नई दिल्ली
बिहार में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में विभिन्न दलों के विजयी उम्मीदवारों को 60,000 से लेकर 1.5 लाख तक वोट मिले। यह जानकारी निर्वाचन आयोग (ईसी) के अधिकारियों ने बुधवार को साझा की।
निर्वाचन आयोग ने यह आंकड़ा ऐसे समय में जारी किया है जब सोशल मीडिया और राजनीतिक चर्चा में यह आरोप उठाए जा रहे थे कि भाजपा के कई शीर्ष उम्मीदवारों को लगभग 1.22 लाख वोट मिले, जो संयोगपूर्ण प्रतीत हो रहा था। कुछ लोग इसे ईसी द्वारा भाजपा उम्मीदवारों को समान वोट सुनिश्चित करने के प्रयास के रूप में देख रहे थे।
ईसी ने स्पष्ट किया कि आंकड़ों के अनुसार, विजयी उम्मीदवारों को अलग-अलग संख्या में वोट मिले। विवरण के अनुसार, भाजपा के एक और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के तीन उम्मीदवारों सहित चार उम्मीदवारों को 60,000 से 69,999 वोट मिले।
इसके अलावा, 65 विजयी उम्मीदवारों को 90,000 से 99,999 वोट प्राप्त हुए। वहीं, भाजपा के कुछ अन्य उम्मीदवारों को 1,40,000 से 1,49,999 वोट मिले।
निर्वाचन आयोग ने यह भी बताया कि सभी आंकड़े प्रमाणिक हैं और चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष रूप से संपन्न हुई। आयोग ने नागरिकों से अपील की कि वे अफवाहों और अटकलों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें।
इस डेटा से स्पष्ट होता है कि बिहार विधानसभा चुनाव में विजयी उम्मीदवारों को मिले वोटों में विविधता रही और किसी विशेष दल या उम्मीदवार को समान वोटों के जरिए प्राथमिकता देने का कोई सबूत नहीं है। यह जानकारी चुनाव की पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखने के प्रयास के तहत जारी की गई है।






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