The chief of staff of the Houthi rebel "army," who was injured in an Israeli attack, died.
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
यमन में हूती विद्रोहियों के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाकर अगस्त में किए गए एक इजराइली हवाई हमले में घायल हुए उनके ‘‘सेना प्रमुख’’ की मौत हो गई। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
हमास की सेना के प्रमुख की मौत से समूह और इजराइल के बीच तनाव ऐसे समय में और बढ़ गया है जब गाजा पट्टी में युद्ध विराम समझौते के तहत कदम उठाए जा रहे हैं।
हूती विद्रोहियों ने मेजर जनरल मोहम्मद अब्दुल करीम अल-गमारी की मौत की बात स्वीकार की है। गमारी पर यमन में दशकों से जारी युद्ध में उसकी भूमिका के कारण संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगाया था।
इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने बताया कि हमले में लगी चोटों के कारण अल-गमारी की मौत हो गई।
काट्ज ने इस हमले को ‘‘पहली संतान का हमला’’ बताया जो संभवतः 28 अगस्त को इजराइल द्वारा किए गए हमलों की शृंखला के संदर्भ में कहा गया था।
इजराइल द्वारा 28 अगस्त को किए गए उस हमले में हूती प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी और अन्य लोग मारे गए थे। हालांकि, विश्लेषकों का अनुमान है कि अल-गमारी, एक गुप्त समूह को निशाना बनाकर किए गए एक अलग हमले में घायल हुआ था।
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी स्वीकार किया कि इजराइल के हमले में अल-गमारी मारा गया।
नेतन्याहू ने कहा, ‘‘हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वाले आतंकवादी सरगनाओं की कतार में शामिल एक और ‘चीफ ऑफ स्टाफ’ को मार गिराया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम उन सभी तक पहुंचेंगे।’’
हूती-नियंत्रित ‘सबा’ समाचार एजेंसी द्वारा जारी एक बयान में समूह ने कहा कि अल-गमारी, अपने 13 वर्षीय बेटे हुसैन और ‘‘अपने कई साथियों’’ के साथ मारा गया। बयान में हमले की तारीख का विवरण नहीं दिया गया, न ही हमले में मारे गए अन्य लोगों की पहचान बताई गई।