यूसुफ अली ने मक्का-मदीना के सेवाकर्मियों के लिए खोला लुलु का खजाना

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 13-12-2025
Yusuf Ali opens Lulu's treasury for the service workers of Mecca and Medina
Yusuf Ali opens Lulu's treasury for the service workers of Mecca and Medina

 

मलिक असगर हाशमी/ नई दिल्ली

भारत के केरल प्रांत के मूल निवासी और विशाल लुलु हाइपरमार्केट समूह के दूरदर्शी मालिक एम. ए. यूसुफ अली ने हाल ही में एक ऐसी अनूठी और हृदयस्पर्शी पहल की है, जिसने न केवल व्यापारिक गलियारों में बल्कि वैश्विक सेवा और परोपकार के क्षेत्र में भी भारतीय मूल्यों की महानता को स्थापित किया है। अपनी असाधारण व्यावसायिक सफलता के बावजूद, यूसुफ अली हमेशा अपनी भारतीय जड़ों और सेवा भावना से जुड़े रहे हैं।

उन्होंने इस्लाम के दो सबसे पवित्र केंद्रों,मक्का में स्थित मस्जिद अल-हरम और मदीना में स्थित मस्जिद अन-नबवी की व्यवस्था में दिन-रात लगे लाखों हज एवं उमराह यात्रियों की सेवा में समर्पित कर्मचारियों के लिए अपने लुलु हाइपरमार्केट में विशेष सुविधाएँ और अभूतपूर्व रियायतें देने की घोषणा की है।

यह घोषणा मात्र एक व्यावसायिक कदम नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति में निहित 'सेवा परमो धर्मः' की भावना और 'वसुधैव कुटुंबकम्' के आदर्श का एक अद्भुत और व्यावहारिक प्रदर्शन है। इस महत्वपूर्ण पहल को साकार करने के लिए लुलु हाइपरमार्केट और दो पवित्र मस्जिदों के मामलों के सामान्य प्राधिकरण (General Authority for the Care of the Two Holy Mosques) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

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इन कर्मठ सेवाकर्मियों के अथक समर्पण का अंदाजा लगाना भी कठिन है। हाल ही में, जुमादा अल-अव्वल 1447 हिजरी के दौरान, दो पवित्र मस्जिदों के आगंतुकों की कुल संख्या 6,66,33,153के चौंकाने वाले आंकड़े तक पहुँची थी। इतने विशाल जनसमूह का प्रबंधन, उनकी सुरक्षा, सुविधा और आध्यात्मिक अनुभव को सुनिश्चित करना किसी भी प्रशासनिक निकाय के लिए एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण और जटिल कार्य होता है।

इस असाधारण सेवा, बेहतर व्यवस्था और निरंतर नवाचार के सम्मान स्वरूप ही दो पवित्र मस्जिदों के मामलों के सामान्य प्राधिकरण को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट ऑफिस (पीएमओ) शिखर सम्मेलन के 2025प्रोजेक्ट एक्सीलेंस अवार्ड्स में "वर्ष की सामाजिक परियोजना" श्रेणी में प्रतिष्ठित कांस्य पुरस्कार से नवाजा गया है।

यह उपलब्धि प्राधिकरण की 2024–2025 परिवर्तन योजना का परिणाम है, जिसका मुख्य उद्देश्य तीर्थयात्रियों और उपासकों के अनुभव को सर्वोत्तम बनाना और सेवाओं की गुणवत्ता में लगातार सुधार लाना है। यह सम्मान परियोजना प्रबंधन में उच्चतम कार्यप्रणाली को अपनाने और इस्लाम तथा मुसलमानों की सेवा के प्रति सऊदी नेतृत्व के गहरे संकल्प और ध्यान का प्रतीक है।

प्राधिकरण की सेवा उत्कृष्टता को एक और महत्वपूर्ण मान्यता तब मिली, जब उनकी अभिनव पहल "तहलुल मिन अल-नुस्क" को 2025 सऊदी ग्राहक अनुभव पुरस्कार में कांस्य पुरस्कार प्राप्त हुआ। यह सम्मान ग्राहक अनुभव विश्व फोरम में प्रदान किया गया। "तहलुल मिन अल-नुस्क" पहल ने अपने कार्यान्वयन के बाद से 17 लाख से अधिक हज यात्रियों को बिना किसी शुल्क के अनुष्ठान समापन की सुव्यवस्थित (streamlined) सेवाएँ प्रदान की हैं।

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प्राधिकरण के अध्यक्ष शेख डॉ. अब्दुल रहमान अल-सुदैस ने इसे तीर्थयात्री के अनुभव को संचालन के केंद्र में रखने का स्पष्ट प्रमाण बताया। डिजिटल समाधानों का उपयोग करके, यह कार्यक्रम अनुष्ठान पूरे करने के दौरान तीर्थयात्रियों के सामने आने वाली तार्किक चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करता है, जिससे उनके समय की बचत होती है और शारीरिक बोझ कम होता है।

इस विशाल और पुरस्कृत सेवा तंत्र के संचालन को नैतिक और भौतिक समर्थन प्रदान करने के लिए ही भारतीय उद्यमी एम. ए. यूसुफ अली ने अपनी वाणिज्यिक शक्ति का उपयोग किया है। लुलु हाइपरमार्केट सऊदी अरब ने दो पवित्र मस्जिदों के सामान्य प्राधिकरण के साथ जिस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, वह प्राधिकरण के हजारों कर्मचारियों को विशेष लाभ प्रदान करने के लिए एक मजबूत और रणनीतिक साझेदारी स्थापित करता है।

