बेंगलुरु. कर्नाटक भाजपा इकाई ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए बार-बार अनुरोध के बाद भी एक मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने से इनकार करने पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की आलोचना की है. “यह सीएम सिद्धारमैया का असली चेहरा है. उन्होंने अल्पसंख्यकों के लिए 10,000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे और अयोध्या श्री राम मंदिर के लिए एक भी रुपये का फंड देने की जहमत नहीं उठाई. उन्हें भगवान श्री राम के अवतार के रूप में प्रतिष्ठित किया जा रहा है, इसके लिए वह विजयपुरा के डायबेरी गांव में देवी वाग्देवी के दर्शन करते हैं."
बीजेपी ने सवाल किया, "श्री. सीएम सिद्धारमैया, आप दरगाहों और मस्जिदों में जाते हैं और जो कुछ भी देते हैं उसे स्वीकार करते हैं और पोज़ देते हैं. आपके पास भूमि के कल्याण के लिए देवी के प्रति सम्मान दिखाने का समय नहीं है. आपको हिंदू देवताओं और हिंदू लोगों के प्रति इतनी नफरत क्यों है?'' भाजपा इकाई ने भी सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ उनके हिंदू विरोधी रुख को उजागर करते हुए कई पोस्ट डालकर एक अभियान शुरू किया है.
39 सेकंड के वीडियो में, सीएम सिद्धारमैया मंदिर के प्रवेश द्वार के पास आते दिख रहे हैं, लेकिन अंदर आने का अनुरोध करने पर भी वे अंदर जाने से इनकार कर देते हैं. इसके बजाय वह बड़े और मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी.पाटिल कोमंदिर के अंदर भेजते हैं.
वीडियो में लोगों को मंत्री पाटिल से सीएम को अपने साथ अंदर बुलाने का अनुरोध करते हुए भी दिखाया गया है. जब पाटिल ने उन्हें आमंत्रित किया, तो सीएम सिद्धारमैया ने इशारा किया कि वह प्रवेश नहीं करेंगे.
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