अमरेली (गुजरात)
गुजरात के अमरेली जिले में पिछले तीन दिनों में तीन शेर के शावकों की मौत हो गई है, जिसके बाद वन विभाग ने एहतियातन कदम उठाते हुए तीन शेरनियों और छह शावकों को निगरानी में ले लिया है। इन सभी के रक्त नमूने जांच के लिए भेजे जाएंगे। यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी।
गुजरात के वन मंत्री मुलूभाई बेरा ने बताया कि दो शावकों की मौत 28 जुलाई को और एक की मौत 30 जुलाई को हुई। उन्होंने कहा, “जूनागढ़ से पशु चिकित्सकों की टीम को तुरंत मौके पर भेजा गया। वरिष्ठ वन अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। ऐहतियात के तौर पर तीन शेरनियों और छह शावकों को अलग रखा गया है और उनके रक्त के नमूने जांच के लिए भेजे जाएंगे।”
बेरा ने कहा कि मौत के कारणों का पता फाइनल रिपोर्ट आने के बाद चलेगा।
शेत्रुंजी वन्य प्रभाग के उपवन संरक्षक धनंजय साधु ने बताया कि करीब एक हफ्ते पहले जाफराबाद तालुका के कागवदर गांव के पास दो शावक अकेले पाए गए थे, जिन्हें उनकी मां ने छोड़ दिया था।
उन्होंने कहा, “दोनों शावकों को रेस्क्यू सेंटर में लाकर चिकित्सा दी गई, लेकिन कमजोरी और न्यूमोनिया के कारण उनकी दो दिन पहले मौत हो गई। हमने एहतियात के तौर पर इलाके में मौजूद अन्य शेरों और शावकों की सेहत की जांच का निर्णय लिया है। बुधवार को हमने तीन शेरनियों और छह शावकों को रेस्क्यू किया है।”
उन्होंने कहा कि इन सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कर रक्त के नमूने लिए जाएंगे और फिर उन्हें जंगल में वापस छोड़ दिया जाएगा। नमूनों को वन प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जाएगा।
गौरतलब है कि 2018 में गुजरात में एक महीने के भीतर 11 शेरों की मौत हो गई थी। इसकी वजह कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (CDV) और प्रोटोजोआल संक्रमण बताई गई थी।
सीडीवी एक अत्यधिक संक्रामक वायरस है जो जानवरों की रोग प्रतिरोधक क्षमता और अन्य महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित करता है, और अधिकतर मामलों में यह घातक साबित होता है।