आवाज़ द वॉयस | नई दिल्ली
रेल यात्रियों के लिए नए साल 2026 की शुरुआत एक बड़ी सौगात लेकर आने वाली है। भारतीय रेलवे अब हाई-स्पीड वंदे भारत स्लीपर ट्रेन शुरू करने की तैयारी में है, जिससे लंबी दूरी की रेल यात्रा न सिर्फ़ तेज़ होगी बल्कि पहले से कहीं ज़्यादा आरामदायक और सुरक्षित भी बनेगी। साल के आख़िरी दिन इस महत्वाकांक्षी परियोजना की दिशा में एक बड़ा कदम तब सामने आया, जब वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने कोटा–नागदा सेक्शन पर 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से CRS हाई-स्पीड ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया।
भारतीय रेलवे ने यह अंतिम हाई-स्पीड परीक्षण भारतीय रेलवे द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन पर कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) की देखरेख में किया। यह ट्रायल न केवल तकनीकी दृष्टि से अहम है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के विज़न की दिशा में भारत की रेल प्रौद्योगिकी में बढ़ती आत्मनिर्भरता का भी प्रतीक है।

180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर सफल परीक्षा
कोटा–नागदा सेक्शन पर किए गए इस परीक्षण के दौरान ट्रेन ने 180 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति हासिल की। ट्रायल के समय ट्रेन के हर महत्वपूर्ण तकनीकी पहलू की बारीकी से जांच की गई। इसमें राइड स्टेबिलिटी, झटकों और दोलन का व्यवहार, ब्रेकिंग सिस्टम, आपातकालीन ब्रेकिंग व्यवस्था, सुरक्षा प्रणालियां और हाई-स्पीड पर कोचों का संतुलन जैसे अहम मानक शामिल थे।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, सभी मापदंडों पर ट्रेन का प्रदर्शन पूरी तरह संतोषजनक रहा, जिसके बाद CRS ने इस हाई-स्पीड ट्रायल को सफल घोषित कर दिया। यह उपलब्धि वंदे भारत स्लीपर सेवाओं के व्यावसायिक संचालन की राह को लगभग साफ़ कर देती है।
सोशल मीडिया पर दिखी हाई-स्पीड की झलक
रेलवे, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर इस ऐतिहासिक ट्रायल का वीडियो साझा किया। वीडियो में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ते हुए दिखाया गया।
इस वीडियो का सबसे आकर्षक दृश्य वह था, जिसमें पानी से भरे गिलास को ट्रेन के भीतर रखा गया और हाई-स्पीड के बावजूद पानी का गिलास बिना हिले स्थिर रहा। यह प्रदर्शन ट्रेन की उन्नत राइड क्वालिटी, बेहतर सस्पेंशन सिस्टम और मजबूत इंजीनियरिंग का जीवंत प्रमाण माना जा रहा है।
लंबी दूरी के लिए खास तौर पर डिजाइन
ट्रायल में इस्तेमाल किया गया 16-कोच वाला वंदे भारत स्लीपर रैक विशेष रूप से लंबी दूरी की यात्राओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इस ट्रेन में आधुनिक और विश्वस्तरीय यात्री सुविधाओं को शामिल किया गया है, ताकि रात की यात्रा को आरामदायक और सुरक्षित बनाया जा सके।
इन सुविधाओं में आरामदायक स्लीपर बर्थ, उन्नत सस्पेंशन सिस्टम, स्वचालित दरवाजे, आधुनिक शौचालय, डिजिटल यात्री सूचना प्रणाली, ऊर्जा-कुशल तकनीकें और CCTV आधारित निगरानी प्रणाली शामिल हैं। इसका उद्देश्य यात्रियों को हवाई यात्रा जैसी सुविधा और रेल यात्रा जैसी किफ़ायत एक साथ उपलब्ध कराना है।
सुरक्षा में नई पीढ़ी की तकनीक
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। इसमें कवच सुरक्षा प्रणाली, क्रैशप्रूफ और झटके-रहित सेमी-परमानेंट कपलर, एंटी-क्लाइंबर, हर कोच के अंत में फायर बैरियर दरवाजे और बेहतर अग्नि सुरक्षा प्रबंध शामिल हैं।
इसके अलावा, इलेक्ट्रिकल कैबिनेट और शौचालयों में एयरोसोल आधारित आग का पता लगाने और आग बुझाने की प्रणाली, ऊर्जा दक्षता के लिए रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम और स्वदेशी रूप से विकसित UV-C लैंप आधारित कीटाणुशोधन तकनीक से युक्त एयर कंडीशनिंग यूनिट भी इसमें लगाई गई हैं।
यात्रियों की सुविधा पर विशेष ध्यान
यात्री सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों में केंद्रीय रूप से नियंत्रित स्वचालित प्लग दरवाजे, पूरी तरह से सील किए गए चौड़े गैंगवे, सभी कोचों में CCTV कैमरे और आपात स्थिति में यात्री व ट्रेन मैनेजर या लोको पायलट के बीच संपर्क के लिए आपातकालीन टॉक-बैक यूनिट दी गई है।
दिव्यांग यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हर छोर पर ड्राइविंग कोच में विशेष शौचालय की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही, एयर कंडीशनिंग, सैलून लाइटिंग जैसी सुविधाओं की बेहतर निगरानी के लिए केंद्रीकृत कोच मॉनिटरिंग सिस्टम और ऊपरी बर्थ पर चढ़ने में आसानी के लिए एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन की गई सीढ़ियां भी शामिल हैं।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
CRS हाई-स्पीड ट्रायल का सफल समापन भारतीय रेलवे के लिए एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि माना जा रहा है। यह न सिर्फ़ वंदे भारत स्लीपर सेवाओं की शुरुआत का मार्ग प्रशस्त करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत अब उन्नत और सुरक्षित रेल तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनता जा रहा है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही कम से कम एक रूट पर वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की नियमित सेवा शुरू की जा सकती है। अगर ऐसा होता है, तो 2026 भारतीय रेल यात्रियों के लिए तेज़, सुरक्षित और विश्वस्तरीय रेल यात्रा का नया अध्याय साबित होगा।