प्रधानमंत्री के हाथों की कठपुतली है निर्वाचन आयोग: खरगे

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 02-08-2025
Election Commission is a puppet in the hands of the Prime Minister: Kharge
Election Commission is a puppet in the hands of the Prime Minister: Kharge

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महाराष्ट्र में मतदाता सूचियों में कथित हेरफेर के विषय को लेकर शनिवार को निर्वाचन आयोग पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह संवैधानिक संस्था प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों की कठपुतली है.
 
उन्होंने कांग्रेस के विधि, मानवाधिकार और आरटीआई विभाग द्वारा आयोजित वार्षिक विधिक सम्मेलन में यह दावा भी किया कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश का संविधान बदलना चाहते हैं, लेकिन जनता ऐसा नहीं होने देगी.
 
खरगे ने दावा किया, ‘‘महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में मतदाता सूचियों में नाम जोड़े गए। महाराष्ट्र के एक हॉस्टल में 9 हजार मतदाता कैसे हो सकते हैं?’’
 
उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग नरेन्द्र मोदी की कठपुतली है.
 
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘‘भारत का संविधान सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र की आत्मा है। यह प्रत्येक भारतीय को न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे का अधिकार देता है. लेकिन आज संविधान खतरे में है.’’
 
उन्होंने दावा किया, ‘‘सत्ता में बैठे नेता संविधान बदलने की बात कर रहे हैं। भाजपा-आएसएस के बड़े-बड़े नेताओं का इरादा है कि संविधान की प्रस्तावना से समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता शब्द को हटा दिया जाए। भाजपा को 2024 के चुनाव में 400 सीट मिल जाती, तो वो संविधान को बदल देते, लेकिन ये देश की जनता की ताकत है, उन्होंने 400 पार कहने वालों के मुंह पर तमाचा मारा.’’
 
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस उपलब्धि का श्रेय राहुल गांधी जी को जाता है, क्योंकि उन्होंने संविधान को बचाने की मुहिम चलाई.
 
खरगे ने कहा, ‘‘भाजपा-आरएसएस के लोग समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता शब्द संविधान से निकाल ही नहीं सकते हैं, क्योंकि उनके पास वो ताकत नहीं है, जो इस देश की जनता के पास है.
 
खरगे ने दावा कि वर्तमान मानसून सत्र में प्रधानमंत्री मोदी संसद में आने के बाद अपने कार्यालय में बैठे रहते हैं, लेकिन सदन में नहीं आते।’’
 
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘वह कार्यालय में बैठकर टीवी पर संसद की कार्यवाही देखते हैं. अगर कार्यवाही ही देखनी है तो सदन में आइए, आमने-सामने से देखिए। मुझे तो समझ नहीं आता है, उन्हें किस बात का डर है.