अखलाकी इंकलाब की तालीम लेकर जयपुर में शुरू हुआ जश्न-ए-मीलादुन्नबी

Story by  फरहान इसराइली | Published by  [email protected] | Date 21-05-2025
Jashn-e-Miladunnabi started in Jaipur with the teachings of Akhlaqi revolution
Jashn-e-Miladunnabi started in Jaipur with the teachings of Akhlaqi revolution

 

फरहान इसराइली | जयपुर

राजधानी जयपुर इन दिनों जश्न-ए-मीलादुन्नबी की पाक रौशनी में सराबोर है.पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की विलादत की 1500वीं सालगिरह के उपलक्ष्य में शहर के पहाड़गंज स्थित हिरा इंग्लिश सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक भव्य आयोजन के साथ इस मुबारक महीने के कार्यक्रमों की आधिकारिक शुरुआत की गई.इस अवसर पर ‘परचम कुशाई’ (ध्वजारोहण) के जरिए नबी-ए-पाक सल्ल. के पैग़ाम को फैलाने के संकल्प के साथ कार्यक्रमों की श्रंखला का आगाज़ हुआ.

कार्यक्रम की अध्यक्षता इस्लामिक इंटरनेशनल मोटिवेशनल स्पीकर और अमीर सुन्नी दावते इस्लामी, हज़रत मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी साहब (मुंबई) ने की.मौलाना शाकिर अली नूरी साहब ने इस मौके पर एक विशेष व्याख्यान दिया, जिसका विषय था "अखलाकी इंकलाब" यानी नैतिक क्रांति.

उन्होंने कुरान और हदीस की रौशनी में यह बताया कि नबी-ए-करीम सल्ल. ने सहाबा किराम की किस तरह से तरबियत फरमाई और उन्हें व्यवहारिक इस्लामी जीवनशैली सिखाई.उन्होंने यह भी बताया कि पैगंबर-ए-इस्लाम की सीरत (जीवन चरित्र) में इंसानियत, भाईचारा, ईमानदारी, संयम, और सेवा भाव की जो मिसालें हैं, वे आज के समय में भी पूरी मानवता के लिए मार्गदर्शक हैं.

jaipur

इस विशेष आयोजन का संचालन आले रसूल अल्हाज मौलाना सैय्यद मुहम्मद कादरी की निगरानी में हुआ, वहीं जयपुर के मुफ्ती-ए-शहर हज़रत मुफ्ती अब्दुस्सत्तार साहब ने कार्यक्रम की सरपरस्ती की.आईम्मा-ए-अहले सुन्नत की क़यादत में पूरे आयोजन को सजीव और प्रभावी रूप दिया गया.

इस अवसर पर कई अन्य उलेमा-ए-इकराम और वक्ताओं ने भी हज़रत मुहम्मद सल्ल. की सीरत-ए-पाक (पवित्र जीवन चरित्र) पर रोशनी डालते हुए बताया कि पैगंबर ने अपने जीवन में सभी धर्मों, जातियों और वर्गों के लोगों के साथ न्याय, करुणा और भलाई का व्यवहार किया.

मीलादुन्नबी के इस मुबारक मौके पर सिर्फ जलसे ही नहीं, बल्कि सेवा कार्यों को भी विशेष स्थान दिया गया.जयपुर के चारदीवारी क्षेत्र को रंग-बिरंगी रोशनी, झंडियों और इस्लामी प्रतीकों से सजाया गया.

इसके अलावागरीबों को खाद्य सामग्री वितरित की गई.अस्पतालों और जेलों में ज़रूरतमंदों को फल बाँटे गए.बेसहारा लोगों को गर्म कपड़े और ज़रूरी सामान वितरित किए गए.यह सेवा गतिविधियाँ आने वाले दिनों में भी जारी रहेंगी, जिससे समाज में इस्लाम के मानवतावादी पहलुओं की पहचान बनी रहे.

कार्यक्रम की शुरुआत मौलाना शाकिर अली नूरी साहब द्वारा झंडा फहराने (परचम कुशाई) से हुई.झंडा फहराते हुए ‘नबी की आमद मरहबा’ और ‘या रसूलल्लाह’ के नारों से आसमान गूंज उठा.झंडा, नबी की रहमतों, उनके पैगाम और उनके आदर्शों की याद दिलाता है.

कार्यक्रम संयोजक मौलाना सैय्यद मुहम्मद कादरी साहब ने पूरे शहरवासियों से अपील की कि इस मुबारक महीने में दरूद शरीफ की अधिक से अधिक तिलावत करें। उन्होंने बताया कि:जयपुर शहर के हर कोने में झंडे लगाए जाएंगे.

सीरत पर आधारित जलसे, आमसभाएं और नबी की तालीमात पर कार्यक्रम सार्वजनिक स्थलों, मस्जिदों और मदरसों में आयोजित किए जाएंगे.युवाओं को नबी की सच्चाई, सहनशीलता और इंसानियत पर आधारित शिक्षाएं दी जाएंगी.

jaipur

कार्यक्रम का समापन सलातो-सलाम (नबी सल्ल. पर विशेष दुआएं) और खास दुआओं के साथ किया गया, जिसमें देश और दुनिया की सलामती, आपसी भाईचारा, अमन-चैन और नबी के बताए रास्ते पर चलने की तौफीक मांगी गई.

जयपुर में मीलादुन्नबी के इस शुभारंभिक कार्यक्रम ने एक बार फिर यह साबित किया कि पैगंबर-ए-इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्ल. की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं.उनका जीवनचरित्र सिर्फ मुसलमानों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए रहमत और मार्गदर्शन का स्रोत है.

आने वाले दिनों में जयपुर में सीरत-ए-पाक से जुड़े कई और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनके माध्यम से लोगों को नबी की तालीम और उनके जीवन का उद्देश्य बताया जाएगा.यह जश्न रूहानी रौशनी और सामाजिक सेवा दोनों का संगम है, जिसमें हर वर्ग, हर उम्र और हर समुदाय के लोगों की भागीदारी देखी जा रही है.