मलिक असगर हाशमी /नई दिल्ली
यूं तो हर मां के लिए सभी संतान बराबर होते हैं, पर वर्चुअल वर्ल्ड में मौजूद तस्वीरें बताती हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां हीराबेन में जबर्दस्त बाउंडिंग थी. यही वजह है कि काम से कभी अवकाश नहीं लेने और चंद घंटे की नींद लेने वाले पीएम मोदी, तमाम व्यस्ताआंे के बावजूद किसी न किसी बहाने मां से मिलने अहमदाबाद पहुंच जाते थे. मां के 100 वें जन्मदिन पर भी पीएम मोदी उनके साथ थे और अहमदबाद के अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी वह उनके करीब थे.
अपने रिश्तों को जाहिर करने के लिए पीएम मोदी ने अपनी मां के साथ बिताए पलों को याद करते हुए हीरा बा पर बेहद इमोशनल ब्लॉग लिखा है.
पीएम मोदी ने लिखा है कि उनकी मां दूसरों की खुशी में अपनी खुशी ढूंढती थीं और उनका दिल बड़ा था. प्रधानमंत्री मोदी ने बचपन में अपनी मां (हीराबेन मोदी) के सामने आई तमाम मुश्किलों को याद करते हुए कहा, मेरी मां जितनी सरल हैं,
उतनी ही असाधारण भी. अन्य सभी माताओं की तरह. उन्होंने लिखा, उन्हें मेरी दादी का चेहरा या उनकी गोद तक याद नहीं है. उन्होंने अपना पूरा बचपन अपनी मां के बिना बिताया है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मां हीराबेन पर यह ब्लाग उनके 100वें जन्मदिन पर लिखा था, जो बेहद इमोशनल है. इसमें पीएम मोदी ने मां के साथ बिताए पलों को याद किया है. उन्होंने लिखा, मां, यह सिर्फ एक शब्द नहीं है. यह जीवन की भावना है, जिसमें प्यार, धैर्य, विश्वास, बहुत कुछ शामिल है.
ब्लॉग में उन्हांेने अपनी मां के बलिदानों को याद करते हुए उनके विभिन्न गुणों का उल्लेख किया है. उनके मन, व्यक्तित्व और आत्म-सम्मान को भी ब्लॉग में आकार देने की कोशिश की है.
वह ब्लाग में लिखते हैं- मेरी मां, हीरा बा, आज 18 जून को अपने सौवें वर्ष में प्रवेश कर रही हैं, जो उनके जन्म के शताब्दी वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है और मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी और सौभाग्य की अनुभूति हो रही है.
पीएम मोदी ने मां की सादगी का जिक्र करते हुए ब्लॉग में लिखा कि मेरी मां जितनी सरल हैं, उतनी ही असाधारण भी. अन्य सभी माताओं की तरह. उन्होंने कहा, उन्हें मेरी दादी का चेहरा या
उनकी गोद तक याद नहीं है. उन्होंने अपना पूरा बचपन अपनी मां के बिना बिताया है.
अपनी मां की बेहद सादगी भरी जीवनशैली के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि आज भी उनके पास मां के नाम कोई संपत्ति नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैंने उन्हें कभी सोने के गहने पहने नहीं देखे. न ही उन्हें इनमें कोई दिलचस्पी है. हमेशा की तरह, वह अपने छोटे से कमरे में बहुत ही साधारण जीवन जीतीं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी मां स्वच्छता से जुड़े लोगों के लिए बहुत सम्मान करती थीं. उनके घर में जब भी कोई नाला साफ करने आता तो उनकी मां उन्हें बिना चाय पिलाए जाने नहीं देती थीं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी मां दूसरों की खुशी में अपनी खुशी ढूंढती थीं और उनका दिल बड़ा था. मेरे पिता के एक करीबी दोस्त पास के एक गांव में रहते थे. ब्लॉग में मोदी ने उन्हें भी याद किया.
वह लिखते हैं- उनकी असामयिक मृत्यु के बाद, मेरे पिता अपने दोस्त के बेटे अब्बास को हमारे घर ले आए. वह हमारे साथ रहे और अपनी शिक्षा पूरी की. मां ने अब्बास को हमारे भाई-बहनों की तरह बहुत प्यार और देखभाल की. हर साल ईद पर वह उसका मनपसंद खाना बनाती थीं. त्योहारों पर हमारे घर पड़ोस के बच्चों का आना और मां की खास तैयारियों का लुत्फ उठाना आम बात थी.
मोदी ब्लॉग में वडिंगार में अपने छोटे से घर को याद करते हुए लिखते हैं, मिट्टी की दीवारें और मिट्टी की छत से बना था, जहां वह अपनी मां, पिता और भाई के साथ रहते थे.पीएम मोदी अपनी मां के कितने करीब थे, इसका पता आज सुबह के उनके दर्द भरे ट्वीट से भी पता चलता है.