बेंगलुरु बनेगा गवाह: पैगंबर मुहम्मद ﷺ की 1500वीं जयंती पर भव्य अंतर्राष्ट्रीय मिलाद-उन-नबी सम्मेलन

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 05-09-2025
Historic Milad-un-Nabi convention in Bengaluru: A massive gathering to mark the 1500th birth anniversary of Prophet Muhammad (ﷺ)
Historic Milad-un-Nabi convention in Bengaluru: A massive gathering to mark the 1500th birth anniversary of Prophet Muhammad (ﷺ)

 

आवाज़ द वाॅयस/ नई दिल्ली/ बेंगलुरु

 बेंगलुरु, कर्नाटक एक ऐतिहासिक पल का गवाह बनने जा रहा है.संयुक्त मिलाद समिति ने पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की 1500वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक अभूतपूर्व और भव्य अंतर्राष्ट्रीय मिलाद-उन-नबी सम्मेलन की घोषणा की है.यह सम्मेलन न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है.

बेंगलुरु पैलेस ग्राउंड्स में शुक्रवार, 5सितंबर, 2025को होने वाला यह कार्यक्रम मानवता के लिए दया, शांति और एकता के पैगाम को फिर से बुलंद करेगा.

एक ऐतिहासिक फैसला और भव्य तैयारी

अंतर्राष्ट्रीय मिलाद-उन-नबी सम्मेलन के आयोजक उस्मान शरीफ ने इस आयोजन पर खुशी और कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा, "हमें पैगंबर मुहम्मद () की 1500 वीं जयंती मनाने का यह अवसर मिला है.

हम राज्य सरकार के इस निर्णय का सम्मान करते हैं, जो बहुत सोच-समझकर और प्रक्रियाओं के साथ लिया गया है." उनके इन शब्दों से आयोजन की गंभीरता और उसके पीछे की प्रशासनिक तैयारी का पता चलता है.

कार्यक्रम की तैयारियों अपने अंतिम चरण में हैं.शहर में चारों ओर एक खास उत्साह और धार्मिक उल्लास का माहौल है.इस सम्मेलन में देश और विदेश से कई प्रमुख इस्लामिक विद्वान, आध्यात्मिक नेता और राजनेता शामिल होने वाले हैं.

लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के इस सभा में जुटने की उम्मीद है, जो इस आयोजन को और भी खास बनाती है.यह न सिर्फ धार्मिक भावना का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाता है कि दुनिया भर के मुसलमान अपने पैगंबर के सम्मान में एकजुट हैं.

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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विदेशी विद्वानों और नेताओं का जुटान

 

इस सम्मेलन में शिरकत करने वाली हस्तियों की सूची बेहद प्रभावशाली है.इसमें वैश्विक स्तर के इस्लामिक विद्वान शामिल हैं, जो विभिन्न देशों से आ रहे हैं, जिनमें सऊदी अरब (केएसए), यमन, इराक और भारत के विभिन्न हिस्सों से प्रमुख हस्तियाँ शामिल हैं.

मुख्य वक्ताओं और विशिष्ट अतिथियों की सूची इस प्रकार है:

भारतीय ग्रैंड मुफ्ती सुल्तानुल उलमा ए.पी. अबुबकर मुसलियार

शेख अब्दुल्ला अब्दुल कबीर अब्दुल करीम (मदीना शरीफ, केएसए)

सैय्यद अबथन अल-शमीरी (मदीना शरीफ, केएसए)

सैय्यद हाशिम अब्दुल कादिर अल-जिलानी (बगदाद शरीफ, इराक)

सैय्यदुल उलमा जिफरी मुथुकोया थंगल

सैय्यद हबीब उमर बिन हफ़ील (यमन)

इसके अलावा, भारत के विभिन्न राज्यों से भी कई प्रमुख इस्लामिक विद्वान शिरकत करेंगे, जैसे:

हजरत मौलाना पीर सैय्यद मुहम्मद कासिम अशरफ अशरफी (कचौचा शरीफ - यूपी),अल्लामा मुफ्ती मुहम्मद तौसीफ रज़ा खान कादरी बरेलवी (यूपी),मुफ्ती मुहम्मद अख्तर हुसैन अलीमी (यूपी),हज़रत अल्लामा डॉ. मुफ्ती मुहम्मद सज्जाद मिस्बाही रज़वी (कोलकाता),हज़रत अल्लामा शा अब्दुल कादिर शा वाजिद कादरी (बेंगलुरु).

