Uttarakhand: CM Pushkar Singh Dhami participates in paddy sowing, showcases commitment to farmers and cultural heritage
उधम सिंह नगर, उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किसानों की कड़ी मेहनत, त्याग और समर्पण को सलाम करते हुए शनिवार को खटीमा के नागरा तराई क्षेत्र में अपने निजी खेत पर धान की बुवाई में भाग लिया। एक विज्ञप्ति के अनुसार, इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण हुड़किया बौल की मधुर धुनों के माध्यम से भूमि देवता (भूमि के देवता), भगवान इंद्र (वर्षा के देवता) और मेघराज (बादलों के देवता) की पारंपरिक पूजा अर्चना की। हुड़किया बौल एक लोक वाद्य यंत्र है जिसे ऐतिहासिक रूप से उत्तराखंड के खेतों में अच्छी फसल के लिए आशीर्वाद मांगने के लिए बजाया जाता है।
बुवाई गतिविधि में सीएम धामी की सक्रिय भागीदारी और कृषक समुदाय के साथ उनके गहरे सांस्कृतिक जुड़ाव ने स्थानीय लोगों में जबरदस्त उत्साह पैदा किया। मुख्यमंत्री की यह प्रेरणादायक पहल उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानने और सम्मान देने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इसी तरह, पारंपरिक कृषि पद्धतियों, ग्रामीण सांस्कृतिक विरासत और समृद्ध लोक कलाओं के संरक्षण को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया।
इस बीच, धामी ने शुक्रवार को देहरादून में आयोजित नागरिक उड्डयन सम्मेलन-2025 में भाग लिया।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू और उत्तर भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री भी सम्मेलन में शामिल हुए। सीएम ने कहा कि यह सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के नागरिक उड्डयन क्षेत्र में हुई ऐतिहासिक प्रगति का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि उड़ान योजना के माध्यम से छोटे शहरों और दूरस्थ क्षेत्रों को हवाई संपर्क से जोड़कर न केवल आम नागरिकों के लिए हवाई यात्रा सुलभ हुई है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था भी मजबूत हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में वर्तमान में 18 हेलीपोर्ट विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें से 12 पर सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में हेली सेवाएं न केवल परिवहन का साधन बन गई हैं, बल्कि जीवन रेखा भी बन गई हैं। आपदा प्रबंधन हो, स्वास्थ्य सेवाएं हों या तीर्थयात्रा, हेलीकॉप्टर सेवाओं ने इन क्षेत्रों में अभूतपूर्व सुविधा प्रदान की है।
मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय से पर्वतीय राज्यों के लिए अलग से "पर्वतीय विमानन नीति" बनाने का आग्रह किया, जिसमें विशेष वित्तीय सहायता, संचालन के लिए सब्सिडी, पर्वतीय क्षेत्रों के लिए उपयुक्त एटीसी नेटवर्क, सटीक मौसम पूर्वानुमान, स्लॉटिंग और आपदा पूर्व तैयारी जैसे प्रावधान शामिल किए जाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी अनुरोध किया कि सभी ऑपरेटर पर्वतीय उड़ानों के लिए विशेष पायलट प्रशिक्षण प्रदान करें, सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करें और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।