आवाज़ द वॉयस | नई दिल्ली
फल पोषण का अहम स्रोत माने जाते हैं और आमतौर पर हर मौसम में सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। मासिक धर्म के दौरान भी कई महिलाएं दर्द और असहजता से राहत पाने के लिए फलों का सहारा लेती हैं। लेकिन यह समझना ज़रूरी है कि सर्दियों में पीरियड्स के दौरान हर फल आपके शरीर के लिए अनुकूल नहीं होता। कुछ फल इस समय परेशानी को कम करने के बजाय बढ़ा सकते हैं।
मासिक धर्म के दौरान कई महिलाओं को पेट दर्द, सिरदर्द, मतली, गैस और अत्यधिक थकान जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है कि जहां कुछ फल इन लक्षणों को शांत करते हैं, वहीं कुछ फल—खासकर ठंडे मौसम में—दर्द और असहजता को बढ़ा सकते हैं।
पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को चिकित्सकीय भाषा में डिसमेनोरिया कहा जाता है। यह दर्द गर्भाशय की मांसपेशियों के संकुचन के कारण होता है, जिससे गर्भाशय की अंदरूनी परत बाहर निकलती है। इस दौरान खानपान का शरीर पर गहरा असर पड़ता है।
एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन इस समय शरीर में कई बदलाव लाते हैं—जैसे पानी जमा होना, पाचन क्रिया में बदलाव और शरीर के तापमान में उतार-चढ़ाव। ऐसे में बहुत ठंडे, ज्यादा खट्टे, अत्यधिक मीठे या किण्वित फल दर्द और असुविधा को बढ़ा सकते हैं।
आइए जानते हैं कि सर्दियों में मासिक धर्म के दौरान किन फलों से दूरी बनाना बेहतर होता है—
अनानास में ब्रोमेलिन नामक तत्व पाया जाता है, जो कुछ महिलाओं में गर्भाशय के संकुचन को बढ़ा सकता है। इससे ऐंठन और पेट दर्द अधिक तीव्र हो सकता है।
खासतौर पर अधपका पपीता गर्भाशय की गतिविधि को उत्तेजित कर सकता है। मासिक धर्म के दौरान इसका अधिक सेवन पेट फूलने और बेचैनी को बढ़ा सकता है।
सर्दियों में मिलने वाले अंगूर स्वाद में भले ही अच्छे लगें, लेकिन इनमें मौजूद उच्च फ्रक्टोज पाचन संबंधी समस्याएं और गैस पैदा कर सकता है, जिससे पीरियड्स के दौरान परेशानी बढ़ सकती है।
संतरा, नींबू जैसे खट्टे फल विटामिन C से भरपूर होते हैं, लेकिन सर्दियों में इनका अधिक सेवन शरीर में अम्लता बढ़ा सकता है। इससे मासिक धर्म के दौरान मतली और पेट दर्द की समस्या हो सकती है।
ये फल सामान्य तौर पर सुरक्षित माने जाते हैं, लेकिन सर्दियों में अगर इन्हें फ्रिज से निकालकर तुरंत खाया जाए, तो इनकी ठंडी प्रकृति पाचन को प्रभावित कर सकती है। इससे पेट फूलना और भारीपन महसूस हो सकता है।