तेलंगाना सरकार दावाः प्रदेश में बेहतर स्थिति है मुसलमानों की

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 27-10-2021
महमूद अली
महमूद अली

 

आवाज द वॉयस / हैदराबाद

तेलंगाना के गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली ने कहा है कि राज्य के गठन के बाद मुसलमानों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है.उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में अल्पसंख्यकों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की गईं.

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने यह दावा किया. इस दौरान उन्होंने तेलंगाना राष्ट्रीय समिति पार्टी के अध्यक्ष के रूप में 9वीं बार निर्विरोध चुने जाने पर मुख्यमंत्री केसीआर को बधाई दी.उन्होंने केसीआर को तेलंगाना के महात्मा के रूप में भी संदर्भित किया. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तरह, उन्होंने भी एक अलग तेलंगाना राज्य के लिए अहिंसक आंदोलन का नेतृत्व किया था.

उन्होंने कहा कि केसीआर ने 14साल के दृढ़ संकल्प और संघर्ष के बाद तेलंगाना राज्य का दर्जा हासिल किया.इसके अलावा, उन्होंने कहा कि तेलंगाना के गठन के बाद, केसीआर ने राज्य में हर जाति के लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरू करके राज्य का नेतृत्व और शासन किया है. उन्होंने कहा कि केसीआर देश के रोल मॉडल मुख्यमंत्री बन गए हैं.

महमूद अली ने कहा कि राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22में अल्पसंख्यकों के लिए 1606.39करोड़ रुपये मंजूर किए, जिसमें से 765.31करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं. उन्होंने याद दिलाया कि राज्य सरकार द्वारा पिछले सात वर्षों के टीआरएस शासन में अल्पसंख्यकों के प्रचार, कल्याण और विकास के लिए कुल 6644.26करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जबकि कांग्रेस के 10साल के कार्यकाल में केवल 925करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे.

गृह मंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यकों में साक्षरता दर में सुधार के लिए कुल 204अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय स्थापित किए गए हैं जिनमें 1,14,440छात्र पढ़ रहे हैं. राज्य सरकार ने 500अल्पसंख्यक आईएएस और आईपीएस उम्मीदवारों के प्रशिक्षण के लिए ट्यूशन फीस के रूप में 12.53करोड़ रुपये भी जारी किए हैं.

उन्होंने आगे कहा कि लगभग 9,23,704अल्पसंख्यक छात्रों की फीस की प्रतिपूर्ति के लिए 389करोड़ रुपये दिए गए.महमूद अली ने कहा कि शादी मुबारक योजना के तहत 1,95,825पात्र बालिकाओं के बीच 1534.16करोड़ रुपये वितरित किए गए. उन्होंने कहा कि मस्जिदों के इमामों और मुअज्जिनों के लिए 293.59करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं.

उन्होंने कहा कि तेलंगाना राज्य के गठन के बाद, उर्दू को राज्य के सभी जिलों में दूसरी आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई है.