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dइस समझौते पर प्राधिकरण के साझा सेवा क्षेत्र के उपाध्यक्ष अयमान बिन अब्दुल रहमान अल-जुनादी और लुलु सऊदी अरब के निदेशक मोहम्मद हारिस ने हस्ताक्षर किए।

इस पहल के माध्यम से, लुलु हाइपरमार्केट अपने किंगडम के सभी स्टोरों,जिनमें मक्का में अल-रुसयफ़ा और जबल उमर जिला शाखाएँ, और मदीना में अल-मनाखाह शाखा जैसी संवेदनशील स्थानों के पास की शाखाएँ भी शामिल हैं,में इन सेवाकर्मियों को विशेष रियायतें और सुविधाएँ प्रदान करेगा।

यह पहल एक तरह से उन कर्मचारियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करती है जो अपने अथक परिश्रम और निःस्वार्थ भाव से लाखों उपासकों और आगंतुकों की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। यह एक भारतीय द्वारा अपने विदेशी कर्मचारियों को सम्मान देने का अद्भुत उदाहरण है।

दो पवित्र मस्जिदों के मामलों का सामान्य प्राधिकरण ग्रैंड मस्जिद और पैगंबर की मस्जिद को व्यवस्थित करने, प्रबंधित करने, संचालित करने और बनाए रखने के लिए जिम्मेदार केंद्रीय इकाई है।

यह भीड़ नियंत्रण, सफाई, रखरखाव, हज यात्रियों को सहायता, बहुभाषी मार्गदर्शन, बुजुर्गों और विकलांगों के लिए सुविधाएँ, शिशु देखभाल केंद्र, ज़मज़म जल का वितरण, और डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसी आवश्यक सेवाएँ प्रदान करती है।

इस पूरे सेवा तंत्र को सुचारू बनाए रखने वाले ये कर्मचारी वास्तव में सम्मान के पात्र हैं, और एक भारतीय उद्यमी का इतनी संवेदनशीलता के साथ आगे आकर उन्हें आर्थिक और सामाजिक सम्मान देना निःसंदेह देश के लिए गर्व का विषय है।

लुलु हाइपरमार्केट, जो मल्टी-डाइमेंशनल और मल्टीनेशनल लुलु ग्रुप इंटरनेशनल का खुदरा (Retail) डिवीज़न है, खाड़ी क्षेत्र में रिटेल इंडस्ट्री का एक अग्रणी ट्रेंड सेटर माना जाता है। 260से अधिक स्टोरों के साथ, लुलु उच्च गुणवत्ता वाली रिटेलिंग की पहचान बन चुका है।

यह ग्राहकों की सभी जरूरतों को एक ही छत के नीचे पूरा करके एक अल्ट्रा-मॉडर्न शॉपिंग माहौल देता है। बड़े काउंटर, पार्किंग की विशाल जगह, फ़ूड कोर्ट, और कई अंतर्राष्ट्रीय ब्रांडों की उपलब्धता इसकी टैगलाइन, 'लुलु, जहाँ दुनिया खरीदारी करने आती है' को सही साबित करती है।

लुलु अब केवल यूएई तक ही सीमित नहीं है, बल्कि जीसीसी, मिस्र, भारत, इंडोनेशिया और मलेशिया में भी सबसे पसंदीदा शॉपिंग डेस्टिनेशन बन गया है। एम. ए. यूसुफ अली का विज़न स्पष्ट है: वे जिन क्षेत्रों में काम करते हैं, वहां के ऑर्गेनाइज्ड रिटेल सेक्टर में अपनी नंबर 1पोजीशन बनाए रखना चाहते हैं, साथ ही अपने कर्मचारियों के लिए सबसे पसंदीदा एम्प्लॉयर बनने की कोशिश करते हैं।

उनका मिशन अपने ग्राहकों को बेमिसाल क्वालिटी के साथ एक यूनिक शॉपिंग एक्सपीरियंस देना है। इन लक्ष्यों के साथ, लुलु हाइपरमार्केट किंगडम में अपनी उपस्थिति का लगातार विस्तार कर रहा है, और जल्द ही मदीना में चार नए स्टोर खुलने वाले हैं।

इस साझेदारी के माध्यम से, एम. ए. यूसुफ अली ने भारतीय मूल के एक दूरदर्शी व्यापारी के रूप में न केवल अपने व्यवसाय का विस्तार किया है, बल्कि दुनिया के सबसे पवित्र स्थानों की सेवा में लगे कर्मचारियों के कल्याण को प्राथमिकता देकर एक उत्कृष्ट मानवीय मिसाल भी कायम की है।

यह पहल वैश्विक मंच पर भारत की "वसुधैव कुटुंबकम्" की भावना को सशक्त करती है, जहाँ व्यापार मानवता और सेवा के साथ अटूट रूप से जुड़कर देश के सम्मान को बढ़ाता है।

यह एक भारतीय के लिए अपने घर से दूर, दुनिया के सबसे संवेदनशील और सम्मानित स्थानों में, सेवा कार्यों को समर्थन देने का गौरवपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण है, जो अन्य वैश्विक निगमों के लिए भी एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करता है।