पटना में जुटे देशभर के उलेमा बोले-प्यार बांटते चले

Story by  सेराज अनवर | Published by  [email protected] • 1 Years ago
पटना में जुटे देशभर के उलेमा बोले-प्यार बांटते चले
पटना में जुटे देशभर के उलेमा बोले-प्यार बांटते चले

 

सेराज अनवर /पटना

देशभर के उलेमा अब यह भली-भांति समझने लगे हैं कि किसी भी समस्या का हल वाद-विवाद से संभव नहीं है. मसलों को सुलझाने के लिए प्यार, मुहब्बत और समन्वय जरूरी है.

इसी तर्ज पर पहली बार बिहार में बड़ी संख्या में उलेमा जुटे.सुन्नी मसलक के इदारा ए शरिया के आह्वान पर देश के कई राज्यों के मौलाना पटना में सामाजिक कुरीतियों,शिक्षा,और मुल्क में बढ़ रही प्रताड़ना को लेकर घंटों सिर जोड़ कर बैठे और तय किया कि नफरत की जगह हमें प्यार फैलाना है.
 
मुहब्बत से लोगों के दिल जितने हैं.यह भी तय हुआ कि बिहार,झारखंड, बंगाल और ओडिशा के सभी जिलों में अल्पसंख्यक मुद्दों पर  तहरीक बिदारी सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.
 
इस अभियान का नेतृत्व इदारा ए शरिया के अध्यक्ष  मौलाना गुलाम रसूल बलयावी करेंगे. बैठक में बिहार के
मुजफ्फरपुर,वैशाली,पूर्णिया,कटिहार,गया,जहानाबाद,औरंगाबाद, आरा,छपरा,सीवान,दरभंगा,मधुबनी,झारखंड के
हजारीबाग,रांची,रामगढ़,बोकारो,जमशेदपुर,कोडरमा,पलामुयबंगाल के कलकत्ता, आसनसोल, बर्दवान, जलपाईगुड़ी, उत्तरदिनाजपुर, कालियाचक और ओडिशा के भद्रक, कटक, कियोंझार और अन्य क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

प्रस्ताव में क्या कहा गया ?

बैठक में प्रस्ताव आया कि वर्तमान में देश के मुसलमानों को तरह-तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.हजार नफरतों के बावजूद  प्यार फैलाना होगा.आज लोकतंत्र और देश को मजबूत करना आवश्यक है. देश को सशक्त  बनाने केलिए  कई प्रस्ताव पेश किए गए.निर्णय लिया गया कि 
मौलाना गुलाम रसूल बलयावी  के नेतृत्व में बिहार, बंगाल, झारखंड और उड़ीसा के मुसलमानों की शैक्षिक,धार्मिक, रोजगार, अधिकारों की सुरक्षा और अन्य गंभीर समस्याओं को हल करने के लिए छह महीने के अंदर हर जिले में इदारा ए शरिया जागरूकता अभियान चलाएगा. यह भी प्रस्ताव आए कि शादियों में लाखर्ची के सबब बेटियां बोझ बनती जा रही हैं.महंगे  विवाह समारोहों ने गरीबों को अपनी जमीन बेचने पर मजबूर कर दिया है.दहेज प्रथा के विरुद्ध भी जोरदार मुहिम चलाने की जरूरत है. सम्मेलन में लव जेहाद, गौ रक्षा के नाम पर नफरत फैलाने की निंदा की गई.
 
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मौलाना बलयावी ने क्या कहा?

कार्यक्रम में मौलाना गुलाम रसूल बलयावी ने कहा कि  लगभग 54 वर्ष पूर्व हमारे बुजुर्ग समान भाव से एक साथ बैठे थे.इस समय,अपने बड़ों के दूरगामी विचारों का ऋणी हूं.
 
विशेष रूप से भारत के ताजदार अहले-सुन्नत हजरत मुफ्ती आजम अहले-सुन्नत हजरत अल्लामा अरशद-उल-कादरी का जिन्हेंने देश को बहुत कुछ दिया.आज देश में अनेक समस्याएं हैं.जिनसे मुस्लिम  समुदाय जूझ रहा है.
 
चाहे वह इस्लामी कानून और शरीयत में हस्तक्षेप हो, मुस्लिम पर्सनल लॉ में संशोधन, ट्रिपल तलाक, देश में मुसलमानों की नागरिकता और अस्तित्व या दंगे, देश के किसी भी प्रांत में अचानक आपदाएं, चाहे वह भूकंप हो बाढ़,आपदा हो,इदारा  ए शरीया हर मोड़ पर मुस्लिम समुदाय की रक्षा के लिए तत्पर रहा है.
 
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इन प्रतिनिधियों ने की शिरकत

बैठक में  शामिल होने वाले प्रतिनिधियों में अमीन शरीयत शरिया संस्थान अब्दुल मनान कलीमी, सैयद शाह अलकामा शिबली रांची, सैयद शाह मोइनुद्दीन मुफ्ती हसन, सैयद शाह अफसरुल अजीमी खगड़िया, सैयद नजरुल हसन, शमीमुल कादरी मुजफ्फरपुर, मुफ्ती हमीदुल कादरी, मुफ्ती मौलाना सैयद अहमद रजा, मुफ्ती जुबैर अहमद सिद्दीकी पूर्णिया, मुफ्ती अहसान रजा सीतामढ़ी, मुफ्ती आबिद,मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी, मुफ्ती मुजफ्फर हुसैन गया, अब्दुल्ला रिजवी अहकरुल कादरी मुजफ्फरपुर, मुफ्ती इरशाद, मौलाना शहादत हुसैन फैजी कोडरमा, मौलाना अबुल कलाम नूरी किशनगंज, मौलाना सैफुल्ला अलीमी कलकत्ता, मौलाना जाकिर हुसैन गया, मुफ्ती अली रजा वैशाली,मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी शरिया संस्थान झारखंड, मुफ्ती गुलाम हुसैन सकाफी नायब काजी मुजाहिद रजाबाद , मौलाना मतिउर रहमान समस्तीपुर, मौलाना अंसार अहमद मधुबनी, मौलाना अब्दुल मुबीन रिजवी, मौलाना अनवर नवाज कटिहार, सैयद जमालुद्दीन चंपारण, मौलाना असलम फैजी, मधेपुर, मौलाना आलम बंगाल, मौलाना अयूब आलम शम्सी रजा धनबाद, अब्दुल कयूम गढ़वा, मौलाना मुख्तार रिजवी गया, मौलाना खालिद अली मेहराजगंज यूपी,मौलाना नूर आलम रिजवी बेगूसराय , मौलाना हैदर रजा दरभंगा, मौलाना जसीमुद्दीन डालटेनगंज , मौलाना राहत एहसान दादरी, मौलाना गयासुद्दीन गोपालगंज, मुहम्मद हबीब आलम रामगढ़, मौलाना सैयद नौशाद आलम बरकती कांकेरी रांची, मौलाना ताजुद्दीन रांची का नाम प्रमुख है. अध्यक्षता एदार ए शरिया  के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना गुलाम रसुल बलयावी ने की.डॉ अमजद रजा अमजद ने संचालन  किया और मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने प्रस्ताव पढा.