समृद्धि
भारत मेरा प्यारा देश है. इसकी संस्कृति महान है। यहाँ नैतिकता, शिष्टाचार, भाईचारा, अपनापन व परोपकारी वृत्ती आदि मानवीय गुण लोगों के खून में रचे–बसे हैं.यहाँ हर मानव को मानव के रूप में ही जाना जाता है.प्राचीन काल से ही मेरा देश अपने मानवतावादी दृष्टिकोण के कारण विश्व के लिए प्रेरणा स्रोत रहा है तथा विश्व गुरु की भूमिका में रहा है.
आज भी मेरा देश किसी भी आपदा के समय विश्व की सहायता के लिए तत्पर रहता है.इसका ताजा उदाहरण कोरोना काल में विभिन्न देशों को दवाइयां उपलब्ध करवाना, तुर्की में आई प्राकृतिक आपदा के समय राहत सामग्री व दवाईयाँ आदि उपलब्ध करवाना आदि है.
आज के विद्यार्थी आने वाले समय में देश का निर्माण करेंगे.अत: हम देश का भविष्य हैं.हम अपने राष्ट्र निर्माण के कर्णधार होगें.आज हम जो राष्ट्र निर्माण हेतू सोचेंगे वही कल सच हो जाएगा.मैं अपने सपनों के भारत में अपनी भूमिका को अति महत्वपूर्ण मानती हूँ.
मेरे सपनो का भारत ऐसा होगा जहाँ हर व्यक्ति शिक्षित होगा, सभी के पास रोजगार होगा.मेरे सपनों का भारत एक ऐसा देश होगा जहाँ महिलाएं सुरक्षित होंगी और सड़क पर स्वतंत्र रूप से चल सकेंगी.
यह एक ऐसी जगह होगी जहां सभी को समानता व आजादी होगी.जहाँ हर कोई अपने मौलिक अधिकारों का आनंद ले सकेगा। यह एक ऐसी जगह होगी जहां जाति, रंग, लिंग या नस्ल का कोई भेद भाव नहीं होगा.
सभी के पास रहने के लिए छत होगी और कोई भूखा नहीं सोएगा.मैं प्रचुर मात्रा में विकास और वृद्धि का सपना देखती हूँ.भारत विज्ञान, तकनीक और कृषि के क्षेत्र में अधिक परिष्कृत होगा.मेरे प्यारे देश में अंधविश्वास व धार्मिक कट्टरता नहीं होगी.
मैं एक पूर्ण रूप से विकसित देश के रूप के भारत का सपना देखती हूँ, जो न केवल उपर्युक्त क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करेगा बल्कि अपनी सांस्कृतिक विरासत को भी बरकरार रखेगा.मेरे सपनों का भारत वो भारत है जो अधिक से अधिक प्रगति करे और जल्द ही विकसित देशों की सूची में शामिल हो.
मेरे सपनों के भारत के जो विभिन्न पक्ष हैं तथा उनमें जो मेरी भूमिका है उसका विस्तृत विवरण मैने इस प्रकार तैयार किया है —
1) शिक्षा— शिक्षा किसी भी देश की मजबूती की नींव है.कुछ लोग आज भी शिक्षा के महत्व को समझ नहीं पा रहे है.सरकार द्वारा छः से चौदह वर्ष के प्रत्येक बच्चे के लिए नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार दिया गया है.
अनेक तरह की छात्रवृत्तियां प्रदान करने का प्रावधान किया गया है , किंतु लोग इन सब को समझ नहीं पा रहे हैं.मैं आज अपने छोटे–छोटे प्रयासों द्वारा लोगों में जागृति लाने का प्रयास कर रही हूँ.
मैं निरक्षर लोगों की शिक्षा तथा अशक्त बच्चों की शिक्षा के लिए हर तरह की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहती हूँ.शिक्षित और प्रतिभाशाली व्यक्तियों से भरे राष्ट्र के विकास को कोई रोक नहीं सकता.
2) रोजगार के अवसर—देश के कई युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिल पाते। वे सरकारी नौकरी की तलाश में रहते हैं या विदेश जाकर अपना रोजगार तलाशते हैं.बेरोजगारी हमारे देश की प्रमुख समस्याओं में से एक विकट समस्या है.
मेरे सपनों के भारत के निर्माण के लिए मैं सरकार द्वारा प्रदान की गई विभिन्न योजनाओं का प्रचार करूँगी.प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, संकल्प योजना , स्टैंड अप इंडिया योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना आदि सरकार की रोजगार उन्मुखी योजनाएं हैं.मेरे सपनों के भारत को बेरोजगारी के दलदल से बाहर निकालने में ये कारगर रहेंगी.आज आवश्यकता है उन्हें दृढ़ निश्चय के साथ अपनाने की.
