2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट : अजित पवार बोले- राजनीतिक दबाव में किसी को बचाने का आदेश नहीं

Story by  रावी | Published by  [email protected] | Date 25-07-2025
2006 Mumbai train blast: Ajit Pawar said - there was no order to save anyone under political pressure
2006 Mumbai train blast: Ajit Pawar said - there was no order to save anyone under political pressure

 

मुंबई

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने गुरुवार को कहा कि 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन बम धमाकों के मामले में किसी को भी राजनीतिक दबाव के चलते नहीं बचाया जाएगा। यह बयान उस वक्त आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा 12 आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले पर रोक लगा दी है।

अजित पवार ने कहा, “सरकार को इस मामले की गहन जांच के निर्देश दिए गए हैं और जरूरत पड़ी तो महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) भी लगाया जाएगा। राजनीतिक दबाव में किसी को भी बचाने का कोई सवाल नहीं उठता। मैं आज ही गार्जियन मंत्री बना हूं, यह घटना उससे पहले की है। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है कि वह सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए निष्पक्ष निर्णय देगी।”

उन्होंने कहा कि सरकार की छवि महत्वपूर्ण है और न्याय जरूर मिलेगा। “देवेंद्रजी (फडणवीस) आज दिल्ली में हैं, उनके लौटने पर इस मुद्दे पर बातचीत करेंगे।”

कोकटे विवाद पर बोले पवार

कृषि मंत्री माणिकराव कोकटे को लेकर उठे विवाद पर पवार ने कहा कि वे कोकटे से मुलाकात करेंगे और मामले की सच्चाई समझेंगे। विधानसभा में कोकटे से जुड़ा एक वीडियो सामने आने के बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और मंत्री राम शिंदे ने जांच के आदेश दिए हैं।

पवार ने बताया कि इससे पहले भी विधानसभा में अनुशासनहीनता की घटनाएं हुई हैं और उन पर जांच चल रही है। “पहले भी सदन में मर्यादा बनाए रखने के सख्त निर्देश दिए गए थे। यह दूसरी बार हुआ है, मैं स्वयं इस पर चर्चा करूंगा,” उन्होंने कहा।

पेन ड्राइव पर विपक्ष को चुनौती

हाल ही में सामने आए एक पेन ड्राइव को लेकर लग रहे आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए अजित पवार ने विपक्ष को चुनौती दी – “उसे छिपाना बंद कीजिए। ये कैसी पेन ड्राइव है? सामने लाइए। सच जनता के सामने आना चाहिए। इसमें जिन चार मंत्रियों के नाम आ रहे हैं, पुलिस जांच करेगी।”

मराठी-हिंदी विवाद पर बोले पवार

पवार ने मराठी और हिंदी भाषा को लेकर उठे विवाद पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यह छत्रपति शाहू, फुले और अंबेडकर की महाराष्ट्र है। यहां पहले मराठी बोली जाती है, फिर हिंदी। अगर कोई मराठी नहीं बोल सकता तो कम से कम भाषा का सम्मान तो करे।”