे रखने की बात भी हुई.
 
बारिश की चन्द बूंदों ने मिल कर इतना बेहतरीन समा बांधा कि शाम रोमानी हो गई.अल्लाह,ईश्वर की बारिश में हिन्दू भी भीगे और मुसलमान भी.वाक़ई में महोत्सव का मज़ा शनिवार की रात्रि में आयोजित ऑल इंडिया मुशायरा और कवि सम्मेलन में आया.लोगों के चेहरे पे हंसी थी और तालियों की गूंज.यही शांति का असल संदेश है जब देश के हिन्दू,मुसलमान,सिख,ईसाई,बौद्ध,जैन सभी धर्म के लोग एक मंच पर बैठें और शिकवा-शिकायत को दरकिनार करें.
 
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नदीम फर्रुख के नाम है विश्व रिकार्ड

 पीस एसोसिएशन ऑफ इंडिया के तत्त्वावधान में आयोजित विश्व शांति सम्मेलन के तीसरे दिन शनिवार को अंतरराष्ट्रीय शायरों व कवियों से सुसज्जित मुशायरा सह कवि सम्मेलन आयोजित किया गया.इस मुशायरे में जौहर कानपुरी, हामिद भुसावली, सुनील कुमार तंग, शाईस्ता सना, नदीम फर्रुख, अतुल अजनबी, शबनम अली, पप्पू लखनवी, रेहाना इमाम आदि शायर व कवि सम्मिलित हुए.
 
नदीम फर्रुख और पप्पू लखनवी दुबई में आयोजित अंदाज़ ए बयां और में अपना कलाम सुना चुके हैं.नदीम की मौजूदा वक़्त में मुशायरे के बेहतरीन नाज़िम में गिनती होती है.इनके नाम सबसे लम्बा मुशायरा की नेज़मानत का विश्व रिकार्ड है.
 
शायद दिल्ली के एक मुशायरे में 102 घंटा निरंतर नेज़ामत का रिकार्ड है और सबसे बड़ी बात है इस मामले में हमारे हिंदुस्तानी शायर ने पड़ोसी मुल्क को मात दी.पाकिस्तान के नाम 39 घंटे लगातार मुशायरा कराने का रिकार्ड दर्ज था.लेकिन नदीम फ़र्रुख की नेज़ामत में भारत ने गिनीज़ बुक ऑफ़ विश्व रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करा लिया.
 
इस बात का ज़िक्र जब ख़ुद नदीम फ़र्रुख ने बुद्ध,विष्णु और सूफी पीरमंसूर की धरती पर की तो मुशायरे में शामिल हिंदुस्तानियों का सीना गर्व से फुल गया.
 
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ख़ूब चले तंज़ के तीर

कहानी को कोई तो मोड़ दो ना, बुरे हैं हम तो हमको छोड़ दो ना,
बहोत बेचैन हो कुछ तोड़ने को ये दिल हाजिर है इसको तोड़ दो ना

--हामिद भुसावली 

कोई रोक ना पाता गुजर गया होता,
मेरा नसीब मोहब्बत संवर गया होता,
न आई होती जो बेगम मेरे अयादत में
मैं अस्पताल की नर्सों पर मर गया होता

-- पपलू लखनवी

मुल्क और कौम की अजमत को बचाए रखना
अपनी तहजीब की दौलत को बचाए रखना 
मादर-ए-हिंद की बेटी की गुजारिश है यही
अपने सीने में मोहब्बत को बचाए रखना।

-- शबनम अली, उज्जैन 
 
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जिंदगी भर की रिफाकत में कमी आएगी 
यूं न जाओ कि मोहब्बत में कमी आएगी

--शाइस्ता सना, बरेली 

सुबह-ए-मगरूर को शाम कर देता है
शोहरतें छीन के गुमनाम भी कर देता है 
वक्त से आंख मिलाने की हिमाकत ना करो 
वक्त इंसान को नीलाम भी कर देता है।

-- नदीम फर्रुख (मुशायरा संचालक)
 
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तिरंगा बैलून उड़ा कर मुशायरे का हुआ आग़ाज़

कार्यक्रम का शुभारंभ अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन और सभी शायरों और कवियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर और तिरंगा बैलून उड़ा कर किया. पीस एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सेक्रेटरी इक़बाल हुसैन ने अतिथियों का स्वागत किया.
 
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कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले लोगों को मोमेंटो और शॉल देकर सम्मानित किया गया.इस कार्यक्रम के दौरान एक स्मारिका का भी विमोचन किया गया.कार्यक्रम में BJP नगर विधायक प्रेम कुमार,प्रदीप जैन, अंकुश बग्गा एडवोकेट, लालजी प्रसाद,वार्ड पार्षद नैयर अहमद.पूर्व वार्ड पार्षद संतोष सिंह, रिंकू सिन्हा, नवाब खान, आसिफ जफर, हलीम खान, मोती करीमी, असद परवेज उर्फ कमांडर, जावेद अख्तर, फैसल रहमानी, सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार, हफीज अख्तर, शाहिद खान और डॉक्टर अख्तर हुसैन, फौजी इमाम, डॉ. जेड खान,फुजैल अहमद सहित बड़ी तादाद में गयावासी मौजूद थे.