मलिक असगर हाशमी/नई दिल्ली
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के ‘अजान’ पर विवाद खड़ा करने के बाद अब देष के विभिन्न हिस्सों से इसके विरोध में स्वर उठने लगे हैं. कतिपय संगठनों की ओर से मांग की जा गई है कि लाउडस्पीकर द्वारा मस्जिद से अजान देने की परंपरा बंद होनी चाहिए. उनका तर्क है कि इससे आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है.
मनसे प्रमुख ने तो महाराष्ट्र सरकार को 3मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. कहा कि उनकी मांग नहीं मानी गई तो 3मई के बाद मस्जिदों के आगे लाउडस्पीकर से हनुमान चालीसा गाया जाएगा.
इस बीच पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल और अब उत्तर प्रदेष के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने एक ऐसा उदाहरण पेष किया, जो अजान पर विवाद खड़ा करने वालों के लिए एक सबक है. दोनों राजनेताओं ने अपने कर्मों से यह साबित किया है कि सभी धर्मों का सम्मान जरूरी है. इसके बगैर देश का भाईचारा बरकरार रहना असंभव है.
दरअसल, हुआ यूं कि लखनऊ के इंदिरा नगर-लवकुश नगर में भीमराव अम्बेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक मौजूद थे.
कार्यक्रम के दौरान जब वे स्पीच दे रहे थे तभी लाउडस्पीकर से ‘अजान‘ की आवाज सुनाई देने लगी. अजान सुनते ही उन्होंने अपनी स्पीच रोक दी और तब तक कुछ नहीं बोले जब तक अजान होती रही.
इस दौरान शोर-शराबा भी लगभग बंद रहा. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रहा है. लोग डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के इस व्यवहार की खूब तारीफ कर रहे हैं. जैन अजमत अली, मोहम्मद शम्स रजा कादरी, सुबीन खान, इंतेखाब उल हक आदि ने वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे ‘षानदार’ बताया है.
अनिकेत मिश्रा मीडिया की प्रतिक्रिया में लिखते हैं-‘‘ब्राह्रमण किसी का अहित नहीं करता. बृजेश पाठक जी असली ब्राह्मण हैं. सबका साथ सबका विकास और यही हमारे लखनऊ की तहजीब है.’’
खबर लिखने तक इस वीडियो को 18हजार लोग देख चुके थे. जबकि इसे 398बार री-ट्वीट और करीब दो हजार लोगों ने लाइक किया था.
— Mohammad Imran (@ImranTG1) April 13, 2022
महाराष्ट्र : गृहमंत्री ने अजान की आवाज आने ही भाषण रोका
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से पहले ऐसा ही महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल भी कर चुके हैं. कुछ दिनों पहले पुणे के शिरूर इलाके में उन्होंने अपना भाषण तब रोक दिया जब पास की मस्जिद से अजान की आवाज सुनाई दी.
उनका भी वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ था. पाटिल के कैबिनेट सहयोगी अजित पवार भी कुछ समय पहले पुणे में बोलते हुए कुछ ऐसा ही कर चुके हैं.अजान पर ठाकरे के बयान की आलोचना करते हुए पाटिल ने कहा कि मुसलमानों को अपने धर्म में आस्था है, जबकि हिंदुओं को अपने धर्म में.
वलसे पाटिल ने कहा, ‘‘कल्याण, शिक्षा और विकास में है. इसके बारे में सोचने के बजाय, दो समुदायों में संघर्ष पैदा करना देश को अस्थिर करने का प्रयास है. इससे देश कमजोर हो सकता है, जिसके बाद हम सद्भाव में नहीं रह पाएंगे.