3) गरीबी— हमारे देश में गरीबी का कारण धन का असमान बँटवारा है.जो लोग पहले से अमीर हैं वे ओैर अमीर होते जा रहें हैं तथा जो गरीब हैं वे और गरीब होते जा रहे हैं.भारत सरकार द्वारा गरीबी उन्मूलन हेतु काफी महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही हैं जैसे - जनसंख्या पर प्रभावी नियंत्रण, भूमि सुधारो में तेजी, मुद्रास्फीति पर प्रभावी नियंत्रण, रोजगार वृद्धि, आवश्यक वस्तुओं की उचित मूल्य पर उपलब्धि, बचत व पूँजी–निर्माण को प्रोत्साहन आदि–आदि.
मैं एक विकासशील राष्ट्र की जागरूक छात्रा होने के कारण सरकार के इन सभी प्रयासों का समाज में प्रचार करती हूँ.समाज में जागृति फैलाकर ही गरीबी उन्मूलन में सरकार का सहयोग कर सकते हैं.हम अपने विद्यार्थी जीवन से ही अपने स्तर पर ये प्रयास जारी रख सकते हैं तथा भविष्य में अपने प्रयासों में अधिक तेजी ला सकते हैं.
4) जातिगत भेदभाव—हाल ही में फ्रेस्नो शहर , सिएटल शहर के बाद , अमेरिका में जाति आधारित भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने वाला दूसरा शहर बना है.हमारे देश में भी कुछ इलाके ऐसे हैं जहाँ आज भी लोग जातिगत भेदभावों से उबर नहीं पाए.
ये सब संकीर्ण मानसिकता के परिचायक है.आज हम अपने आस–पास, चाहे वह स्कूल हो या घर, ऐसी संकीर्ण मानसिकता वाले लोगों को विभिन्न उद्धरणों द्वारा इससे उबरने के लिए प्रेरित करते हैं ताकि हमारा राष्ट्र सुदृढ व शांत बने.
हमारे संविधान का अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता को समाप्त करता है.मैं कभी भी जाति संबंधी अशोभनीय बातों को सहन नहीं करती और न ही इसे बढ़ावा देती हूँ। मैं रूढ़िवादिता, अंधविश्वास तथा असमानता को हटाकर शिक्षा को प्रयोगात्मक तरीके से जोड़ने के लिए प्रेरित करती हूँ.
5) भ्रष्टाचार—मेरे सपनों का भारत भ्रष्टाचार मुक्त होगा.इसके लिए मैं लोगों को चुनाव के समय अपने मत का उचित प्रयोग करने का सुझाव देती हूँ.मैं ऐसे नेता का चुनाव करने का सुझाव देती हूँ जो अपने नागरिकों को समर्पित हो, अपनी जेब न भरने वाला सच्चा जननायक हो.
भ्रष्टाचार रोकने के लिए सरकार द्वारा सूचना का अधिकार 2005, भ्रष्टाचार निरोधक कानून लागू किया है.भ्रष्टाचार रोकने के लिए डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना चाहिए.
6) लिंग भेद— हमारे समाज में लिंग भेदभाव एक बहुत बड़ा मुद्दा है.इसके कारण और अनेक बुराइयां जैसे–दहेज प्रथा, बाल-विवाह, अशिक्षा, भ्रूण-हत्या आदि भी पैदा होती हैं.यदि समाज में बेटियों को बेटों के बराबर अधिकार व प्यार मिले तो कई बुराइयां स्वतः: खत्म हो जाएंँगी.
मैं एक ऐसे समाज का सपना देखती हूँ जहाँ बेटा–बेटी एक समान होंगे.इसके लिए मैं स्वयं को तथा आस–पास की लड़कियों को हर क्षेत्र में सशक्त व समर्थ बनने के लिए प्रेरणा देती हूँ.बालिका समृद्धि योजना, समान काम समान वेतन नियम लागू करना, घरेलू हिंसा में महिलाओं का उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम, महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम आदि अधिक सख्ती से सरकार द्वारा लागू करके सपनों के भारत का निर्माण किया जा सकता है.
7) तकनीकी उन्नति— हमारे देश ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काफी विकास किया है, फिर भी इस क्षेत्र में कड़ी मेहनत की आवश्यकता है.यह देखना अत्यंत दुखदाई है की तेज बुद्धि वाले व्यक्ति अपने देश के विकास में योगदान देने की बजाय रोजगार के अवसर तलाशने के लिए विदेश में चले जाते हैं.
वे देश का पैसा खर्च करवाते है तथा विदेशों की उन्नति में सहायक होते हैं.मैं अपने देश के साथ ऐसा कभी नहीं करूँगी.मैं अपने तकनीकी ज्ञान, कौशल व शिक्षा का उपयोग देश-हित में करके राष्ट्र निर्माण में सहयोग करूँगी.हमारे देश की तकनीकी उन्नति के कारण रेलवे प्रणाली की स्थापना, मेट्रो की स्थापना, सुपर कंप्यूटर, मोबाइल, स्मार्टफोन, इंटरनेट आदि तक लोगों की ऑनलाइन पहुँच हुई है.
