आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
दांतों की सड़न को अक्सर मामूली समझकर नजरअंदाज़ कर दिया जाता है, लेकिन यह एक गंभीर भूल हो सकती है। यह समस्या केवल दांतों के गिरने तक सीमित नहीं रहती, बल्कि लंबे समय तक इसकी अनदेखी मुंह के कैंसर जैसी घातक बीमारियों को जन्म दे सकती है।
आज के समय में मौखिक स्वास्थ्य समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। मसूड़ों की सूजन, दांतों में कीड़ा लगना, सांसों की बदबू और मुंह का कैंसर जैसी समस्याएं आम होती जा रही हैं। इतना ही नहीं, खराब मौखिक स्वच्छता से शरीर की अन्य बीमारियाँ भी जुड़ सकती हैं, जैसे—हृदय रोग और मधुमेह।
हमारा खान-पान भी इन समस्याओं को बढ़ावा देता है। दिनभर में हम जो भी खाते हैं, उसके कुछ अंश दांतों के बीच फंस जाते हैं। ये अंश मुँह में मौजूद लार, बैक्टीरिया और प्रोटीन के साथ मिलकर डेंटल प्लाक (Dental Plaque) बनाते हैं। यदि इस प्लाक को समय रहते साफ़ नहीं किया जाए, तो यह कठोर होकर टार्टर या कैलकुलस का रूप ले लेता है, जो दांतों और मसूड़ों को नुकसान पहुंचाता है।
इससे मसूड़ों से खून आना, सूजन, दांतों में सड़न, या यहां तक कि दांतों का गिरना जैसी परेशानियाँ हो सकती हैं। लेकिन कुछ बुनियादी नियमों को अपनाकर हम इन समस्याओं से काफी हद तक बच सकते हैं।
मौखिक स्वच्छता के लिए अपनाएं ये आसान उपाय:
1. दिन में दो बार ब्रश करें:
सुबह उठने के बाद और रात को सोने से पहले ब्रश करना सबसे जरूरी है। रात को ब्रश करने से मुँह में दिनभर जमा हुए बैक्टीरिया और खाने के कण साफ हो जाते हैं, जिससे प्लाक बनने की संभावना कम हो जाती है। सुबह ब्रश करने से मुँह ताज़ा रहता है और दिनभर बैक्टीरिया की संख्या नियंत्रित रहती है।
2. फ्लॉसिंग को न भूलें:
ब्रश से दांतों के बीच की जगह पूरी तरह साफ नहीं हो पाती। ऐसे में फ्लॉसिंग बहुत कारगर होती है। रात को ब्रश करने के बाद डेंटल फ्लॉस का उपयोग करने से उन जगहों की सफाई होती है, जहां ब्रश नहीं पहुंच पाता। इससे प्लाक और फंसे हुए खाने के कण आसानी से निकल जाते हैं।
3. नमक के गर्म पानी से गरारे करें:
दिन में कम से कम एक बार गुनगुने पानी में थोड़ा नमक मिलाकर गरारे करना चाहिए। यह न केवल मुँह में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करता है, बल्कि मसूड़ों की सूजन और दर्द में भी राहत देता है। यह एक आसान और प्रभावी घरेलू उपाय है, जिससे आपके मुँह का स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है।
4. मीठे और चिपचिपे खाद्य पदार्थों से परहेज करें:
बहुत अधिक मीठी या चिपचिपी चीजें, जैसे टॉफी, केक और मीठे ड्रिंक्स, दांतों के बीच चिपककर बैक्टीरिया को बढ़ावा देती हैं। इन्हें खाने के बाद अच्छी तरह ब्रश और फ्लॉस करना जरूरी है।
5. साल में दो बार डेंटिस्ट से जांच कराएं:
भले ही कोई दर्द या समस्या महसूस न हो रही हो, लेकिन साल में कम से कम दो बार डेंटिस्ट से नियमित जांच करवाना जरूरी है। इससे किसी भी समस्या का शुरुआती चरण में पता चल सकता है और इलाज आसान हो जाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हम दांतों और मसूड़ों की ठीक से देखभाल नहीं करते, तो यह शरीर के अन्य हिस्सों पर भी असर डाल सकता है। खराब मौखिक स्वच्छता से हृदय रोग, स्ट्रोक और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।