इनके साथ, कर्नाटक और अन्य राज्यों के कई प्रमुख आध्यात्मिक नेता और मुफ्ती भी शामिल होंगे.यह विविधता इस बात का प्रमाण है कि पैगंबर मुहम्मद () का पैगाम हर नस्ल, भाषा और भौगोलिक क्षेत्र के लोगों को एक साथ जोड़ता है.

सरकारी और राजनीतिक सहभागिता

यह सम्मेलन सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि इसमें सरकार और राज्य के प्रमुख राजनीतिक चेहरे भी हिस्सा ले रहे हैं, जो इसकी महत्ता को और बढ़ा देता है.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री सिद्धारमैया, उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार, गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वरऔर आवास एवं वक्फ कैबिनेट मंत्री जनाब बीजेड जमीर अहमद खान इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे.

इसके अलावा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव जनाब नसीर अहमद, विधायक जनाब रिजवान अरशद और जनाब एन ए हारिस भी इस ऐतिहासिक अवसर पर उपस्थित रहेंगे.

इन गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति इस बात को दर्शाती है कि यह आयोजन राज्य सरकार की नजर में भी बहुत महत्वपूर्ण है और यह राज्य में धार्मिक सौहार्द और एकता को बढ़ावा देने के प्रयासों का हिस्सा है.

पैगाम: शांति, एकता और मानवता की भलाई

सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य पैगंबर मुहम्मद () की शिक्षाओं पर जोर देना है.यह उनके जीवन के उन पहलुओं को उजागर करेगा जो शांति, दया और मानवता की भलाई के लिए समर्पित थे.आयोजकों ने स्पष्ट किया है कि यह सिर्फ एक धार्मिक सभा नहीं है, बल्कि एक ऐसा मंच है जहाँ से भाईचारे और शांति का संदेश दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाया जाएगा.

सोशल मीडिया पर भी इस आयोजन को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है.मोहम्मद खुर्रम खान जैसे कई लोगों ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए दुआ की है कि अल्लाह इस प्रयास को कामयाब करे.वहीं रिजा फैसोल जैसे लोगों ने इमाम महदी और हज़रत ईसा (अलैहिस्सलाम) के आगमन से जुड़े ख्वाबों को साझा कर इस आयोजन की आध्यात्मिक गहराई को भी दर्शाया है.

आयोजन समिति ने बताया है कि इस सम्मेलन में पैगंबर () की सीरत (जीवनी) पर विस्तार से चर्चा की जाएगी और बताया जाएगा कि कैसे उनके जीवन से प्रेरणा लेकर हम आज की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं.यह आयोजन विशेष रूप से युवा पीढ़ी को पैगंबर () के जीवन के आदर्शों से परिचित कराने का एक सुनहरा मौका है.

 

भविष्य की ओर एक कदम

बेंगलुरु में होने वाला यह ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय मिलाद-उन-नबी सम्मेलन सिर्फ एक दिन का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह इस्लाम की असली तस्वीर को दुनिया के सामने रखने का एक प्रयास है.यह दिखाता है कि इस्लाम एक शांतिप्रिय धर्म है जो मानवता, भाईचारे और नैतिकता की शिक्षा देता है.

जैसे कि एक सोशल मीडिया यूजर मुहम्मद कयानी ने लिखा, "यह खैर (भलाई) सभी उम्मत, मानवता, ब्रह्मांड और जानवरों के लिए है." यह बयान इस आयोजन के व्यापक और समावेशी दृष्टिकोण को दर्शाता है.

निश्चित रूप से, यह सम्मेलन एक ऐसा मील का पत्थर साबित होगा जो भारत और दुनिया भर में मुसलमानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा.यह हमें याद दिलाएगा कि पैगंबर मुहम्मद () का जीवन सिर्फ एक धर्म के अनुयायियों के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक आदर्श है.