'यशोदा मेडिसिटी' में उत्तर भारत का पहला रोबोटिक सर्जरी और ट्रेनिंग सेंटर

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 25-10-2025
'Yashoda Medicity' houses North India's first robotic surgery and training center.
'Yashoda Medicity' houses North India's first robotic surgery and training center.

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
उत्तर भारत का पहला निजी रोबोटिक सर्जरी और ट्रेनिंग सेंटर यहां निजी अस्पताल ‘यशोदा मेडिसिटी’ में स्थापित किया गया है जहां अब तक लगभग 80 चिकित्सकों को 'रोबोटिक असिस्टेड सर्जरी ट्रेनिंग' दी जा चुकी है। यह जानकारी यशोदा मेडिसिटी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. पी.एन. अरोड़ा ने दी।

उन्होंने इसे स्वास्थ्य क्षेत्र का भविष्य बताते हुए कहा," रोबोटिक सर्जरी मरीज को बेहतर इलाज और जल्द रिकवरी में मदद करेगी और इससे जटिलताएं भी कम होंगी। रोबोटिक सर्जरी और ए.आई. (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के साथ, ये स्वास्थ्य क्षेत्र का भविष्य है।"
 
डा. अरोड़ा ने बताया कि ‘यशोदा मेडिसिटी’ में रोबोटिक सर्जरी, रोबोटिक ट्रेनिंग सेंटर, क्रिटिकल केयर और हार्ट सेंटर सहित कई उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए गए हैं।
 
इसका उद्घाटन 26 अक्टूबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में किया जाएगा।
 
उन्होंने बताया कि यह अस्पताल 1200 बेड का होगा और पहले चरण में 600 बेड के साथ इसका संचालन शुरु किया जाएगा।
 
डॉ. पी.एन. अरोड़ा ने पीटीआई-भाषा को बताया, "रोबोटिक सर्जरी और ट्रेनिंग के क्षेत्र में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। यहां जून 2025 से रोबोटिक असिस्टेड सर्जरी ट्रेनिंग शुरु की गयी जिसमें शामिल होने वाले सभी सर्जन को 'लार्ज लाइव एनिमल' के ऊपर ट्रेनिंग दी जा रही है और अब तक तकरीबन 80 चिकित्सकों को इसमें ट्रेनिंग दी जा चुकी है।"
 
उन्होंने बताया कि अस्पताल में रोबोटिक सिस्टम के उपयोग से विभिन्न प्रकार की सर्जरी की जाएंगी। इनमें स्त्री रोग (हिस्टेरेक्टॉमी (गर्भाशय को हटाना), मायोमेक्टोमी (फाइब्रॉएड को हटाना) और एंडोमेट्रियोसिस सर्जरी (एंडोमेट्रियोसिस के ऊतकों को हटाना) गर्भाशय संबंधी स्थितियों के इलाज), प्रोस्टेट कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर, फेफड़े का कैंसर, किडनी संबंद्ध कैंसर, हृदय (बाईपास ग्राफ्टिंग और हृदय वाल्व की मरम्मत ), यूरोलॉजी, किडनी ट्रांसप्लांट में भी जो डोनर है, उसकी नेफ्रेक्टोमी"(किसी व्यक्ति की किडनी को सर्जरी द्वारा निकालना) और न्यूरोसर्जरी शामिल है।
 
उन्होंने कहा कि आम सर्जरी की तुलना में रोबोटिक सर्जरी के कई फायदे है और इसके माध्यम से रोगियों को बेहतर इलाज, तेजी से रिकवरी और कम जटिलताओं के साथ चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
 
डॉ. अरोड़ा ने आने वाले समय में रोबोटिक सर्जरी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह काफी व्यापक स्वरूप लेने वाला है क्योंकि यह तकनीक प्रतिदिन नए-नए बदलाव, नवोन्मेष और शोध एवं विकास के दौर से गुजर रही है और यह क्रम लगातार जारी रहेगा।
 
उन्होंने कहा कि अगर इसे इतिहास के नजरिए से देखें, तो पहले सिर्फ ओपन सर्जरी होती थीं, फिर लैप्रोस्कोपिक सर्जरी आई, जहां कैमरे के जरिए सर्जरी की जाती थी।