आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
लद्दाख के पुलिस महानिदेशक एस.डी. सिंह जामवाल ने शनिवार को कहा कि कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के विरोध-प्रदर्शनों के वीडियो सीमा पार भेजने वाले एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंट की पिछले माह हुई गिरफ्तारी के संदर्भ में, पुलिस वांगचुक के पाकिस्तान से कथित संबंधों की जांच कर रही है.
जामवाल ने सोनम वांगचुक को बुधवार को हुई हिंसा का जिम्मेदार बताया. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे.
वांगचुक को शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत हिरासत में लेकर राजस्थान के जोधपुर की एक जेल में भेज दिया गया.
जामवाल ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘जांच (वांगचुक के खिलाफ) में क्या पाया गया है, यह अभी सार्वजनिक नहीं किया जा सकता. प्रक्रिया जारी है। अगर आप उनका यूट्यूब पर उपलब्ध प्रोफाइल और इतिहास देखें, तो उनके भाषण लोगों को उकसाने वाले प्रतीत होते हैं, क्योंकि उन्होंने अरब क्रांति और नेपाल, बांग्लादेश एवं श्रीलंका में हाल की अशांति का जिक्र किया था.
उन्होंने कहा, ‘‘उनका (वांगचुक का) अपना एक एजेंडा था। उनके खिलाफ विदेशी चंदा और विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के उल्लंघन की जांच जारी है। एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंट हमारी हिरासत में है, जो वांगचुक के नेतृत्व में हुए प्रदर्शनों के वीडियो सीमा पार भेज रहा था.
पुलिस प्रमुख ने वांगचुक की कुछ विदेश यात्राओं को संदिग्ध बताते हुए कहा, ‘‘उन्होंने पाकिस्तान में द डॉन (पाकिस्तानी समाचार पत्र) के एक कार्यक्रम में भाग लिया और बांग्लादेश भी गए.’’
वांगचुक, लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और केंद्रशासित प्रदेश को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर ‘लेह एपेक्स बॉडी’ और ‘करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस’ द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन का मुख्य चेहरा रहे हैं.