नई दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा ने वकीलों को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने के बजाय वर्चुअल माध्यम से सुनवाई में शामिल होने की सलाह दी है।
न्यायमूर्ति अतुल एस. चंदुरकर के साथ पीठ में बैठे न्यायमूर्ति नरसिम्हा ने गुरुवार को मामलों के उल्लेख के दौरान यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण स्तर के कारण स्वास्थ्य पर गंभीर खतरे मंडरा रहे हैं, ऐसे में वकीलों और अन्य अदालत कर्मियों को अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत में मौजूद वकीलों के मास्क पहनने का जिक्र किया, जिस पर न्यायमूर्ति नरसिम्हा ने कहा कि “सिर्फ मास्क पहनना पर्याप्त नहीं है, जहरीली हवा स्थायी नुकसान पहुंचा सकती है।”
दिल्ली-एनसीआर में इस महीने की शुरुआत से ही वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, इस हफ्ते राजधानी की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में रही। मंगलवार को शाम चार बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 428 दर्ज किया गया था, जो इस सीजन का सबसे खराब स्तर था। बुधवार को भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लगातार उच्च प्रदूषण स्तर श्वसन रोगों और हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ा सकता है।