बीजापुर (छत्तीसगढ़)
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 11 नवंबर को हुई मुठभेड़ों में मारे गए छह माओवादियों की पहचान कर ली गई है। इनमें तीन महिला नक्सली भी शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि मौके से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए हैं।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) पी. सुंदरराज ने बताया कि 11 नवंबर को बीजापुर जिले में सीपीआई (माओवादी) संगठन की मौजूदगी की सूचना पर सुरक्षा बलों ने एक संयुक्त अभियान शुरू किया था। इस अभियान में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), दंतेवाड़ा की विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) और अन्य बलों की टीमें शामिल थीं।
आईजी सुंदरराज ने कहा, “अभियान के दौरान कई मुठभेड़ें हुईं। मुठभेड़ के बाद छह माओवादियों के शव बरामद किए गए, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल थीं। मारे गए माओवादियों की पहचान डिवीजनल कमेटी सदस्य कन्ना (सेंट्रल एरिया कमेटी प्रभारी), एरिया कमेटी सदस्य जगत, तथा संगठन के अन्य सदस्य मंगली और भगत के रूप में हुई है।”
पुलिस ने बताया कि मौके से एके-47 राइफल, एलएमजी और इंसास जैसी कई उन्नत श्रेणी की बंदूकें बरामद की गई हैं। आईजी सुंदरराज ने कहा, “हमारे सुरक्षा बल पूरी तरह सक्षम हैं और हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।”
उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल-मुक्त बनाना है। पिछले 20 महीनों में 2,200 से अधिक नक्सली हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं।
आईजी सुंदरराज ने कहा, “वामपंथी उग्रवाद सिर्फ बस्तर या छत्तीसगढ़ नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए दशकों से बड़ी चुनौती रहा है। पिछले कुछ वर्षों में बस्तर क्षेत्र में निर्णायक सफलता मिली है। इस दौरान 450 से अधिक नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं, जिनमें शीर्ष कमांडर बसवराजु और अन्य शामिल हैं। हाल के महीनों में केंद्रीय समिति, पोलित ब्यूरो और डिवीजनल कमेटी के 300 से अधिक माओवादी कैडर आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं।”