8) अपराध दर — भारत में अपराध दर लगातार बढ़ रही है.हर दिन बलात्कार, चोरी-डकैती, हत्या जैसे जघन्य अपराध सुनने में आ रहे हैं.इनके पीछे का कारण शिक्षा का अभाव, बेरोजगारी और गरीबी है.शिक्षा का प्रचार, आर्थिक उन्नति, भ्रष्टाचार रोकना, पूर्ण नशा–निषेध में सरकार का साथ देकर मैं समाज को अपराध और नशा मुक्ति में सहयोग करूँगी.
9) धार्मिक मुद्दे— मेरे सपनों का भारत ऐसा होगा जहां लोगों से धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा.मानव धर्म ही सबसे बड़ा धर्म माना जाएगा.धार्मिक मुद्दों को दरकिनार करके कार्य करना राष्ट्र को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम होगा.
आज विडम्बना यह है कि लोगों में धर्म की समझ ही नहीं है.धर्म के नाम पर लोग अपना स्वार्थ सिद्ध करते हैं.जो धर्म मानव को मानव से जोड़ने के लिए बनाया गया था वही धर्म आज मानव को मानव से अलग करने का काम कर रहा है.
मैं अपने प्रयासों द्वारा मानव-धर्म का प्रचार-प्रसार करना जारी रखूंगी.अपनी दिव्य वाणी व वचनों द्वारा समाज में विभिन्न धर्मों को जोड़ने का प्रयास करती रहूँगी.
10) महिला सशक्तिकरण— हमारी वर्तमान सरकार ने हाल ही में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के तहत लोकसभा व राज्यसभा में 33% आरक्षण महिलाओं को देकर इस दिशा में ठोस कदम उठाया है.
इसके अतिरिक्त बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान भी चल रहा है जो वर्तमान सरकार का इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठन भी कार्य कर रहे हैं.
महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा बहुत सारी योजनाएं पहले से भी काम कर रही हैं.अपने प्रयासों द्वारा में भी सरकार के इन कानूनों द्वारा जागृति फैलाने का कार्य कर रही हूँ.
इस प्रकार मेरे सपनो के भारत-निर्माण में आज की युवा शक्ति व भविष्य की युवा शक्ति की महत्ती भूमिका है. कहते हैं कि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता, लेकिन अकेला चना शुरुआत अवश्य कर सकता है.
एक और एक मिलकर ग्यारह अवश्य हो सकते हैं। यदि हम सभी मिलकर किसी भी सकारात्मक परिवर्तन की शुरुआत करते हैं तो संगठन अवश्य बन जाता है.संगठन की शक्ति के बल पर एक दिन अवश्य आएगा जब भारत से अशिक्षा, गरीबी, जातिवाद, लिंग भेद, भ्रष्टाचार, अपराध व नशाखोरी, धार्मिक मुद्दे आदि समस्याएं समूल नष्ट कर दी जाएंगी.
भारत को एक ऐसे राष्ट्र के रूप में जाना जाएगा जहाँ हर व्यक्ति शिक्षित होगा, सभी को योग्य रोजगार मिल सकेगा, औद्योगिक व तकनीकी विकास के साथ–साथ प्रौद्योगिकी में भी अपना परचम लहराएगा.
इसी दिशा में हाल ही में इसरो द्वारा चंद्रयान–3 का सफल संचालन इसका ठोस उदाहरण है.'महिला सशक्तिकरण' द्वारा देश को अपनी आधी आबादी का विशेष सहयोग प्राप्त होगा.‘लोगों की भलाई व भ्रष्टाचार मुक्त भारत’ सरकार का एकमात्र एजेंडा होगा.प्रत्येक जन यहां शांत, स्वतंत्र, सुखी व सुरक्षित महसूस करेगा। यहां उन्हें जीवन की गुणवत्ता का आनंद मिलेगा.
अंत में मैं स्वयं लिखित कविता की कुछ पंक्तियां लिखना चाहूंगी—
“आज मैंने ठाना है, ऐसा समृद्ध भारत बनाना है।
न होगी गरीबी, न लिंग व जाति भेद, न भ्रष्टाचार।।
सुशिक्षा, सशक्ति, समुन्नति व होगा सदाचार।
अर्पित है देश पर मेरा कतरा– कतरा उन्मुक्त प्यार।।"
लेख खुसरो फाउंडेशन द्वारा पुरस्कृत. लेखिका उकलाना मंडी,जिला हिसार; हरियाणा की रहने वालीऔर दस वीं की छात्रा हैं.