आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश विधानसभा में ‘‘विजन 2047’’ दस्तावेज पर 24 घंटे की मैराथन चर्चा बृहस्पतिवार सुबह तक हुई, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों, दोनों के विधायकों ने भविष्य के विकास के खाके पर चर्चा की.
सुबह लगभग छह बजकर 15 मिनट पर राज्य के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सभापति से सदस्यों के बोलने का समय चार मिनट तक सीमित करने का आग्रह किया, क्योंकि बड़ी संख्या में विधायक अब भी विशेष चर्चा में भाग लेने के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं.
‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ विषय पर आयोजित विशेष चर्चा बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुई और रात भर चर्चा जारी रही। इस सत्र का आयोजन विधानसभा के जारी मानसून सत्र के तहत हो रहा है.
यह चर्चा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प से प्रेरित है। मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प जताया था।
बुधवार रात को चर्चा के दौरान, उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने 2047 की योजनाओं पर चर्चा की प्रासंगिकता पर सवाल उठाने के लिए विपक्षी दलों पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, ‘‘केवल वो नेता जो भावी पीढ़ियों के कल्याण के बारे में सोचते हैं, वे ही भविष्य की नींव रख सकते हैं, न कि वे जो केवल अगला चुनाव जीतने के बारे में सोचते हैं.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दशकों आगे की सोच रखने वाले ‘‘राष्ट्र नेता’’ हैं.
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि 2047 में विकसित भारत के निर्माण के संकल्प में उत्तर प्रदेश की भूमिका पर चर्चा करने के अवसर को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लिया जाना चाहिए.